संडे मार्केट से की गई खरीददारी

संडे मार्केट से की गई खरीददारी
कई दिनों से दिल्ली के संडे मार्किट से किताबे खरीदने की सोच रहा था लेकिन जा नहीं पा रहा था।आज एक मित्र के साथ उधर हो ही आया और पूरी 380 rs की किताबें भी खरीदी। देखिये तो इन 380 रूपये में क्या क्या आया।
अगर तस्वीर में किताबें साफ़ नहीं दिख रही तो उसकी सूची ये रही।
10  रूपये में खरीदी गयी किताबें

20 रूपये  में ली गयी किताबें

1) The front – Patricia Cornwell
2)दिग्भ्रांत – रहीम ऐसेनोव
3) Wild Swans – Jung Chang
4)Confessional – Jack Higgins
5) Odd thomas – Dean Koontz
6) C is for Corpse – Sue Grafton
7)The Falcon’s Malteser -Anthony Horowitz
8)The memory keeper’s daughter – Kim Edwards
9) Shipping Christmas – John Grisham
10) Ghost hero- S J Rojan
11)Kowloon Tong – Paul theroux
12)Road side crosses – Jeffery Deaver
40 रूपये  में ली गयी किताबें
1) Parker – Richard Stark
2) The book lover’s tale – Ivo Stourton

अगर आप पुस्तक प्रेमी हैं और दिल्ली के आसपास रहते हैं तो शायद आपको इस बाज़ार का पता होगा। अगर नहीं भी है तो आप चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पे उतरिये और रिक्शे वाले भाई साहब से बोलिये बुक मार्किट ले चलिए और आप पहुँच जायेंगे।

कहते हैं  कि किताबों से अच्छी दोस्त कोई नहीं होता और मुझे तो कुछ नए दोस्त मिल गए। आप भी हो आइये उस बाजार और शायद आपको भी कुछ नए दोस्त मिल जायें।
अगर दिल्ली या गुडगाँव में आप ऐसी ही किसी और जगह से वाकिफ हैं तो कमेंट बॉक्स में उसके विषय में बताईयेगा।

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहत हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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