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ये उम्मीद न रख
मुझसे कि मैं लिखूँगा कोई प्रेम गीत
जिसे गाऊँगा मैं सबके सामने
अपने उन अहसासों को
किसी महफ़िल में
दूँगा मैं जबां
जिन्हें महसूसा है मैंने,
तुम्हे देखने के बाद
मैं हूँ एक स्वार्थी प्रेमी,
और वो शब्द रहेंगे केवल हमारे,
मैं कहूँगा उन एहसासों सिर्फ तुम्हारे कान में,
ताकि मेरे साँसों की तपिश से तुम जान सको
कि वो केवल शब्द नहीं हैं
वो मेरे होने का सबूत है
जो है
केवल तुम्हारे लिए
बस तुम्हारे लिए
© विकास नैनवाल ‘अंजान’
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार १२ जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर…
आप भी सादर आमंत्रित हैं…धन्यवाद।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जी मेरी रचना को अपनी पोस्ट में जगह देने के लिए शुक्रिया।
बेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति ।
बेमिसाल रचना…
सादर…
जी शुक्रिया, मैम।
आभार सर।
बहुत सुंदर अद्भुत।
मैं हूँ एक स्वार्थी प्रेमी,
और वो शब्द रहेंगे केवल हमारे,
मैं कहूँगा उन एहसासों सिर्फ तुम्हारे कान में,
ताकि मेरे साँसों की तपिश से तुम जान सको
वाह!!!!
तुम्हारे लिए….बहुत खूबसूरत रचना।
सुन्दर रचना
जी आभार।
शुक्रिया मैम।
जी आभार, मैम।
गज़ब की रचना…शब्द और भाव दोनों अद्भुत…अंतिम पंक्तियाँ तो बेमिसाल हैं
जी शुक्रिया,सर।