दिसंबर 2023 में पढ़ी रचनाएँ |
देखते ही देखते ही 2024 का जनवरी भी खत्म हो गया। जनवरी में सोचा था कि दिसंबर में जो पढ़ा है उसके विषय में लिखा जाए पर फिर सोचते सोचते ही समय निकल गया और ज्यादा कुछ लिखना नहीं हुआ। अब चूँकि जनवरी खत्म हो चुका है और उसके विषय में लिखना है तो दिसंबर और जनवरी दोनों के विषय में इसी पोस्ट में लिखना बेहतर होता पर वो पोस्ट बहुत लंबी हो जाती। इसलिए इस पोस्ट में केवल दिसंबर में पढ़ी गई रचनाओं के विषय में बात करते हैं।
दिसंबर 2023 की बात करें तो दिसंबर में 10 रचनाएँ पढ़ी। इन रचनाओं में चार उपन्यास, एक किशोर उपन्यास, एक बाल उपन्यास, तीन कॉमिक बुक्स और एक कहानी थीं।
यह रचनाएँ निम्न थीं:
ट्रैप
ट्रैप लेखक संतोष पाठक द्वारा लिखी एक रहस्य कथा है। उपन्यास मार्च 2020 में किंडल पर प्रथम बार प्रकाशित हुआ था।
उपन्यास का कथानक एक जुलाई 2019 से तेरह जुलाई 2019 के बीच में घटित होता है। इन तेरह दिनों में शशांक यादव, जो कि उपन्यास का मुख्य किरदार है, की जिंदगी एक रोलर कोस्टर राइड की तरह ऐसे ऊँचे नीचे और टेढ़े मेढे पड़ावों से होकर गुजरती है कि पाठक उपन्यास से चिपक सा जाता है और उपन्यास खत्म करके ही दम लेता है।
उपन्यास पाठक का मनोरंजन करने में सफल होता है। अगर नहीं पढ़ा है तो पढ़कर देखिए।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत टिप्पणी: ट्रैप
1411 | सिम्हा | गदर
नवंबर के आखिरी हफ्ते में मैंने फेनिल कॉमिक्स से कुछ कॉमिक बुक्स के सस्ते संस्करण मँगवाए थे। इनमें ही उपरोक्त तीन कॉमिक बुक्स 1411, सिम्हा और गदर थे। फेनिल कॉमिक्स के हीरो बजरंगी की यह शुरुआती कथाएँ हैं।
बजरंगी जिंदारी योद्धाओं के कबीले का सरदार था जिसने देवीपुर गाँव अंग्रेजों के समय में जंगल के बीचों बीच बसाया था। तब से लेकर अब तक जिंदारी जंगल में रहते आ आये हैं। वह जंगल और जंगल से जुड़े हर जीव का सम्मान करते हैं।
पर फिलहाल देवीपुर एक समस्या से जूझ रहा है। और उस समस्या के निपटारे के लिए एक बार फिर बजरंगी देवीपुर आ चुका है।
यह समस्या क्या है? जिंदारी कौन हैं? ये नया बजरंगी कौन हैं? जिन्दारियों का इतिहास क्या है?
इन्हीं सब प्रश्नों का उत्तर इन तीन कॉमिक बुक्स में कुछ हद तक देने की कोशिश की गई है।
कहानी के मामले में 1411 बाकी दोनों कॉमिक्स से बेहतर है। उसमें काफी कहानी दी गई है। सिम्हा और गदर में कहानी उतनी नहीं दी गई है। सिम्हा के मामले में ऐसा लगता है कि उसकी इतनी जरूरत नहीं थी। उसका कथानक आसानी से गदर में जोड़कर दिया जा सकता था। अगर आपको कॉमिक बुक के आर्टवर्क से अधिक फर्क पड़ता है तो इसका आर्टवर्क आपको निराश सा कर सकता है।
इस कॉमिक बुक की कहानी आगे के भाग में पूरी होनी है तो इन तीन कॉमिक्स को पढ़कर भी अधूरेपन का भाव ही जागता है। मेरी सलाह यही होगी कि जब गदर के आगे का भाग प्रकाशित हो, जो काफी समय से प्रकाशित नहीं हुए हैं, तभी पढ़िएगा।
पुस्तक लिंक: 1411, सिम्हा, गदर – सस्ता संस्करण | विस्तृत समीक्षा: 1411, सिम्हा, गदर
इन द टॉल ग्रास
इन द टॉल ग्रास स्टीफन किंग और जो हिल की लिखी कहानी है। नेटफ्लिक्स में हॉरर मूवी की मुझे तलाश रहती है। ऐसे में जब इस नाम की फिल्म देखी तो उसके विषय में अंतर्जाल में ढूँढना शुरू किया और पाया कि वो मेरे पसंदीदा लेखक स्टीफन किंग ने अपने पुत्र जो हिल के साथ मिलकर लिखी थी। चूँकि कहानी ऑनलाइन पढ़ने के लिए मौजूद थी तो पढ़ना बनता ही था।
कहानी के केंद्र में काल और बेकी हैं। यह दोनों भाई बहन हैं। बेकी प्रेग्नेंट है और काल उसे लेकर अपने अंकल के पास सैन डिएगो जा रहा है। उस वक्त वो कैंसस में होते हैं जब उन्हें मदद की गुहार सुनाई देती है। यह आवाज, जो एक बच्चे की होती है, सड़क के किनारे मौजूद खेतों से आ रही होती है। यह बच्चा कौन है? वह खेतों में उगी घास के बीच क्या कर रहा है? उसे कैसी मदद चाहिए? क्या काल और बेकी उसकी मदद करते हैं? यही सब प्रश्न कहानी बनते हैं।
कहानी रोचक है। यात्रा करते हुए कई बार ऐसे बीहड़ इलाकों से आपको गुजरना पड़ता है। ऐसे में इन इलाकों में क्या क्या हो सकता है इसकी एक भयावह और रोमांचक कल्पना की गई है। कहानी चिल्ड्रन ऑफ द कॉर्न की याद दिलाती है। कहानी में पारलौकिक तत्व हैं। चूँकि एक कहानी है तो बस कहानी में जितना जरूरत है उतना ही इसका प्रयोग किया गया है। कहानी पढ़ते हुए आप उस पारलौकिक घटनाओं के स्रोत के बारे में जानने के लिए और ज्यादा उत्सुक हो जाते हैं पर अधिक जानकारी आपको नहीं मिलती है। लेकिन फिर भी कहानी पठनीय है। एक बार पढ़ सकते हैं।
पुस्तक लिंक: एस्क्वाइर
रॉयल बंगाल रहस्य
‘रॉयल बंगाल रहस्य’ सत्यजित राय के बांग्ला किशोर उपन्यास का हिंदी अनुवाद है। यह उपन्यास बांग्ला में प्रथम बार 1974 में प्रकाशित हुआ था। अनुवाद मुक्ति गोस्वामी द्वारा किया गया है और ठीक बन पड़ा है।
यह मूलतः एक रहस्य कथा है जिसके केंद्र में एक पहेली और उसका हल होता है। महीतोष सिंह राय एक जमींदार परिवार से आता है और एक नामी शिकारी और शिकार लेखक है। इन दिनों वह अपने परिवार के इतिहास को लिखना चाहता है और उसी दौरान इस पहेली से उसका वास्ता पड़ता है। उसका मानना है कि इस पहेली में उनके पारिवारिक खजाने का राज है जिसे उसके पूर्वज ने छुपा दिया है। अब फेलूदा को इस पहेली का हल ढूँढना है।
फेलूदा इस पहेली का हल कैसे ढूँढता है? इस दौरान महीतोष राय के घर में क्या-क्या घटित होता है? इस पहेली का अर्थ ढूँढने के साथ साथ और जो राज उजागर होते हैं वह कहानी बनते हैं।
उपन्यास रोचक है और एक बार पढ़ा जा सकता है। जटायू की कहानी में मौजूदगी हास्य की कमी नहीं होने देती है और कथानक आपको बाँधकर रखने में कामयाब होता है। हाँ, इस संस्करण में कहानी का कुछ भाग गायब था तो उसकी कमी खली। उसके कारण एक तरह का अधूरा पन कहानी में झलका।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत टिप्पणी : रॉयल बंगाल रहस्य
पक्या और उसका गैंग
‘पक्या और उसका गैंग’ साहित्य अकादेमी द्वारा प्रकाशित गंगाधर गाडगील के मराठी बाल उपन्यास ‘पक्याची गैंग’ का हिंदी अनुवाद है। अनुवाद माधवी देशपांडे द्वारा किया गया है। पक्याची गैंग 1985 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ था। इसके हिंदी अनुवाद का पहला संस्करण 2007 में प्रकाशित हुआ था।
उपन्यास के केंद्र में पक्या और उसके दोस्त हैं जो कि छुट्टी बिताने मुंबई से पक्या के मामा के घर आए हुए हैं। इन्हीं को पक्या का गैंग कहा गया है। इस छुट्टी में पक्या और उसके दोस्तों के साथ क्या होता है यही उपन्यास का कथानक बनता है।
यह रोचक किरदारों को लेकर लिखा गया यह एक साधारण उपन्यास है। किरदारों के लिए उपन्यास एक बार पढ़ा जा सकता है। उनके बीच की बातचीत आपका मनोरंजन करने में सफल होती है। खंड्या मुझे विशेष तौर पर पसंद आया।
विस्तृत टिप्पणी: पाक्या और उसका गैंग
राख
इंद्रप्रिया
तिरछी नजर