बुक हॉल: जुलाई-अगस्त 2021 में संग्रह में जुड़ी किताबें

 

बुक हॉल: अगस्त 2021 | Book Haul: August 2021
अगस्त 2021 में खरीदी गयी किताबें

अगर आप किताबों के शौकीन हैं तो आप भी यह जानते होंगे कि किताबों को पढ़ने के बराबर सुख किताबें खरीदने से भी प्राप्त होता है। इसी सुख का नतीजा है कि मैंने अपने लिए इतनी किताबें खरीद कर रख ली हैं कि अगले पाँच दस साल तक नई किताब न भी लूँ तो भी पढ़ने के लिए मेरे पास भरपूर सामग्री उपलब्ध रहेगी। लेकिन फिर भी किताबें खरीदने का लोभ मैं संवरण नहीं कर पाता हूँ। ना ना करते-करते भी किताबें ले लेता हूँ, फिर भले ही उन्हे पढ़ने का वक्त कुछ वर्षों में ही आए। 

अब देखिए न मई में मैंने काफी किताबें खरीदी थीं और फिर जून-जुलाई में कुछ नहीं खरीदा था। पर किताबों से मैं जितना दूर रहूँ किताबें मुझे तक पहुँच ही जाती हैं और इसलिए जुलाई में दो किताबें मेरे पास आ गयी थी। और फिर अगस्त आया तो और किताबें न लेने का मेरा प्रण धराशाही हो गया। जहाँ तीन किताबें मुझे पत्नी जी द्वारा उपहार स्वरूप मिली वहीं छः किताबें मैंने खुद ही अपने को उपहार दे दी। 


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यानी जून से अगस्त तक मेरे पास आयी नई किताबों की बात करूँ तो इन तीन माह में मेरे पास ग्यारह नई किताबें आयी हैं। इन गयाराह किताबों मे से तीन यात्रा वृत्तान्त हैं, एक कहानी संग्रह हैं और सात उपन्यास हैं। आयी हुई किताबों में तीन किताबें अंग्रेजी की और बाकी आठ किताबें हिंदी की हैं।  

चलिए अब ज्यादा देर न करते हुए देखते हैं कि यह किताबें कौन सी हैं?

जुलाई में आई किताबें 

आखिरी प्रेमगीत – अभिषेक जोशी 

आखिरी प्रेमगीत - अभिषेक जोशी
आखिरी प्रेमगीत

आखिरी प्रेमगीत को मैं काफी समय से पढ़ना चाहता था क्योंकि यह अलग विषय वस्तु पर लिखी गयी थी। किताब का जो परिचय दिया था उससे यह जाहिर होता था कि यह एक प्रेम कहानी तो है लेकिन इस प्रेम कहानी में संगीत भी गुँथा हुआ है। मुझे अभी तक ऐसा उपन्यास नहीं मिला था जिसमें संगीत और प्रेम को साथ में रखा गया हो और मैं देखना चाहता था कि लेखक ने ऐसा किस तरह किया है। 

लेकिन इस उपन्यास को मैंने खरीदना मुल्तवी कर दिया था क्योंकि मेरे पास पहले से ही काफी उपन्यास हो चुके थे जिन्हे पहले मैं पढ़ना चाहता था। लेकिन वो कहते हैं कि कई बार जो आप चाहो वो होता है और यही इस उपन्यास के साथ हुआ। लेखक ने जब यह उपन्यास मुझे भेजने की बात कही तो मैं पहले तो मना किया लेकिन सच बताऊँ तो अंदर से एक खुशी भी हुई थी। पहले मेरा विचार उपन्यास का ई बुक संस्करण पढ़ने की थी लेकिन अब लेखक के सदके जब पैपरबैक आ चुका है तो जल्द ही इसे पढ़ने की कोशिश रहेगी। इस पुस्तक को मुझ तक पहुँचाने के लिए मैं लेखक का आभारी हूँ। 

किताब परिचय

नटराज त्रिपाठी और सरगम सिन्हा दोनों दोस्त है तथा मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते है। वे दोनों साथ में संगीत महाविद्यालय में पढ़ रहे है। जहाँ नटराज महान गायक बनना चाहता है वहीँ सरगम नृत्यांगना। शक्ति सिंह जो एक विधायक का लड़का है जो सरगम से प्रेम करता है और सरगम भी शक्ति को चाहती है। सरगम सिन्हा और शक्ति के प्रेम के बीच शक्ति के विधायक पिता सरगम के प्रसिद्ध होने पर उसे मरवाने की सुपारी देता है। लेकिन पासा उल्टा पड़ जाता है और दो निर्दोष मारे जाते हैं, जिससे नटराज की ज़िन्दगी में तूफ़ान आ जाता है और वह एक ऐसी साधना में लीन हो जाता है जो दुनिया में सबकुछ बदलने की क्षमता रखती है !

…कहते हैं एक बार तानसेन ने अकबर को अपना दीप राग सुनाया जिससे भरे दरबार में सभी दीपक अपने आप जल उठे। तानसेन के बाद क्या नटराज भी ऐसा कर सकने में सक्षम था ? आखिर वे क्या परिस्थितियाँ थी जिसमें उसे लाखों दीपक अपनी साधना के बल से जलाना पड़े ?

किताब लिंक: अमेज़न

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कोव 19 – अभिषेक जोशी 

कोव 19 - अभिषेक जोशी
कोव 19
कोव 19 लेखक अभिषेक जोशी का हाल ही में आया उपन्यास है। यह एक रोमांच कथा है जिसे कोविड 19 के इर्द  गिर्द बुना गया है।  चूँकि हम सभी अभी कोविड से जूझ रहे हैं तो देखना है कि लेखक ने किस तरह से इसे लिखा है।
यह उपन्यास भी लेखक द्वारा मुझे भिजवाया गया था जिसके लिए मैं उनका आभारी हूँ। 
किताब परिचय

यूँ तो चमगादड़ चीन के वुहान में बिकने पहली दफा ही आये थे, मगर जिस तरह उन्हें बेचा गया, या यूं कहें देखते ही देखते सारे ही बिक गए, सिर्फ एक इत्तेफ़ाक़ था या कोई साजिश।
जिस तरह वायरस फैला, क्या ये सिर्फ एक बीमारी हैं या कोई बायो-वेपन?

सीआईए, रॉ और दुनिया की जानी मानी सीक्रेट एजेंसीज़ क्या चाहतीं हैं?

अमेरिका और चीन की इसमें क्या भूमिका है, और क्यूँ थी सबकी नजर भारत पर?
नैंसी पार्कर; भावी उपराष्ट्रपति, इस पूरे मामले की जांच चाहती है।
नोर्बेर्ट; रोम में रहने वाला एक बूढ़ा, जिसे आत्महत्या करनी है।
डॉ॰ सोलोमन; जिसके पास वैक्सीन बनाने का ठेका है।
इनमें से कोई तो है जो जानता है कोविड-19 का काला सच।
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अगस्त में आई किताबें

चले साथ पहाड़ – अरुण कुकसाल 

चलें साथ पहाड़ - अरुण कुकसाल | Chalein Sath Pahad -Arun Kuksal
चलें साथ पहाड़

चले साथ पहाड़ लेखक और शिक्षाविद अरुण कुकसाल की यात्रा संस्मरणों का संकलन है।  इस पुस्तक में उनकी उतरराखंड की दस यात्राओं को संकलित किया गया है। जहाँ एक तरफ संस्कलन में सुंदरडुंगा ग्लेशियर की यात्रा शामिल है जिसे लेखक ने 1990 में किया था वहीं दूसरी तरफ तुंगनाथ की यात्रा शामिल की गयी है जिसे उन्होंने ऑक्टोबर 2020 में किया है। 


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अरण्य रोदन – सुवास दीपक 

अरण्य रोदन - सुवास दीपक
अरण्य रोदन

सुवास दीपक के नाम से मैं इस पुस्तक को खरीदने से पहले अपरिचित था। सुवास दीपक मूलतः सिक्किम से आते हैं। वह हिंदी, नेपाली और अंग्रेजी भाषा में लेखन कार्य करते हैं। अरण्य रोदन की जिस बात ने मुझे आकर्षित किया वह यह थी कि यह सिक्कम का सबसे पहला हिंदी उपन्यास है। उपन्यास भ्रष्टाचार को केंद्र में रखकर लिखा गया है। 

किताब परिचय:

आजादी के बाद भ्रष्ट व्यवस्था ने इस देश में राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक दिवालियेपन की जो विकलांग स्थिति पैदा की उसी की प्रतिक्रिया है सुवास दीपक का यह उपन्यास ‘अरण्य रोदन’। भ्रष्ट राजनीति अपनी कुर्सी सुरक्षित रखने के लिए कैसे घिनौने हथकण्डे अपनाती है और बेईमान अफसरों और राजनेताओं के संसर्ग से उत्पन्न चमचावाद किस तरह पूरे तन्त्र पर हावी होता जा रहा है यह लेखक ने देश के भावी नागरिकों का निर्माण करने वाली संस्था और उसके कर्णधार शिक्षकों के कार्य-कलापों द्वारा अपनी विशिष्ट भाषा और शैली में पाठकों को बताने का दुस्साहस किया है। अपने-आपको सबसे अधिक शोषित-पीडित बताने वाला शिक्षिक वर्ग किस तरह देश की भावी पीढ़ी का निर्माण कर रहा है इसकी सही तस्वीर इस उपन्यास में देखने को मिलती है।


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ये मन बंजारा रे – गीता गैरोला 

ये मन बंजारा रे - गीता गैरोला | Ye Man Banjara Re- Geeta Gairola
ये मन बंजारा रे

गीता गैरोला जी अपनी कविताओं, लेखों और संस्मरणों के लिए पाठकों के बीच में प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा उन्होंने कई पुस्तकों का संकलन और सम्पादन भी किया है। यह मन बंजारा रे लेखिका की 22 यात्रा संस्मरणों का संकलन है।  संकलन में ज्यादातर उनकी उत्तराखंड के अलग अलग कोने में की गयी यात्राओं का वर्णन मिलता है। 

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कथा कहो यायावर – देवेन्द्र मेवाड़ी 

कथा कहो यायावर - देवेन्द्र मेवाड़ी | Katha Kaho Yayavar - Devendra Mewari
कथा कहो यायावर

देवेन्द्र मेवाड़ी हिंदी के जाने माने विज्ञान लेखकों में से एक हैं। विज्ञान की जटिल चीजों को सरल भाषा में समझाने में उन्हे महारथ हासिल है। वह विज्ञान पर विज्ञाननामा, विज्ञान प्रसंग, मेरी विज्ञान कथाएँ, सौरमण्डल की सैर, विज्ञान डायरी  सरीखी बीस से ऊपर पुस्तकें लिख चुके हैं।  साथ ही वह पाठकों के बीच अपने संस्मरणों और अपनी यायावर प्रवृत्ति के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी संस्मरणों की किताब ‘मेरे यादों का पहाड़‘ भी काफी प्रसिद्ध हो चुकी है। मैं काफी समय से देवेन्द्र जी को पढ़ना चाह रहा था लेकिन समझ नहीं पा रहा था कि किस चीज से शुरुआत करूँ। ऐसे में जब पता लगा कि उनकी यात्रा संस्मरणों की नई पुस्तक आई है तो इसी से शुरुआत करने का फैसला कर लिया।  कथा कहो यायावर में देवेन्द्र जी के 27 यात्रा लेखों को संकलित किया गया है। 

किताब परिचय

यायावर लेखक क़िस्सागोई के अंदाज़ में आपको अपनी यात्रा कथाएँ सुनाते-सुनाते पेड़ों, पहाड़ों, पंछियों, नदियों, तालाबों और लोगों से तो मिलाता ही है, मौका मिलते ही धरती और आसमान की कहानियाँ सुना कर आपको आपके समय की समस्याओं से भी रू-ब-रू कराता है। मतलब आपस में बारीकी से गुंथी हुई ये दुहरी कथाएँ हैं—यात्रा कथाएँ भी और किस्से-कहानियाँ भी।


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अधूरा अव्यक्त किन्तु शाश्वत – पराग डिमरी

अधूरा अव्यक्त किन्तु शाश्वत - पराग डिमरी
अधूरा अव्यक्त किन्तु शाश्वत

अधूरा अव्यक्त किन्तु शाश्वत लेखक पराग डिमरी की दूसरी किताब है। इससे पहले उन्होंने महशूर संगीतज्ञ ओ पी नैय्यर की जीवनी दुनिया से निराला हूँ जादूगर मतवाला हूँ लिखी थी।  अब वह अपनी कहानियों का संग्रह लेकर पाठकों के समक्ष प्रस्तुत हुए हैं। इस किताब में पराग डिमरी जी की दस कहानियों को संकलित किया गया है। 

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किताब परिचय 

महारथियों का कहना रहा, या कह भी चुके हैं कि मेहनत से किसी रचना को आप अच्छी, महान तो नहीं बना सकते, बस लिख दिए गए को पचास से इक्यावन, बावन ही कर सकते हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं। साफ़ सन्देश यहीं था कि अच्छे को ही, और अच्छा, सुंदर किया जा सकता है, ख़राब को नहीं। गधे को घोड़ा बनाना तो, किसी, कितने, कैसे भी वक़्त के व्यय, श्रम की पूँजी से भी संभव नहीं। यहाँ पन्नों में जो भी कहानियां दर्ज हैं, वो संपूर्ण लगें, कुछ ऐसी ही कोशिशें अवश्य की गई हैं। कहानियां अलग-अलग क्लेवर की हैं। इसमें किसी में कुछ थ्रिलर का अंश, उच्छृंखल, उन्मुक्ता, गंभीरता, व्यस्क हास्य को भी स्थान मिल गया है। इनमें पवित्र, प्लेटोनिक और हवस को भी अंगीकार किये हुए प्यार की दास्तान भी शामिल है।


किताब लिंक:
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धर्मयुद्ध – पवन जैन 

धर्मयुद्ध - पवन जैन
धर्मयुद्ध 

धर्मयुद्ध पवन जैन द्वारा लिखा हुआ उपन्यास है। उपन्यास लेते हुए मुझे इसके विषय में ज्यादा जानकारी नहीं थी। बस जब पराग जी की किताब ले रहा था तो इस उपन्यास पर भी नजर पड़ गयी। उपन्यास का परिचय मुझे रोचक लगा तो उपन्यास खरीद लिया। किताब खोलने पर पता चला कि पवन जैन जी एक कहानी संग्रह और दो उपन्यास लिख चुके हैं। अब देखना है यह उपन्यास कैसा बन पड़ा है। 

किताब परिचय:

जब-जब धरती पर अन्याय, अनाचार और अत्याचार अपने चरम पर हुए हैं, तब किसी न किसी अवतार ने आम जन को इनसे मुक्ति दिलाने के लिए जन्म लिया है; कभी राम और कभी कृष्ण के रूप में । वर्तमान समय को कलयुग कहा गया है, जिसमें मानवीय भावनाए मृतप्राय हैं और हम सब मशीन बन कर रह गए हैं । कलयुग अर्थात मशीनी युग में येन-केन-प्रकारेण अपने मकसद को हासिल करने को ही धर्म मान लिया गया है; चाहे उसके लिए कितने भी अनैतिक कार्य करने पड़े । देश, समाज और परिवार सभी जगह यही प्रवृति स्पष्ट नज़र आती है । जिसकी लाठी उसकी भैंस (Survival of the Fittest) के सिद्धांत को तर्कसंगत मान लिया गया है । अपवादस्वरुप वर्तमान युग में भी कुछ महानायक इस धरती पर अवतरित हुए हैं, जिन्होंने अपने ज्ञान एवं साहस की बदौलत अन्याय और अनाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की और उन्हें व्यापक जन समर्थन भी मिला और जन जागरण की दिशा में उनके द्वारा किये गए प्रयास सफल हुए । प्रस्तुत उपन्यास की नायिका देवयानी को अट्ठारह वर्ष की उम्र से ही ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जो किसी सामान्य लड़की की कल्पना से भी परे होती हैं ।


किताब लिंक: अमेज़न

अगस्त के माह में पत्नी जी द्वारा मुझे तीन किताबें उपहार स्वरूप मिली थी। किताबों का चुनाव करने की स्वतंत्रता मुझे थी तो मैंने निम्न तीन किताबों का चुनाव किया। 

द नाइफ स्लिपड – अर्ल स्टेनली गार्डनर 

The Knife Slipped - Erle Stanley Gardner
द नाइफ स्लिपड 

अर्ल स्टेनली गार्डनर वैसे तो अपने पेरी मेसन किरदार को लेकर लिखे उपन्यासों के लिए जाने जाते हैं लेकिन उन्होंने एक शृंखला ए ए फेयर के छद्म नाम से भी लिखी थी। जहाँ अर्ल स्टेनली गार्डनर के नाम से उन्होंने एक वकील नायक पैरी मेसन के कारनामों को लिखा था वहीं ए ए फैयर के नाम से उन्होंने एक बर्था कूल और डोनाल्ड लैम नाम के किरदारों को लेकर उपन्यास लिखे थे। बर्था और डोनाल्ड मिल कर एक प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी चलाते हैं। जहाँ बर्था, जो कि एक खुर्राट महिला है,  क्लाइंट को हैंडल करती है वहीं डोनाल्ड असल तहकीकात करता है। इस शृंखला के उपन्यासों की खास बात इन दोनों किरदारों के बीच की नोक झोंक भी होती है। 
द नाइफ स्लिपड इसी कूल और लैम शृंखला का ऐसा उपन्यास है जो अब तक अप्रकाशित रह गया था। कहते हैं कि लेखक द्वारा लिखा गया यह इस शृंखला का दूसरा उपन्यास था जिसे उस वक्त प्रकाशक ने छापने से इंकार कर दिया था। उस वक्त के हिसाब से यह उपन्यास कुछ ज्यादा ही बोल्ड था। ऐसे में मेरे अंदर इस पुस्तक को पढ़ने की इच्छा थी और इसलिए मौका मिलते ही पुस्तक को मैंने मँगवा लिया। 

किताब लिंक: अमेज़न 

द अनसीइंग आइडल ऑफ लाइफ – के आर मीरा 

द अनसीइंग आइडल ऑफ लाइफ - के आर मीरा  | The Unseeing Idol of Light - K R Meera
द अनसीइंग आइडल ऑफ लाइफ

के आर मीरा मूलतः मलयालम में लिखती हैं।  द अन सीइंग आइडल ऑफ लाइफ भी उनके मलयाली उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद है। उपन्यास का अनुवाद मिनिसथी एस ने किया है जो कि एक आईएएस अफसर हैं और उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं। 
के आर मीरा के हैंगवुमन, द पॉइजन ऑफ लव की मैंने काफी तारीफ सुनी थी और इन्हे मँगवा भी लिया था लेकिन पढ़ने का मौका नहीं लग पाया। ऐसे में जब उनके इस उपन्यास को देखा तो कहानी मुझे रोचक लगी और मैंने इसे मँगवाने का फैसला कर दिया। अब देखना है कि इस किताब को मैं कब तक पढ़ पाता है। वैसे  बताता चलूँ कि सितंबर की शुरुआत में के आर मीरा के लघु-उपन्यास संग्रह द ऐंजलस ब्यूटी स्पॉटस को पढ़कर की है।
किताब परिचय:

एक दिन दीप्ति अचानक घर से गायब हो गयी। दीप्ति को उसका पति प्रकाश बेइंतिहा चाहता था और उसके गायब होने के दुख में वह इस तरह डूबा कि उसकी आँखों की रोशनी भी चली गयी। प्रकाश इसलिए भी दुखी था क्योंकि जब दीप्ति गायब हुई तब वह पेट से थी। 

अब प्रकाश एकाकी जीवन जी रहा है और उसके इस एकाकी जीवन में रजनी आती है। रजनी को पहले प्रकाश से घृणा होती है लेकिन फिर वह ना चाहते हुए भी उसके करीब आने लगती है। वही प्रकाश भी रजनी की तरफ आकर्षित तो है लेकिन दीप्ति की याद को वह अपने मन से नहीं निकाल पा रहा है। 

आखिर दीप्ति अचानक से कहाँ चली गयी? प्रकाश और रजनी के प्रेम का क्या हुआ? 

किताब लिंक: अमेज़न 

द चाइल्ड – फिओना बार्टन  

The Child - Fiona Barton
द चाइल्ड

द चाइल्ड लेखिका  फिओना बार्टन  द्वारा लिखी गयी एक रोमांच कथा है। मुझे रोमांच कथाएँ पसंद हैं और इस उपन्यास की विषय वस्तु ने मुझे आकर्षित किया तो मैंने यह उपन्यास मँगवा लिया। फिओना बार्टन द्वारा लिखी गयी यह पहली किताब होगी जिसे मैं पढ़ूँगा। 


किताब परिचय:

कई दशकों पहले हुई त्रासिदी की कहानी जब एक अखबार में छपती है तो ज्यादातर लोग उसे आम खबर समझ नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन तीन औरतें ऐसी हैं जिनके लिए वह खबर आम नहीं है। 

पहली है वह जिसके लिए वह घटना उसके जीवन में घटित हुई सबसे बुरी घटनाओं में से एक थी।

दूसरी है वह औरत जिसे डर है कि उस घटना का जिक्र कहीं उसके जीवन के सबसे स्याह रहस्य को उजागर न कर दे। 

और तीसरी है वह जिसे लगता है यह खबर वह पहला सुराग है जिसके माध्यम से वह सच से पर्दा उठाने में सफल हो सकती है। 

किताब लिंक: अमेज़न 

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तो यह थीं वो किताबें जो जुलाई-अगस्त 2021 के बीच में मेरे संग्रह में जुड़ी हैं। कुछ खरीदी हैं और कुछ उपहार स्वरूप मिली हैं।  क्या आपको भी किताबें उपहार स्वरूप मिलती हैं? या आप किसी को किताबें उपहार स्वरूप देना पसंद करते हैं?

आपने कौन सी नई किताबें हाल फिलहाल में खरीदी हैं। मुझसे उनके नाम साझा करना न भूलिएगा। 

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहता हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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0 Comments on “बुक हॉल: जुलाई-अगस्त 2021 में संग्रह में जुड़ी किताबें”

  1. बहुत सारी जानकारी । मुझे लग रहा है लाइब्रेरी में आ गई हूँ । बहुत बहुत आभार इस पोस्ट के लिए ।

  2. वाह! पहली बार किताबों की इतनी सुंदर और विस्तृत समीक्षा देखी, किताबों का मोह भी इतना, कि खुद भी खरीदें और गिफ्ट में भी । सार्थक जानकारी देने के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद । बहुत सुंदर बात । बहुत शुभकामनाएं आपको ।

  3. जी जानकारी आपको पसंद आयी यह जानकर अच्छा लगा। बस यह समीक्षा नहीं एक तरह की जानकारी है उन किताबों के विषय में जो इस जुलाई अगस्त के बीच मैंने खरीदी या मुझे मिली।

  4. जी, मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही है। दिल्चस्प लिस्ट है हालांकि, इस लिस्ट में से मैंने सिर्फ 'द चाईल्ड' पढ़ी है।

  5. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (08-09-2021) को चर्चा मंच      "भौंहें वक्र-कमान न कर"     (चर्चा अंक-4181)  पर भी होगी!–सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।–
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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