कहानी की कहानी: ‘बारिश’

भावांकुर पत्रिका में प्रकाशित कहानी। तस्वीर के लिए कोई कुछ नहीं कहेगा। मुझे याद नहीं  क्या सोच कर ये सीरीअल किलर वाले लुक के साथ फोटो खिंचवाई थी और ये …

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प्रेम? | हिन्दी कविता

Image by Dariusz Sankowski from Pixabay प्रेम कभी किया था तुमने मुझसे? या मैंने ही तुमसे ? या फिर था  प्रेम  तुम्हें मेरे होने के ख्याल से और मुझे तुम्हारे होने के ख्याल …

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बुढ़िया के बाल | हिन्दी कविता | बाल कविता

Image by Amol Sharma from Pixabay  नोट:  मुझे बुढ़िया के बाल हमेशा से ही पसंद रहे हैं। बचपन में भी यह पसंद आते थे और आज भी बहुत पसंद आते हैं। मुझे याद है …

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अजनबी या दोस्त

Image by analogicus from Pixabay  ज़िन्दगी रेत सी फिसलती चली गयी अजनबी दोस्त होते गए दोस्त अजनबी होते गए कभी  दोस्त अजनबी से लगे कभी  अजनबी दोस्त से लगे और मैं करता रहा …

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उग आया टहनियों पर, आफताब हो जैसे

उग आया टहनियों पर आफताब हो जैसे दिखता है वो, एक ख्वाब हो जैसे उग आया टहनियों पर,  आफताब हो जैसे आये छत पर, तो हो जाते खुश इस तरह …

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हो मुझसे अलग, यह तुम्हारा एक वहम है

  Image by Gerd Altmann from Pixabay हो मुझसे अलग, यह तुम्हारा एक वहम है, करोगे गौर तो पाओगे, फर्क बहुत कम है रंग,भाषा,देश,भेष हो भले ही जुदा-जुदा है खुशी …

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