उफ्फ़… डर का मंज़र मेरा दूसरा साझा संकलन है। संग्रह में मेरी कहानी ‘डेडलाइन’ को भी स्थान दिया गया है जिसके लिए मैं शोपीजन और संपादक मन मोहन भाटिया का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।
पुस्तक के विषय में
उफ्फ़ डर का मंजर मन मोहन भाटिया द्वारा संपादित 15 कहानियों का संग्रह है जो कि शोपीजेन द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस संग्रह में बारह लेखकों की निम्न कहानियों को संकलित किया गया है:
- डेडलाइन -विकास नैनवाल
- मौत का घर – जयदेव चावरिया
- मुर्दा मोड़ – अपर्णा बाजपेई
- शापित गाँव – अपर्णा बाजपेई
- सन्नाटों वाली रात – अरविंद कुमार श्रीवास्तव
- ट्रिन ट्रिन ट्रिन – आँचल राठौर
- वो भयानक रात – अनिल पुरोहित
- आत्मा का प्रतिशोध – अनिल पुरोहित
- प्रायश्चित – रवि गोयल
- कुलधारा का रहस्य – वंदना सोलंकी
- खूनी बावड़ी – वंदना सोलंकी
- अगला शिकार – आल्हादिनी
- रास्ते का राजा – साबिर खान
- उलझन: एक अनोखी दास्ताँ – मनोज कुमार
- देखा हुआ मंजर – शोभा शर्मा
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