इस साल पढ़ना जरा कम ही हो रहा है। जितना कम पढ़ना हो रहा है उससे ज्यादा कम उसके बारे में लिखना हो रहा है तो सोचा है जो रचनाएँ पढ़ रहा हूँ उनके बारे में अब संक्षिप्त सा कुछ यहाँ लिख दिया करूँगा। पहले भी ये करता था लेकिन कुछ समय से ये ब्यौरा लिखना बंद सा था।
साथ ही इस बार ये भी सोचा है उस महीने खरीदी गयी किताबों के बारे में इसी पोस्ट में लिख दिया करूँगा। एक पंथ दो काज हो जाएँगे। पहले इनके लिए अलग अलग पोस्ट लिखी जाती थीं जिसकी जरूरत अभी नहीं लग रही।
तो ज्यादा देर न करते हुए चलिए पहले बात करते हैं उन किताबों की जिन्हें इस माह पढ़ा गया।

आर्टिस्ट (Artist)

आर्टिस्ट अमित खान का लिखा उपन्यास है। साहित्य विमर्श से प्रकाशित हुआ है। इसके प्रकाशन के समय इसे पढ़ने का मौका नहीं लगा था। अब जाकर इसे पढ़ना हुआ है।
उपन्यास के केंद्र में छाया नाम की एक मूर्तिकार है जो कि अपने पति के साथ अपने बंगले में रहती है। कहानी मर्डर मिस्ट्री है जहाँ कत्ल किसने किया है इसके साथ साथ कत्ल किसका हुआ है ये भी रहस्य रहता है। लेखक ने कथानक को इस तरह बुना है कि किताब के अंत तक आते आते ही अंदाजा हो पाता है कि कत्ल किसका हुआ है। उससे पूर्व आपको कई ट्विस्ट लेखक कथानक में देते हैं जो कथानक में रोमांच बनाए रखते हैं।
कथानक में कुछ ही कमियाँ मुझे लगी। कथानक में एक सीन सीढ़ियों का होता है। जहाँ एक किरदार पर गोली चलती है। उस सीन के बाद ही पाठक को अंदाजा हो जाता है कि कत्ल किसका हुआ है। अगर उस सीन को थोड़ा बदलकर लिखते तो शायद अंत तक ये सस्पेन्स बना रह सकता था। लेकिन शायद लेखक वहीं पर इसे खोलना चाहते थे। इसके अतिरिक्त कुछ बातें जो कि तहकीकत के माध्यम से पुलिस को पता चलनी चाहिये थी और उनके माध्यम से पाठकों को पता चलनी चाहिए थी वो पाठकों को दो किरदारों के बीच की बातचीत से पता चल जाती है। ये कथानक को थोड़ा कमजोर करता है। तीसरी बात ये कि उपन्यास की टैग लाइन ‘मर्डर करना भी एक आर्ट है’ एक किरदार की सोच था। वो ही इस पंक्ति को बार-बार दोहराता रहता है। पर किस तरह से ये आर्ट है ये उतना दिख नहीं पाता है। अगर कुछ अंश इसे दर्शाने के लिए दिए जाते तो शायद ये वाक्य न्यायोचित ठहरता।
अगर आपको ट्विस्ट वाले कथानक पढ़ने पसंद हैं तो हो सकता है आपको ये उपन्यास पसंद आए। उपन्यास में पारलौकिक तत्व भी हैं लेकिन वो कथानक में बुने गए हैं। भय पैदा करने के लिए उसका प्रयोग नहीं हुआ है।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श
मानसरोवर 3

प्रेमचंद की कहानियाँ मानसरोवर नाम से 8 भागों में संकलित की गयी हैं। मानसरोवर के तीसरे खंड में 16 कहानियाँ संकलित की गयी हैं। प्रेमचंद की कहानियाँ समाज से जुड़ी हुई होती हैं। इस कारण यह कहानियाँ अभी भी प्रासंगिक हैं। यह बात इस कहानी संग्रह में मौजूद कहानियों के लिए भी कही जा सकती है। संग्रह पठनीय है और पढ़ा जाना चाहिए। ‘कौशल’, ‘माता का हृदय’, ‘तेंतर’, ‘एक आँच की कसर’ कुछ ऐसी कहानियाँ हैं जो मुझे विशेष रूप से पसंद आयीं।
स्पूकी स्टोरीस (Spooky Stories)

स्पूकी स्टोरीस तनुश्री पोद्दर का लिखा कहानी संग्रह है। वैसे तो यह संग्रह पफिन बुक्स द्वारा प्रकाशित किया गया है लेकिन इसकी थीम ऐसी है कि बच्चों के बजाए किशोरों के लिए ठीक रहेगा।
एक लेखक को किसी कारणवश एक निर्जन रेलवे प्लेटफॉर्म पर उतरना पड़ता है। समय गुजारने के लिए वह वेटिंग रूम में जाता है जहाँ पहले से ही कुछ लोग रहते हैं। यह लोग समय बिताने के लिए पारलौकिक कहानियाँ एक दूसरे को सुनाते हैं।
संग्रह में मौजूद कहानियाँ अलग अलग जगह घटित होते हैं और इसमें अलग अलग तरह के लोगों का चित्रण किया गया है। यह कहानियों को खास बनाती हैं। अगर भय की बात करूँ तो कहानियाँ पठनीय जरूर हैं लेकिन भय और रोमांच उतना अधिक नहीं बन पड़ा है जितना की हो सकता था। इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि लेखिका बच्चों के लिए लिख रहीं थी तो काफी ऐसी चीजों से बच रही थी जो कि ज्यादा डरावनी हो। पर पाठक के रूप में मुझे लगा कि डर और रोमांच के तत्व कहानियों में और अधिक होता तो बेहतर होता। फिर भी कहानियों की पृष्ठभूमि की विवधता और किरदारों की बुनावट के लिए पढ़कर देखा जा सकता है।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
द प्रिंस एंड द मैजिशियन (The prince and the Magician)

‘द प्रिंस एंड द मैजिशियन’ बारह वर्षीय राजकुमार बालाराजु की कहानी है। बालाराजु एक शरारती बालक है जिसे एक दिन पता चलता है कि जिसे वो अपनी माँ समझ रहा था वो असल में उसकी माँ नहीं है। उसे ये भी पता लगता है कि उसकी मां को एक जादूगर ले गया था। उसकी माँ को छुड़ाने जब उसके पिता और चाचा ताऊ गए तो वो भी लौटकर नहीं आए। ये सब सुनकर बालाराजु अपनी माँ की तलाश में निकल पड़ता है। इस यात्रा के दौरान उसके साथ क्या होता है ये कॉमिक बुक की कहानी बनती है। कहानी लुईस एम फर्नांडीज द्वारा लिखी गयी है और चित्र राम वाइरकर द्वारा बनाए गए हैं।
अमर चित्र कथा बच्चों के लिए लिखी जाती थी और इस कारण इसकी कहानियाँ शिक्षाप्रद और सीधी-सादी होती थी। यह भी ऐसी ही कहानी है। कर भला तो हो भला के चलते कई बार बालाराजु को मदद मिलती है और वो अपनी मंजिल को पा जाता है। हाँ, जादूगर से लड़ाई थोड़ा और रोमांचक होती और कहानी में संयोगों का प्रयोग कम होता तो बेहतर होता।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
दुबई गैंग

सुरेंद्र मोहन पाठक द्वारा लिखा हुआ दुबई गैंग जीत सिंह शृंखला का 12वाँ उपन्यास जरूर है पर इसे जीत सिंह का उपन्यास कहना गलत होगा। ऐसा नहीं है कि जीत सिंह इसमें मौजूद नहीं है। वो मौजूद तो है लेकिन यह उपन्यास मुख्यतः दुबई गैंग और अमर नायक गैंग के बीच हुई दुश्मनी के विषय में है। इन दो गैंग्स की दुश्मनी का क्या नतीजा निकलता है और इस गैंग वार का क्या अंत होता है यह कथानक का मुख्य भाग रहता है। जीत सिंह अपनी बुरी किस्मत के चलते एक ऐसे मामले में फंस जाता है कि उसका रिश्ता इस चल रही गैंग वार से जुड़े लोगों से हो जाता है। यह क्यों होता है और जीत सिंह किस तरह साँसत से अपनी जान निकालता है ये उसके हिस्से की कहानी बनती है।
कहानी रोचक है और गैंग के बीच के दाँव पेंच देखना रोचक रहता है। जीत सिंह किस तरह अपने शोषण करने वाले से आखिरकार बदला लेता है वो भी मुझे पसंद आया। हाँ, अगर आप इस उम्मीद से पढ़ेंगे कि जिस किरदार के नाम पर शृंखला हो वो ही कथानक उसी के इर्द गिर्द घूमे तो तब शायद आपको निराशा हो। जैसे ऊपर बतया कि जीत सिंह के इर्द गिर्द पूरा उपन्यास नहीं घूमता है। मुझे भी लगता है कि इसे जीत सिंह का उपन्यास न कहकर सीधे थ्रिलर कहते तो बेहतर होता। लेकिन इसके बावजूद उपन्यास पठनीय है और मनोरंजन के लिए पढ़ेंगे तो आपका मनोरंजन करने में सफल तो होता ही है। अमर नायक का किरदार एक बार फिर प्रभावित करता है। वह जिस जगह पर है वहाँ पर कैसे कायम है ये देखने को इधर मिलता है।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ

आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ आलोक कुमार की लिखी पुस्तक है। आज के समय में बच्चे और उनके अभिभावक जिस तरह से स्क्रीन में खोये रहते हैं और इसका उनके रिश्तों पर जो असर पड़ता है वो इस किताब में देखने को मिलता है। इसके अतिरिक्त कहानियों की महत्ता को भी किताब रेखांकित करती है। जहाँ एक तरफ आज के जीवन को यह दर्शाती है वहीं यह भी दिखलाती है कि स्क्रीन में डूबकर हम लोग क्या खो रहे हैं।
बच्चों को ध्यान में रखकर छोटे-छोटे अध्यायों में यह पुस्तक विभाजित है और भाषा सहज सरल रखी गयी है।
किताब बच्चों के अतिरिक्त उनके अभिभावकों द्वारा भी पढ़ी जानी चाहिए।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत समीक्षा: आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ
अप्रैल 2025 की खरीद

खरीदी गयी किताबों की बात की जाए तो अप्रैल के महीने में मैंने कुल 20 किताबें खरीदीं। अक्सर मैं अमेज़न में टहलता रहता हूँ और मूड के हिसाब से जॉनर की किताब तलाशता रहता हूँ। फिर कोई अच्छी डील मिल जाए या फिर किताब का ब्लर्ब पसंद आ जाए तो किताब ले लेता हूँ। पर इस बार अमेज़न के अलावा किताब आधार प्रकाशन की वेबसाइट से भी खरीदी। उधर से मनोज रूपड़ा की किताब मँगवाई।
इस माह जो किताबें खरीदीं वो निम्न हैं। इनके बारे में अगर दो दो लाइन में लिखूँगा तो पोस्ट काफी लम्बी हो जाएगी तो अभी के लिए पुस्तक उपन्यास है, कहानी संग्रह है या कथेतर है ये सूची में दे दिया है। साथ ही हर किताब का अमेज़न लिंक दे दिया है ताकि कोई आपको रुचिकर लगे तो आप अमजेन पर जाकर उसका विवरण पढ़ सको।
- The Violated Chapter 1 – Soumya Das| कॉमिक बुक | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- Suncatcher – Romesh Guneshekhra | उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- पीहू के दोस्तों का जवाब नहीं – जयंती रंगनाथन | बाल उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- The puffin book of Spooky Stories | कहानी संग्रह | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- The Washer of the Dead – Venita Coehlo | कहानी संग्रह | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- टावर ऑफ साइलेंस – मनोज रूपड़ा | कहानी संग्रह | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- साज़ नासाज – मनोज रूपड़ा | कहानी संग्रह | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- बॉम्बे बार – विवेक अग्रवाल | कथेतर | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- हर्बर्ट – नवारुण भट्टाचार्य अनुवाद: मुनमुन सरकार | उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- चंद्रमुखी – विश्वास पाटिल अनुवाद: रामजी तिवारी और रमेश चंद्र तिवारी | उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- Mansur – Vikramjit Ram | Novel | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- In The Name Of The Lord – Sister Lucy Kalapura Trans. Nandakumar K | Memoirs | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- You – M Mukundan Trans. Nandakumar K | उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- Broken – Don Winslow | कहानी संग्रह | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- My Name is Abu Salem – S Hussain Zaidi | कथेतर | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- Silk Route Spy – Enakshi Sengupta | उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- A Murder on the Malabar Hill- Sujata Massey | उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- R.A.W Hitman: The Real Story of Agent Lima – S Hussain Zaidi | उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- The Wonder – Emma Donoghue | उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- Beneath the Simolu Tree – Sharmishtha Pritam Trans. Ranjita Biswas | उपन्यास | पुस्तक लिंक: अमेज़न
तो ये थी वो किताबें जो इस महीने पढ़ी और खरीदी।
आपने इनमें से कौन सी रचनाएँ पढ़ी हैं? आपको वो कैसी लगी थीं? मुझे बताइएगा जरूर।
आपने इस माह क्या क्या पढ़ा? क्या आपने इस माह कोई पुस्तक खरीदी? अगर हाँ तो वो कौन सी थीं? बताइएगा जरूर।
अच्छी पोस्ट, काफी किताबों की जानकारी प्रदान करती है।
हमेशा पढने से ज्यादा किताबें खरीदी जाती हैं।।
जी सही कहा। आजकल पढ़ने से ज्यादा दर खरीददारी की है। उम्मीद है जल्द ही इसमें बदलाव आएगा।
Wow! Itni saari kitaabein! Aapne 6 kitaabein parhi hain aur aap keh rahe hain ki parhna kam ho raha hai. Main kya hi bolun phir…:))
पहले की तुलना में कम ही है क्योंकि पहले तो महीने की 10 से 16 के बीच रहता था मामला। वीकेंड में ही दो पढ़ लेता था। आजकल पांडुलिपियां अधिक पढ़ी जा रही हैं इसलिए पढ़ने का समय कम ही लग पाता है।