बनता हूँ,
बिगड़ता हूँ,
टूटता हूँ,
जुड़ता हूँ,
बिखरता हूँ,
सिमटता हूँ,
इंसाँ हूँ,
जीता जाता हूँ,
सुख दुःख
विरक्ति आसक्ति
प्रेम घृणा
महसूसता हूँ
इंसाँ हूँ
जीता जाता हूँ,
शिकार हूँ,
शिकारी भी,
सिंह हूँ,
हिरण भी,
अच्छा हूँ,
बुरा भी,
कभी ये हूँ,
कभी वो हूँ
इंसाँ हूँ
जीता जाता हूँ
विकास नैनवाल ‘अंजान’©
अत्यंत सुन्दर !!
बहुत सुन्दर
धन्यवाद, मैम।
आभार मैम।