लिख रहा हूँ
Image by Iatya Prunkova from Pixabay एक हसीं अफसाना लिख रहा हूँ, दिल का एक तराना लिख रहा हूँ, दिल के टुकड़े तो कई हो चुके मेरे, मैं दिल …
लिख रहा हूँ Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
Image by Iatya Prunkova from Pixabay एक हसीं अफसाना लिख रहा हूँ, दिल का एक तराना लिख रहा हूँ, दिल के टुकड़े तो कई हो चुके मेरे, मैं दिल …
लिख रहा हूँ Read More‘बदलाव’ विकास नैनवाल ‘अंजान’ द्वारा लिखित एक लघु-कथा है।
बदलाव | विकास नैनवाल ‘अंजान’ | लघु-कथा Read Moreकुछ दिनों पहले जब खबर मिली कि मेरी कहानी भावांकुर पत्रिका में प्रकाशित हुई है तो वही खुशी मिली जो तब होती है जब आपको अचानक से किसी किताब के …
कहानी की कहानी: ‘बारिश’ Read MoreImage by Dariusz Sankowski from Pixabay प्रेम कभी किया था तुमने मुझसे? या मैंने ही तुमसे ? या फिर था प्रेम तुम्हें मेरे होने के ख्याल से और मुझे तुम्हारे होने के ख्याल …
प्रेम? | हिन्दी कविता Read MoreImage by Amol Sharma from Pixabay नोट: मुझे बुढ़िया के बाल हमेशा से ही पसंद रहे हैं। बचपन में भी यह पसंद आते थे और आज भी बहुत पसंद आते हैं। मुझे याद है …
बुढ़िया के बाल | हिन्दी कविता | बाल कविता Read MoreImage by analogicus from Pixabay ज़िन्दगी रेत सी फिसलती चली गयी अजनबी दोस्त होते गए दोस्त अजनबी होते गए कभी दोस्त अजनबी से लगे कभी अजनबी दोस्त से लगे और मैं करता रहा …
अजनबी या दोस्त Read Moreउग आया टहनियों पर आफताब हो जैसे दिखता है वो, एक ख्वाब हो जैसे उग आया टहनियों पर, आफताब हो जैसे आये छत पर, तो हो जाते खुश इस तरह …
उग आया टहनियों पर, आफताब हो जैसे Read MoreImage by Cock-Robin from Pixabay फुदकती थी जो यहाँ वहाँ कभी छत पर कभी आँगन में कभी किसी कमरें में गूँजता था जिसकी चचचाहट से यह घर-द्वार वह घिन्दुड़ी1 चली …
घिन्दुड़ी Read MoreImage by Gerd Altmann from Pixabay हो मुझसे अलग, यह तुम्हारा एक वहम है, करोगे गौर तो पाओगे, फर्क बहुत कम है रंग,भाषा,देश,भेष हो भले ही जुदा-जुदा है खुशी …
हो मुझसे अलग, यह तुम्हारा एक वहम है Read MoreImage by A_possitive_guy from Pixabay मेरा अधकचरा पन मुझे बनाता है मैं मेरा बेढंगापन मुझे बनाता है मैं इनके बिना क्या रहूँगा मैं, मैं? मैं हूँ ऊबड़ खाबड़ जैसे …
मेरा अधकचरापन Read More