लाया हूँ
ग़मों की गठरी सीने में दबाकर लाया हूँ,अश्कों को अपने, तबस्सुम में छुपाकर लाया हूँ सुना, है बिकती इस जहाँ में हर एक चीज,सो जज़्बात अपने, मैं आज उठाकर लाया …
लाया हूँ Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
			ग़मों की गठरी सीने में दबाकर लाया हूँ,अश्कों को अपने, तबस्सुम में छुपाकर लाया हूँ सुना, है बिकती इस जहाँ में हर एक चीज,सो जज़्बात अपने, मैं आज उठाकर लाया …
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			काम काज को धता बता रक्खा है,जनता को सरकार से खफा बता रक्खा है जमा के मजमा ज़माने भर कानेता ने खुद को खुदा बता रक्खा है, सी कर ज़बाँ …
बता रक्खा है | विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read More
			वो हँसा है जो मुझे दर्द ए दिल देकर ,खून बढ़ा उसका, मैं हूँ खुश बस यही सोचकर फ़िज़ाओं में जो ये खुशबू सी है आ बसी,क्या गुजरा था मेरा …
जोकर Read More
			मैं ज़बाँ से कुछ न कहता होऊँ मगर,तू न सोच कि दिल में मेरे जज्बात नहीं, कहने को तो कह दूँ मैं हाल ए दिल,पर अभी सही वक्त और हालात …
मैं ज़बाँ से कुछ न कहता होऊँ मगर Read More
			कल ऑफिस से आ रहा था तो एक दोस्त की पोस्ट देखी। दोस्त का नाम अरुण यादव है। वो दिल्ली आया था और अब वापस जाते हुए उसने पोस्ट लिखी …
सीख लिया है Read More
			यूँ ही ऑफिस में बैठकर कुछ पंक्तियाँ मन में उभरी थी तो उन्हें गूगल ड्राइव के दस्तावेज में नोट कर दिया था। कुछ भी पुख्ता नहीं बन पाया था। यह पिछले …
किधर जाएँ Read More