
तुम क्या समझोगे
इस रचना की बात की जाए तो इस रचना की शुरुआत तब हुई थी जब 23 मई 2025 को ये अपना कॉमिक्स ग्रुप नामक व्हाट्सएप ग्रुप में ये बतकही के दौरान लिखी थी। उस समय ग़ज़ल के मकता (आखिरी शेर) से मैं संतुष्ट नहीं था।
तुम क्या समझोगे Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
इस रचना की बात की जाए तो इस रचना की शुरुआत तब हुई थी जब 23 मई 2025 को ये अपना कॉमिक्स ग्रुप नामक व्हाट्सएप ग्रुप में ये बतकही के दौरान लिखी थी। उस समय ग़ज़ल के मकता (आखिरी शेर) से मैं संतुष्ट नहीं था।
तुम क्या समझोगे Read Moreमाहवार पढ़ी गयी और खरीदी गयी किताबों के ऊपर पहले दो अलग अलग पोस्ट बनाता था। पर अब से सोचा है कि एक ही पोस्ट में ये कार्य कर दूँगा। अप्रैल 2025 में क्या पढ़ा और क्या खरीदा चलिए जानते हैं।
अप्रैल में पढ़ी रचनाएँ और की गयी खरीद Read Moreयहाँ अपडेट देने के मामले में मैं आलसी सा हूँ। चीजें हो जाती हैं लेकिन अब तब करके चीजें टालता रहता हूँ। चूँकि दिसंबर शुरू हो चुका है तो सोचा …
अपडेट: शॉपिज़न की संवादरहित कहानी प्रतियोगिता में विजेता हुई ‘चुप्पी’ Read Moreइस बार दीवाली बहुत अच्छी मनी। इसके दो कारण थे। पहला कारण तो ये ही कि घर वाले सब साथ थे और दूसरा कारण कि काफी किताबें भी संग्रह में जुड़ीं।
बुक हॉल: परिवार वाली दीवाली और दीवाली की खरीद Read Moreलेखक वेद प्रकाश कांबोज लोकप्रिय साहित्य के मजबूत स्तम्भ थे। 6 नवंबर को उनका निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। अपने जीवन काल में उन्होंने 450 से ऊपर …
वेद प्रकाश कांबोज: सहज, सरल और शालीन Read Moreमुझे हँसी मजाक बहुत पसंद है और इस कारण ऐसे धारावाहिक भी काफी पसंद आते हैं जिनमें भरपूर कॉमेडी होती है। कामकाज की थकान के बाद कुछ लम्हे फुरसत के मिले और उनमें आपको भरपूर हँसने का मौका मिल जाए तो पूरे दिन की थकान गायब हो जाती है।
मेरे पाँच पसंदीदा हिन्दी कॉमेडी धारावाहिक Read Moreबारिश का मौसम चल रहा है। जबसे वर्क फ्रॉम होम चल रहा है तब से बारिश में कहीं आना जाना रुक गया है। बारिश होती है तो अक्सर घर पर ही रहते हैं। पर बारिश थमने के बाद जब निकलते हैं तो गुरुग्राम में तो गलियों और सड़कों में भरा पानी आपका इंतजार करता ही दिखता है। वर्क फ्रॉम होम में इस गलियों में भरे पानी से बचना मुश्किल है। दुकान में रोजमर्रे के जीवन से जुड़ी चीजों को लाते समय सच में बारिश से कोफ्त होती है और कभी कभी लगता है कि बारिश के साथ जो रूमानियत या खूबसूरती जुड़ी है क्या वो यहाँ रहते हुए खो सी गयी है।
पर जब भी ऐसा सोचता हूँ तो यादों के पिटारे से बारिश से जुड़ी कुछ ऐसी स्मृतियाँ निकल आती हैं जो मुस्कुराने पर विवश कर देती हैं। ऐसी यादें जिनको जीकर ज़िंदगी की खूबसूरती बढ़ गयी थी।
बारिश के मौसम से जुड़ी कुछ स्मृतियाँ Read Moreवैसे तो मैंने जून में इतनी खरीद की थी कि सोचा था कि अब कुछ और नहीं खरीदूँगा लेकिन फिर न न करते हुए भी खुद को रोक नहीं पाया और जुलाई के अंत तक आते आते काफी किताबें जुटा लीं।
बुक हॉल: जुलाई 2024 में आई पुस्तकें Read Moreजून 2024 में काफी कुछ खरीदा गया। यह खरीद राजकमल के ऑनलाइन पुस्तक मेला 2024 और अमेज़न से मुख्यतः की गयी। चलिए देखते हैं जून में मैंने कौन कौन सी किताबें खरीदीं।
जून 2024 बुक हॉल Read Moreगहन वन में भटकते पथिक का प्यास के मारे बुरा हाल था। कई घंटों से वह भटक रहा था। अब उसका गला सूखने लगा था। ऐसे लगने लगा था जैसे …
यक्ष प्रश्न 2024 Read More