
मच्छर मारेगा हाथी को – अ रीमा भारती फैन फिक्शन #5
पिछली कड़ी में आपने पढ़ा: रीमा मुंबई से दिल्ली लैंड करती है और उसे पता चलता है कि सुनीता को किसी ने अगुवा कर लिया है। वही फिर उसकी बात …
मच्छर मारेगा हाथी को – अ रीमा भारती फैन फिक्शन #5 Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
पिछली कड़ी में आपने पढ़ा: रीमा मुंबई से दिल्ली लैंड करती है और उसे पता चलता है कि सुनीता को किसी ने अगुवा कर लिया है। वही फिर उसकी बात …
मच्छर मारेगा हाथी को – अ रीमा भारती फैन फिक्शन #5 Read MoreImage by PublicDomainPictures from Pixabay मैं उठता हूँ, उठकर खाता हूँ, फिर जाता हूँ काम पर, बेमन से उधर अपनी ज़िंदगी को करता हूँ बर्बाद, कुछ सिक्को के खातिर, फिर …
नियति Read Moreपिछली कड़ी में आपने पढ़ा: सुनीता ने रीमा को कॉल तो किया और रीमा ने उसकी मदद का इन्तेजाम भी कर दिया था। युद्धवीर और उसकी टीम उधर पहुँच गई …
मच्छर मारेगा हाथी को – अ रीमा भारती फैन फिक्शन #4 Read Moreपिछली कड़ी में आपने पढ़ा: रीमा किसी केस की तलाश में होती है लेकिन उसके बॉस उसे आराम करने के लिए कहते हैं। वह ऑफिस से परेशान हालत में लौटती …
मच्छर मारेगा हाथी को – अ रीमा भारती फैन फिक्शन #3 Read MoreImage by Public Affairs from Pixabay ज़ख्मो पर अपने मलहम लगाना सीख लिया, गम में भी मैंने मुस्कराना सीख लिया रात स्याह हो तो हुआ क्या भला, बन जुगनू मैंने …
ज़ख्मो पर अपने मलहम लगाना सीख लिया Read More2) चार दिन पहले, आईएससी हेड क्वार्टर मैं चीफ खुराना के समक्ष उनके ऑफिस में बैठी थी। “रीमा, मैंने तुम्हे कहा था न कि तुम्हे अभी आराम करना चाहिए।” चीफ …
मच्छर मारेगा हाथी को – अ रीमा भारती फैन फिक्शन #2 Read MoreImage by Benjamin Balazs from Pixabay रात को जब सो जाते हैं सारे, और मैं लेटा होता हूँ बिस्तर पर, नहीं होता कुछ भी करने को, न होता है कोई …
रात!! Read Moreभूमिका वैसे तो हिन्दी पल्प साहित्य में बहुत किरदार हुए हैं जो कि मुझे पसंद आये हैं लेकिन रीमा भारती का मेरे लिए अपना एक अलग चार्म रहा है। मुझे …
मच्छर मारेगा हाथी को – अ रीमा भारती फैन फिक्शन #1 Read MoreImage by Free-Photos from Pixabay इन फिजाओं में ये क्या पड़ा हुआ है, क्यों नकाब हर चेहरे पर चढ़ा हुआ है, दफन करने पड़ते हैं सवाल भी हमें, ज़बाँ पर …
इन फिजाओं में ये क्या पड़ा हुआ है, Read Moreसोशल मीडिया में आजकल चिल्लाने का चलन बढ़ चुका है। कभी कभी अपनी फीड देखता हूँ तो हर कोई चिल्लाता ही मालूम होता है। ऐसा नहीं है कि एक ही …
हुआँ हुआँ वो देख हमे चिल्लाता है, Read More