माउंट आबू मीट #7: गुरुशिखर
इस यात्रा वृत्तांत को शुरू से पढ़ने के लिए इधर क्लिक करें। 21 मई 2017 का वृत्तांतअब तक आपने पढ़ा कैसे मैं और राकेश भाई अचलेश्वर में ट्रेक पे निकल गये …
माउंट आबू मीट #7: गुरुशिखर Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
इस यात्रा वृत्तांत को शुरू से पढ़ने के लिए इधर क्लिक करें। 21 मई 2017 का वृत्तांतअब तक आपने पढ़ा कैसे मैं और राकेश भाई अचलेश्वर में ट्रेक पे निकल गये …
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इस यात्रा वृत्तांत को शुरू से पढ़ने के लिए इधर क्लिक करें। रविवार, 21 मई 2017 मेरी नींद छः सात बजे के करीब खुल गयी थी। मैं उठा और थोड़ी देर …
माउंट आबू मीट #6 : अचलेश्वर महादेव मंदिर और आस पास के पॉइंट्स Read More
यात्रा 3 जून 2017 को की इस बार पौड़ी जाना हुआ तो लगा था ये भी आम तरीके का जाना ही होकर रह जायेगा। अक्सर जब भी मैं पौड़ी जाता …
कंडोलिया और रांसी स्टेडियम Read More
इस यात्रा वृत्तांत को शुरू से पढ़ने के लिए इधर क्लिक करें। राकेश भाई, वीर नारायण भाई और हम वैली वाक से रूम के लिए निकले। रास्ते में बातें कर रहे थे। …
माउंट आबू मीट #5 : रात की महफ़िल Read More
इस यात्रा वृत्तांत को शुरू से पढ़ने के लिए इधर क्लिक करें। शृंखला की तीसरी पोस्ट में आपने पढ़ा कि हम नक्की झील से सनसेट पॉइंट के लिए निकल गये थे। …
माउंट आबू #4: सनसेट पॉइंट, वैली वाक Read More
20 मई २०१७,शनिवार इस यात्रा वृत्तांत को शुरू से पढ़ने के लिए इधर क्लिक करें। पिछली कड़ी में आप पढ़ चुके थे कि हमने लंच निपटा लिया था। उसके बाद थोड़ी …
माउंट आबू #3 (शनिवार): नक्की झील, टोड रॉक और बोटिंग Read More
20 मई 2017,शनिवार इस यात्रा वृत्तांत को शुरू से पढ़ने के लिए इधर क्लिक करें। सुबह ट्रेन के हिचकोलों और एक आवाज़ के कारण आँख खुली। कोई कमबख्त फोन पर बात …
माउंट आबू मीट #2: शनिवार- उदयपुर से होटल सवेरा तक Read More
शुक्रवार,19 मई 2017 मैं अपनी दूसरी सुरेंद्र मोहन पाठक फैन मीट में शिकरत करने के लिए उत्साहित था। यह मीट विद्याधर भाई और शिवकुमार चेचानी भाई होस्ट करने जा रहे थे। …
माउंट आबू फेन मीट : #१ (शुक्रवार) Read More
14 मई,२०१७ को यात्रा की गयी किधर : चिंचवली गाँव, बदलापुर कैसे जायें : सेंट्रल लाइन लोकल से वांगनी। वांगनी से ऑटो के माध्यम से चिंचवली। चिंचवली गाँव से किसी …
चंदेरी : एक और कोशिश Read More
बहुत दिनों से मैं कहीं घूमने जाने की सोच रहा था लेकिन जा नहीं पा रहा था। आखिरी बार मार्च में मैं शंकर अंतर्राष्ट्रीय म्यूजियम, फ़िरोज़ शाह कोटला और खूनी दरवाजा गया था। उसके बाद कहीं निकलने का मौका ही नहीं लगा। फिर पिछले दो हफ़्तों से तो कमर में चोट लगी हुई है तो जाने का सवाल ही नही था।
उग्रसेन की बावली और एक अन्य जगह जहाँ जा न सके Read More