पहली सी वो अब मुलाकात कहाँ

आज कल लिखना काफी कम हो गया है। कुछ दिनों से मन में कुछ खदबदा रहा था। आज इस रूप में बाहर आया है। आप भी पढ़ें


रहे मेरे अब पहले से हालात कहाँ,
मिलते हैं अब हमारे खयालात कहाँ

दिखती थी तू तो कभी जी जाता था मैं,
दिखने पर हैं उठते, अब वो जज़्बात कहाँ

मिल तो लेते ही हैं हम अब भी, मगर
होती पहली सी वो अब मुलाकात कहाँ

थी मुहब्बत कभी हमने भी की ‘अंजान’
रही तुमको भी थी, इसमें है मुबालात कहाँ

विकास नैनवाल ‘अंजान’ (15/12/2025)

फीचर इमेज: Image by Mohamed Hassan from Pixabay

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहता हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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