बारिश की कुछ स्मृतियाँ | लेख

बारिश के मौसम से जुड़ी कुछ स्मृतियाँ

बारिश का मौसम चल रहा है। जबसे वर्क फ्रॉम होम चल रहा है तब से बारिश में कहीं आना जाना रुक गया है। बारिश होती है तो अक्सर घर पर ही रहते हैं। पर बारिश थमने के बाद जब निकलते हैं तो गुरुग्राम में तो गलियों और सड़कों में भरा पानी आपका इंतजार करता ही दिखता है। वर्क फ्रॉम होम में इस गलियों में भरे पानी से बचना मुश्किल है। दुकान में रोजमर्रे के जीवन से जुड़ी चीजों को लाते समय सच में बारिश से कोफ्त होती है और कभी कभी लगता है कि बारिश के साथ जो रूमानियत या खूबसूरती जुड़ी है क्या वो यहाँ रहते हुए खो सी गयी है।

पर जब भी ऐसा सोचता हूँ तो यादों के पिटारे से बारिश से जुड़ी कुछ ऐसी स्मृतियाँ निकल आती हैं जो मुस्कुराने पर विवश कर देती हैं। ऐसी यादें जिनको जीकर ज़िंदगी की खूबसूरती बढ़ गयी थी।

बारिश के मौसम से जुड़ी कुछ स्मृतियाँ Read More
जुलाई 2024 बुक हॉल

बुक हॉल: जुलाई 2024 में आई पुस्तकें

वैसे तो मैंने जून में इतनी खरीद की थी कि सोचा था कि अब कुछ और नहीं खरीदूँगा लेकिन फिर न न करते हुए भी खुद को रोक नहीं पाया और जुलाई के अंत तक आते आते काफी किताबें जुटा लीं।

बुक हॉल: जुलाई 2024 में आई पुस्तकें Read More
Book Haul - June 2024

जून 2024 बुक हॉल

जून 2024 में काफी कुछ खरीदा गया। यह खरीद राजकमल के ऑनलाइन पुस्तक मेला 2024 और अमेज़न से मुख्यतः की गयी। चलिए देखते हैं जून में मैंने कौन कौन सी किताबें खरीदीं।

जून 2024 बुक हॉल Read More
अप्रैल मई 2024 में पढ़ी गयी रचनाएँ

अप्रेल मई 2024 में पढ़ी गयी रचनाएँ

आजकल महीने में पढ़ी गई रचनाओं के विषय में लिखना बंद सा हो गया था। अब फिर से शुरू करने का मन है। वैसे भी बिना किताबों की बात किए …

अप्रेल मई 2024 में पढ़ी गयी रचनाएँ Read More
संस्मरण: इसको तो खाना नहीं दूँगा

संस्मरण: ‘इसको तो खाना नहीं दूँगा’

बचपन में जब पॉपआई को पालक खाकर ब्लूटो को मारते हुए देखता तो मन में ये आता था कि पॉपआई पालक की जगह गोभी, मटर, या बैंगन खा लेता तो …

संस्मरण: ‘इसको तो खाना नहीं दूँगा’ Read More
गाँव का घर.तस्वीर 2021 की है जब उधर जाना हुआ था

संस्मरण: प्याज की सब्जी और दो पपीते

यह कबकी बात है ये तो ठीक तरह से याद नहीं। मैं तो बब्बू भैया छोटे छोटे ही थे। मैं शायद चौथी पाँचवीं में रहा हूँ और भैया शायद दसवीं …

संस्मरण: प्याज की सब्जी और दो पपीते Read More
ये पहाड़ी खाना है मेरे दिल के करीब

ये पहाड़ी खाना है मेरे दिल के करीब

भारत विवधताओं का देश है और यह चीज यहाँ रहने वाले लोगों के चेहरे मोहरे, भाषा-बोली, कपड़ों के साथ साथ खाने पीने पर भी लागू होती है। मैं मूलतः उत्तराखंड …

ये पहाड़ी खाना है मेरे दिल के करीब Read More
वो चीजें जिनकी शक्ल पसंद आने के कारण मैंने उन्हें काफी टाइम तक नहीं खाया

वो चीजें जिनकी शक्ल पसंद आने के कारण मैंने उन्हें काफी टाइम तक नहीं खाया

मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है चीजों का स्वादिष्ट होने के साथ साथ अच्छा दिखना भी जरूरी होता है। कई बार चीजें होती तो अच्छी हैं लेकिन वो दिखती ऐसी …

वो चीजें जिनकी शक्ल पसंद आने के कारण मैंने उन्हें काफी टाइम तक नहीं खाया Read More

रोटी, पराठे और बचपन

भारतीय घरों की बात की जाए तो खाने में रोटी का एक महत्वपूर्ण स्थान है। नाश्ता हो, दिन का खाना या फिर रात का खाना। अधिकतर घरों में रोटी बनने …

रोटी, पराठे और बचपन Read More