एन अनफिनिश्ड रेस (An Unfinished Race ) अमरीकी लेखक अमब्रोस बिएर्स द्वारा लिखी गयी कहानी है। यह पहली बार सैन फ्रांसिस्को एग्जामिनर में १४ अक्टूबर १८८८ को प्रकाशित हुयी थी। मैंने कुछ दिनों पहले इस कहानी को Present at hanging and other ghost stories में पढ़ा था। मुझे हॉरर कहानियाँ पसंद हैं और चूँकि ये पब्लिक डोमेन में है तो इस कहानी का हिन्दी में अनुवाद किया है।
हिंदी में हॉरर कम ही अनूदित होता है और मैंने कहीं पढ़ा था कि जो आप पढना चाहते हैं उसे लिखें। इसलिए अनुवाद करने की कोशिश की है। बताइयेगा कैसा बन पड़ा है। आगे और भी अनुवाद आएँगे।
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जेम्स बर्न वोर्सन जूते बनाने का काम करता था और लेमिंगटन, वार्विकशायर इंग्लैंड में रहता था। वार्विक की तरफ जाती रोड से निकले हुए छोटे रास्तों में से एक में उसकी एक छोटी सी दुकान थी। अपने जान पहचान वालों के बीच में वो एक ईमानदार आदमी के रूप में जाना जाता था। हाँ, अपने वर्ग के और लोगों की तरह उसे शराब पीने की लत थी। जब वो नशे में होता था तो अक्सर बेवकूफाना शर्ते लगा लिया करता था। ऐसे ही नित्य होने वाली बैठकों में से एक बैठक में वो अपने एक बहुत उम्दा धावक होने की शेखी बघार रहा था। इसका नतीजा एक ऐसी शर्त हुआ जिसमे उसे एक नामुमकिन से दिखने वाले काम को अंजाम देना था। एक स्वर्ण मुद्रा के लिए उसे कोवेंट्री तक भाग कर जाना और वापस आना था। ये दूरी लगभग ४० मील की थी। वो सितम्बर १८७३ की तीसरी तारीक थी। वो शर्त लगाने के तुरंत बाद कोवेंट्री के लिए निकल गया। शर्त लगाने वाला व्यक्ति, जिसका कि नाम अब किसी को याद नहीं है, के साथ बारहैम वाइज,जो एक कपडे का व्यापारी था ,और हमेरसन बर्न्स, जो एक फोटोग्राफर था , भी शायद एक गाड़ी में उसके पीछे-पीछे जा रहे थे।
कुछ मील के लिए वोर्सन ठीक ठाक बढ़ता रहा। वो सचमुच एक अच्छा धावक था और उसने इतनी पी भी नहीं थी कि उसे पीने के कारण कोई कमजोरी आती, इसलिए वो, बिना थकान का अनुभव किये, आराम से भाग रहा था। तीनो लोग उसके पीछे पीछे थोड़ी दूरी पर आ रहे थे। वो अपने मर्जी के अनुसार कभी उसकी टांग खींचते या कभी उसको प्रोत्सहित करते जा रहे थे। अचानक से उनसे कुछ दूरी पर और उन तीनों की आँखों के सामने, वोर्सन लड़खड़ाया और आगे की तरफ गिरा। उसने एक भयावह आवाज़ निकाली और फिर उसका उधर कोई नामोनिशान नहीं था। वो गिरंने को हुआ तो था लेकिन जमीन तक पहुँचने से पहले ही गायब हो गया था। उसके बाद उसका कोई सुराग नहीं लगा।
उस जगह पर कुछ वक्त बिताने के बाद भी जब उन तीनो को कुछ नहीं सूझा तो वापस लीमिंगटन आ गये। उन्होंने उधर पहुंचकर अपनी ये अजीब कहानी सुनाई और फिर उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। लेकिन चूँकि उनकी समाज में इज्जत थी, उन्हें ईमानदार समझा जाता था , सबसे बढ़ी बात इस घटना के घटने के दौरान वो पिये हुए नहीं थे और उनकी कहानी को झुठलाता कोई भी साक्ष्य उजागर नहीं हुआ तो लोगों के विचार इस मामले में बँटे थे। कुछ को वो दोषी लगते थे और कुछ को निर्दोष। अगर उन्हें कुछ छुपाना ही था तो उन्होंने एक ऐसी कहानी चुनी थी जो कि किसी भी समझदार के आदमी के लिए हैरतंगेज थी।
समाप्त
तस्वीर: कैनवा मैजिक मीडिया का प्रयोग करके बनाई गई है।
आपका प्रयास सराहनीय है।
हिंदी में थ्रिलर कथा का अभाव है।
धन्यवाद
शुक्रिया। आपकी टिपण्णी मुझे और अच्छा काम करने के लिए प्रोतसाहित करेगी।
अनुवाद अच्छा है पर कृपया कहानी भी अच्छी चुनिए,आपसे विशेष अनुरोध है किपलिंग की कोई शार्ट स्टोरी का अनुवाद कीजिये हॉरर जेनर में।
कहानी काफी प्रश्न छोड़ जाती है जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करती हैं। अक्सर छोटे शहरों में ऐसे कई किस्से होते हैं जो जो कि इतने अटपटे होते है कि उनके सच और झूठ होने का फर्क पता करना मुश्किल होता है। इधर भी ऐसा ही कुछ। चार लोग गए और एक गायब हुआ? क्या चारों ने उसे मार दिया? या जो वो कह रहे हैं असल में हुआ? यह एक प्रश्न है जो पाठक को देर तक इस कहानी के विषय में सोचने पर मजबूर कर देगा। इसकी इसी खासियत ने इसकी तरफ मुझे आकर्षित किया था।
किपलिंग साहब की कहानियाँ भी पाइप लाइन में है। मैंने उनकी जंगल बुक पढ़ी है। उसके अंदर कुछ और रोचक कहानियाँ थी। उनकी फैंटम रिक्शा कुछ दिनों में पढ़ने वाला हूँ। उस संग्रह से किसी कहानी को करूँगा। आपके नज़र में कुछ विशेष कहानी हो तो बताइयेगा।
जमीन पे गिरने से पहले गायब हो गया! बकवास। मार के दबा दिया होगा वही ।
हो सकता है। लेकिन फिर सवाल उठता है कि ऐसा बेढंगी कहानी क्यों बनाई गयी।