अपडेट: तहकीकात का तीसरा अंक और एक और अनुवाद

अपडेट: तहकीकात का तीसरा अंक और एक और अनुवाद

तहकीकात का तीसरा अंक प्रकाशित हो चुका है। जब पत्रिकाएँ धीरे-धीरे बंद हो रही हैं और लोकप्रिय लेखन से जुड़ी पत्रिकाएँ समाप्त ही चुकी हैं ऐसे वक्त में नीलम जासूस कार्यालय द्वारा प्रकाशित तहकीकात हम लोकप्रिय लेखन के शैदाइयों के लिए एक खुशी की बात है।

तहकीकात की एक खास बात यह भी है कि इसमें केवल लोकप्रिय साहित्य ही प्रकाशित नहीं किया जाता है। इसमें सत्यबोध परिशिष्ट के अंदर साहित्यिक रचनाएँ जिसमें गजलें, कविताएँ, कहानी, व्यंग्य, समीक्षाएँ इत्यादि शामिल होते हैं। ऐसे में तहकीकात हर तरह के पाठकों के लिए कुछ न कुछ समेटे हुए है।

इस पत्रिका का प्रकाशन व्यक्तिगत तौर पर भी मेरे लिए दोगुनी खुशी की बात है क्योंकि इस पत्रिका में मेरे द्वारा किया गया एक अनुवाद भी प्रकाशित हो रहा है।

पाठक द्वारा साझा की गयी तस्वीर

जी हाँ, दोस्तों कुछ समय पहले मैंने मशहूर अपराध साहित्यकार डाशील हैमेट (Dashiell Hammett) द्वारा लिखी प्रथम लंबी कहानी आर्सन प्लस (Arson Plus) का हिंदी में अनुवाद किया था। अब इस अनुवाद का प्रिंट रूप में पत्रिका में आना मेरे लिए अच्छी बात है। यह मेरा एक सहयोग है लोकप्रिय लेखन से जुड़ी जो मुहिम प्रकाशक सुबोध भारतीय जी ने शुरू की है उसमें मेरा भी कुछ योगदान हो सके।

मेरे अनुवाद के अतिरिक्त पत्रिका में लोकप्रिय लेखन को पसंद करने वालों पाठकों के काफी सामग्री है।

पत्रिका के तीसरे अंक में जो निम्न चीजें प्रकाशित हुई हैं:

क्रमणिका

  • मुझे कुछ कहना है – सुबोध भारतीय
  • पाठकों के खत
  • साजिश – अहमद यार खान, अनुवाद: इशतियाक खाँ
  • भयानक प्रतिशोध – मलिक सफ़दर हयात, अनुवाद: इशतियाक खाँ
  • कान का बुंदा – योगेश मित्तल
  • खुद अपनी नजर में (आत्मकथा -1) – ओम प्रकाश शर्मा जनप्रिय लेखक
  • आर्सन प्लस – डाशील हैमेट , अनुवाद: विकास नैनवाल

सत्य बोध परिशिष्ट

  • शादी नृत्य निर्देशिका (व्यंग्य) – डॉक्टर ज्ञान चतुर्वेदी
  • आजकल वेद प्रकाश काम्बोज – राम पुजारी
  • काम्बोजनाम (समीक्षा) – गुरप्रीत सिंह
  • गजल – अहमद फराज
  • बोझ (कहानी) – रोशनलाल सुरीवाला
  • हास्य-रस –  चेतन भारतीय

अब थोड़ा डाशील हैमेट के आर्सन प्लस के विषय में:

डाशील हैमेट एक अमेरिकी अपराध कथा लेखक थे। डाशील का नाम अमेरिका के सबसे बेहतरीन अपराध और रहस्यकथा लेखकों में शुमार किया जाता है। ‘द माल्टीज़ फाल्कन’, ‘द थिन मैन’, ‘रेड हार्वेस्ट’, ‘द डैन कर्स’ उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।  उनके लिखे गए अपराध साहित्य को हार्ड बॉयल्ड डिटेक्टिव फिक्शन की श्रेणी में रखा जाता है।

‘आर्सन प्लस’ सबसे पहले ‘ब्लैक मास्क’ नामक पत्रिका में 1923 में छपी थी। यह कॉन्टिनेंटल डिटेक्टिव एजेंसी के जासूस को को दर्शाती पहली कहानी थी। इसी जासूस को लेकर डाशील हैमेट ने लगभग 28 कहानियाँ और दो उपन्यास लिखे थे।

उस वक्त डाशील हैमेट ने आर्सन प्लस  पीटर कॉलिनसन के छद्द्म नाम से लिखी थी। यह नाम उन्होंने क्यों चुना था इसके पीछे एक रोचक तथ्य है।

कहा जाता है कि थिएटर और सर्कस में जब भी कोई नया व्यक्ति जुड़ता था तो उसके साथ एक तरह का मज़ाक होता था। उसे कुछ काम देकर पीटर कॉलिन्स के पास भेज दिया था। अब इधर रोचक बात यह होती थी कि उस थिएटर में पीटर कॉलिन्स नाम का व्यक्ति होता ही नहीं था। जिसे भेजा जाता वो बेचारा इस नाम के व्यक्ति को ढूँढता ही रह जाता। कालांतर में पीटर कॉलिंस का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाने लगा जिसका अस्तित्व ही न हो या जिसकी कोई औकात ही न हो यानी जो नोबडी हो। अक्सर अंडरवर्ल्ड में किसी नौसिखिये के लिए यह शब्द इस्तेमाल किया जाने लगा। ऐसे में जब डाशील ने अपनी पहली कहानी लिखी तो उन्होंने इसे पीटर कॉलिनसन के नाम से छपवाया। पीटर कॉलिनसन यानि पीटर कॉलिन्स का बेटा।

तो यह था लेखक, उनके नाम  और अनुवाद के विषय में कुछ जानकारी। उम्मीद है आपको यह पसंद आयी होगी। अनुवाद तो आप पत्रिका में ही पढ़ सकेंगे।

अगर आप लोकप्रिय साहित्य में रुचि रखते हैं तो मेरी यही गुजारिश होगी कि आप पत्रिका को क्रय करें। यह पत्रिका पुस्तकार रूप में अच्छी गुणवत्ता वाले कागज में प्रकाशित होती है जो कि इसे संग्रहणीय बना देता है। पत्रिका तभी तक छपती रहेंगी जब तक पाठक उन्हें पढ़ते रहेंगे।

पुस्तक को आप मात्र 175 रुपए देकर नीलम जासूस कार्यालय से निम्न नंबर पर संपर्क स्थापित करके मँगवा सकते हैं:

9310032466

 

आप इस अंक के साथ पूर्वप्रकाशित अंक भी नीलम जासूस कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।

पत्रिका के सभी अंक अमेज़न से भी क्रय किए जा सकते हैं:

तहकीकात 1तहकीकात अंक 2 | तहकीकात अंक 3 | नीलम जासूस कार्यालय द्वारा प्रकाशित अन्य पुस्तकें

अगर आपके पास पत्रिका आ चुकी है और आपने अनुवाद पढ़ा है तो मुझे अवश्य उसके विषय में अपनी राय से अवगत कर्वाइएगा। आपकी टिप्पणियों का इंतजार रहेगा।

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहता हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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0 Comments on “अपडेट: तहकीकात का तीसरा अंक और एक और अनुवाद”

  1. प्रशंसनीय कार्य आपका भी और नीलम जासूस का भी।

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