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दिसंबर 2021 में पढ़ी गई रचनाएँ |
वैसे तो यह फरवरी चल रहा है और अब दिसंबर गुजरे हुए लगभग डेढ़ माह बीत चुके हैं। लेकिन चूँकि यह आधी पोस्ट बिना प्रकाशित किये ही रह गई थी तो मैंने सोचा कि इसे पूरा ही कर दिया जाए। वैसे भी पढ़ने की संख्या के लिहाज से देखा जाए तो दिसंबर का महीना काफी अच्छा रहा था। ऐसे में इस पर बात न करना मुझे सालता रहता।
2021 के दिसंबर माह में मैं 24 रचनाओं को पढ़ पाया। हालाँकि इनमें से काफी कॉमिक बुक्स भी थी लेकिन फिर भी उपन्यास इतने थे कि मैं इससे संतुष्ट हूँ।
संख्या के लिहाज से देखूँ तो दिसम्बर में पढ़ी गयी 24 रचनाओं में से 7 उपन्यास थे, 1 संस्मरण था, 14 कॉमिक बुक थीं और 2 कहानियाँ थीं। भाषा के हिसाब से देखा जाए तो 3 रचनाएँ अंग्रेजी की और बाकी सभी रचनाएँ हिंदी की थीं। अगर विधा के हिसाब से देखा जाए तो उपन्यासों में 3 सामाजिक उपन्यास, 1 बाल उपन्यास और 3 अपराध साहित्य थे। दिसंबर में पढ़ी गयी एक रचना बांग्ला से हिंदी में अनूदित भी थी।
अब ज्यादा वक्त न जाया करते हुए चलिए देखते कि यह रचनाएँ कौन सी थीं।
गर्व
गर्व फिक्शन कॉमिक्स का नेक्टर शृंखला का पहला कॉमिक बुक है। एक नवीन शृंखला के रूप में यह कॉमिक बुक मुझे पसंद आया। कॉमिक बुक पढ़कर मुझे तो मज़ा आया। कहानी में आने वाली पहेलियाँ, एक्शन और ट्विस्ट जहाँ कथानक में रुचि बनाए रखती हैं वहीं कहानी में नेक्टर और ब्लू आय से संबंधित ऐसे कई बिन्दु मौजूद हैं जो इन किरदारों के विषय में अधिक जानकारी पाने के लिए पाठकों को उत्सुक करते हैं।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा
तीन प्रश्न
तीन प्रश्न दृश्यम कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। प्रतिलिपि अपने मौलिक कॉमिक बुक इस प्रकाशन के नाम से निकालता है।
प्रस्तुत कॉमिक तीन प्रश्न एक ऐसे व्यक्ति कैलाश की कहानी है जिसे लगता है कि भूत प्रेत नहीं होते हैं जबकि उसकी पत्नी सुलभा को भूत प्रेतोंपर पूरा विश्वास है। ऐसे में सुलभा का विश्वास जीतता है या कैलाश का यह चीज ही कॉमिक की कहानी बनती है। कॉमिक के विषय में यही कहूँगा कि कहानी सीधी सरल है। आप इसे एक बार पढ़ सकते हैं।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा
अंधा जासूस
अंधा जासूस तुलसी कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। यह कॉमिक प्रतिलिपि पर वाचन के लिए उपलब्ध है। कुछ शीर्षक ऐसे होते हैं जिन्हें सुनकर आपकी कल्पनाओ के घोड़े दौड़ने लगते हैं और आप यह देखने के लिए लालायित हो जाते हो कि लेखक ने इस शीर्षक से साथ आए कथानक में आपको क्या परोसा होगा? यह कॉमिक बुक भी ऐसा ही था। इसकी शुरुआत तो अच्छी थी लेकिन फिर लेखक ने ऐसा रायता फैलाया कि यह एक अच्छा कॉमिक बुक बनने का खोया मौका बनकर ही रह गई।
कॉमिक बुक के प्रति विस्तृत विचार:
गलतफहमी
गलतफहमी लेखक निमाई भट्टाचार्य का बांग्ला से हिंदी में अनूदित उपन्यास है। यह एक ऐसे डॉक्टर की कहानी है जो कि अकेलापन चाहता है। कभी वह डॉक्टर कलकत्ता में अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक संस्था खोलना चाहता था लेकिन अब वह अपने पुराने लोगों से दूर चले जाना चाहता है। वह क्यों पुराने परिचितों से दूर चला जाना चाहता है? क्या इस तरह भागकर वह वह शांति पा पाया जिसकी उसे तलाश थी? ऐसे प्रश्नों के उत्तर उपन्यास में मिलते हैं।
निमाई भट्टाचार्य का यह उपन्यास पठनीय था। हाँ, अंत में ऐसा लगता है लेखक ने कुछ जगह जल्दबाजी की है और उपन्यास का प्रभाव उससे कम हो जाता है। लेकिन इसके बावजूद भी उपन्यास एक बार पढ़ा जा सकता है। उपन्यास ने इतना प्रभावित तो किया है कि इस लेखक की दूसरी रचनाओं को मैं पढ़ना चाहूँगा।
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा निम्न लिंक पर जाकर पढ़ी जा सकती है:
आईविटनेस
आईविटनेस लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का लिखा उपन्यास है। यह उपन्यास 1979 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ था और इसकी सबसे खास बात यही थी कि प्रकाशन के इतने वर्ष बीतने के बाद भी इसे पढ़ते हुए ऐसा नहीं लगा कि आप कोई पुराना उपन्यास पढ़ रहे हैं।
इस उपन्यास को पाठक साहब ने उनकी प्रसिद्ध सीरीज विमल की एक तिकड़ी में आये साइड किरदार को लेकर लिखा है। चूँकि इस किरदार का जिक्र उपन्यास में विमल के साथी के रूप में हो रखा है तो एक अलग उपन्यास होने के बावजूद यह यह अहसास कराता है कि यह किसी अन्य कहानी का भाग हो। ऐसे में जिन लोगों ने विमल के वो उपन्यास न पढ़ें हो उन्हें एक तरह का अधूरापन या असंतुष्टि इससे हो सकती है। अगर आपने ये पढ़ें हैं तो आपको यह उपन्यास पसंद आएगा
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा:
एम्पिरिकल एविडन्स
ब्रेन्डन मेयर्स और ब्रायन पेडास की लिखी उपन्यासिका एम्पीरिकल एविडन्स भविष्य के किसी कालखण्ड में घटित होते हुए दिखती है। उपन्यासिका का कथानक सधा हुआ है और कहीं भी किसी तरह का भटकाव इसमें देखने को नहीं मिलता है। कहानी आपको बांधकर रखती है और भले ही यह कहानी एक काल्पनिक दुनिया में बसाई गयी हो लेकिन जैसे जैसे आप इसे पढ़ते जाते हैं वैसे वैसे इसमें दर्शाई गयी चीजें आपको अपनी वर्तमान दुनिया के समान लगने लगती हैं।
अंत में यही कहूँगा कि यह उपन्यासिका छोटी जरूर है लेकिन सोचने के लिए आपको काफी कुछ दे जाती है।
उपन्यासिका की विस्तृत समीक्षा:
अनविटिंग विटनेस
अनविटिंग विटनेस आर वी रमन द्वारा लिखी हुई एक ऐसी रहस्यकथा है जिसे उन्होंने चतुराई से बुना हुआ है। इस 22 पृष्टों की कथा में लेखक पाठक के सामने इतने संदिध रखते हैं कि असली कातिल का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। कातिल का जब पता लगता है तो वह आपको चौंका देता है।
अगर रहस्यकथायें पसन्द हैं तो कहानी पढ़कर देखिये। हो सकता है आपको भी यह उतना ही संस्तुष्ट करे जितना की इसने मुझे किया।
कहानी की विस्तृत समीक्षा:
जासूस बलराम के सर्वश्रेष्ठ कारनामें -1
जासूस बलराम के सर्वश्रेष्ठ कारनामें -1 में जासूस बलराम के दो कारनामों ‘नादान’ और ‘फेकबुक’ को एकत्रित किया गया है। इन कॉमिक बुक की खास बात यह है कि यह दोनों ही कॉमिक बुक नई टीम ने बनाई हैं। समसामयिक मुद्दों पर लिखी यह कॉमिक रोचक हैं और एक बार पढ़ी जा सकती हैं।
कॉमिक बुक के प्रति मेरी विस्तृत राय
शोस्टॉपर
ध्रुव के मन में एक ही इच्छा न जाने से कब से अधूरी है। एक दिन ध्रुव उठा तो उसे अपनी वह इच्छा पूरी हुई दिखी। लेकिन फिर ध्रुव को कुछ न कुछ गड़बड़ होने का अहसास क्यों हो रहा था। आखिर कैसे बन गया था ध्रुव शोस्टॉपर?
कॉमिक बुक आपको अंत तक बाँधकर रखता है। यही कहूँगा कि लेखक नितिन मिश्रा ने ध्रुव के जीवन के सबसे बड़े पछतावे को लेकर एक अच्छा कथानक बुना है। अगर नहीं पढ़ा है तो पढ़कर देख सकते हैं।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा
हॉरर संगीत
प्रिंस कॉमिक की डार्क फिक्शन शृंखला का प्रस्तुत कॉमिक हॉरर संगीत का मुख्य पात्र डेनियल पाल हॉरर फिल्मों में संगीत देता है। वह एक ऐसा संगीतकार है जिसके संगीत के बिना हिंदी हॉरर फिल्म पूरी नहीं मानी जाती है।
कहते हैं फिल्म लाइन में कोई किसी का नहीं होता है। यह जरूरत के हिसाब से रिश्ते बनते हैं, वादे किए जाते हैं और फिर जरूरत न रहने पर वह रिश्ते और वादे ऐसे भुला दिये जाते हैं जैसे अब कभी रिश्ते कभी बने या वादे कभी किए ही न गए हों। ऐसा आम जीवन में भी काफी होता है लेकिन फिल्म लाइन इसके लिए ज्यादा बदनाम है और इसी प्रवृत्ति को इस कॉमिक्स में दर्शाने की कोशिश की गयी है। कहानी साधारण है फिर भी पठनीय है।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा
पुस्तक लिंक: फेनिल कॉमिक्स
पतन
पतन लेखक समीर द्वारा लिखित एक समाजिक उपन्यास है। पतन के केंद्र में मोना माथुर नाम की युवती है। उपन्यास ग्यारह छोटे छोटे अध्यायों में विभाजित है। उपन्यास का आधा भाग मोना के शुरुआती जीवन को दर्शाता है जहाँ वह एक चुलबुली लड़की के रूप में दर्शाई गयी है। इस भाग में नोक झोंक है और हल्की फुलकी बातें हैं। उपन्यास का दूसरे भाग में कहानी बदलती है। मोना के परिवार पर मुसीबत का एक पहाड़ टूटता है और मोना उससे अपने परिवार को उभारने की ठान लेती है। यह कैसे होता है यही कथानक बनता है।
उपन्यास मुझे पसंद आया। समीर के लेखन से मैं इससे पहले परिचित नहीं था लेकिन इस उपन्यास को पढ़ने के बाद समीर के कुछ और उपन्यास जरूर पढ़ना चाहूँगा।
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा
वह कौन था?
वह कौन था प्रिंस कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित किया गया कॉमिक बुक है जिसकी कहानी अंसार अख्तर द्वारा लिखी गयी है। कॉमिक्स के केंद्र में प्रोफेसर साही है जो कि हथियारों और उससे होने वाले विनाश से परिचित हैं। वह जानते हैं कि ऐसे हथियारों का होना कितनी बड़ी तबाही ला सकता है लेकिन जब वह अपने इन विचारों को साझा करते हैं तो उन्हें कमजोर समझ उन्हें उनके पद हटाने का आदेश दिया जाता है। लेकिन क्या वह सचमुच कमजोर हैं या फिर उनके मन में मनुष्यता की अहमियत ज्यादा है? यही चीज कहानी से पता चलती है।
अंत में यही कहूँगा कि वो कौन था? शिक्षा देती हुई कहानी है जो कि अपने ध्येय में सफल होती है। हाँ, यह कहानी कुल बारह पृष्ठों की है जो कि कीमत के हिसाब से काफी छोटी लगती है। मुझे लगता है प्रकाशन को ऐसी छोटी छोटी दो चार कहानियों को संकलित कर एक साथ प्रकाशित करना चाहिए जिससे पाठकों को पढ़ने के लिए ज्यादा सामग्री मिले।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा
पुस्तक लिंक: फेनिल कॉमिक्स
तबाही का देवता
तबाही का देवता लेखक वेद प्रकाश काम्बोज का विजय शृंखला का उपन्यास है। उपन्यास नीलम जासूस कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया गया है।
उपन्यास की शुरुआत अशरफ नाम के व्यक्ति के एक गंजे के पीछे किए जाने से होती है। इसके बाद घटनाओ का एक ऐसा चक्र चल पड़ता है कि आप उपन्यास पढ़ते चले जाते हैं। जैसे-जैसे आप उपन्यास पढ़ते हैं आपको पता लगता है कि यह सब मामला कुछ ऐसे जरूरी दस्तावेजों का है जो कि विदेश विभाग से चोरी हुए हैं। एक तरफ एक समूह है जो कि यह दस्तावेज हथियाना चाहता है और दूसरी तरफ सीक्रिट सर्विस के सदस्य है जो कि इन्हें वापिस पाना चाहते हैं। उपन्यास का अधिकतर हिस्सा इन्हीं के बीच चलने वाले दाँव पेंचों में जाता है।
यह उपन्यास एक बार पढ़ा जा सकता है। उपन्यास का ढांचा (किस तरह से कहानी खुलती है) और इसमें मौजूद तबाही का देवता इसे आम जासूसी उपन्यासों से जुदा बनाते हैं। यही दो ऐसे बिन्दु भी हैं जिनके होने से हो सकता है कि उपन्यास आपको पसंद न आए या ऐसा भी हो सकता है कि उपन्यास काफी पसंद आए। आखिर में व्यक्ति के स्वाद पर यह बात निर्भर करेगी।
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा:
23rd जून प्रोडक्शन
23rd प्रोडक्शन हाउस प्रिंस कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित किया गया कॉमिक बुक है जिसकी कहानी सैय्यद एम रजा द्वारा लिखी गयी है।
फिल्मी दुनिया चकाचौंध की दुनिया है। यह एक ऐसी दुनिया है जहाँ एक मौका आपको रंक से राजा बनाने की काबिलियत रखता है। यही कारण है कि अपनी आँखों में सपने लेकर कई युवा इस दुनिया में दाखिल होने के आते हैं और येन केन प्रकारेण इस दुनिया में दाखिल होने की कोशिश करते हैं।
प्रस्तुत कॉमिक बुक ऐसे ही एक युवा कलाकार रोहित रंजन की है जो कि विज्ञापन और टीवी में नाम कमा चुका है लेकिन वह फिल्मो में अब तक नहीं आ पाया है। ऐसे में जब उसे फिल्मों में आने का मौका मिलता है तो उस मौके को पाने के लिए वह क्या करता है यही कॉमिक बुक की कहानी बनती है।
अंत में यही कहूँगा कि कॉमिक बुक पठनीय है और पाठक का मनोरंजन करता है। कॉमिक बुक एक बार पढ़ा जा सकता है अगर 14 पृष्ठ की कॉमिक के लिए 90 रुपये देना आपको न खलता हो तो।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा
पुस्तक लिंक: फेनिल कॉमिक्स
यादों के चिनार
यादों का चिनार लेखक कृष्ण चंदर के संस्मरणों की किताब है। किताब में एक व्यक्ति अपने बचपन के दिनों को याद करता दिखता है। अलग-अलग शीर्षकों में दिए गए ये संस्मरण न केवल उस बच्चे की दृष्टि से उस वक्त की दुनिया को दर्शाते बल्कि उसकी मासूमियत के माध्यम से यह भी बताते हैं कि किस तरह अपनी मासूमियत को खोकर हम लोग क्या क्या खो रहे हैं। इन संस्मरणों में आपको मासूमियत, प्रेम, समाज में फैला द्वेष, जातिवाद और अन्य ऐसे जीवन के कई रंग देखने को मिल जाते हैं। नहीं पढ़ा है तो एक बार पढिए।
पुस्तक लिंक: अमेजन
मुखिया का लड़का
मुखिया का लड़का तुलसी कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है जो कि वाचन के लिए प्रतिलिपि कॉमिक्स पर मौजूद है। ‘मुखिया का लड़का’ 2000 वर्ष पूर्व के किसी गाँव में घटित होने वाली घटना है। शांतीपुर नामक गाँव के मुखिया के लड़के का जब अपहरण एक खूँखार डाकू द्वारा कर लिया जाता है तो गाँव में सभी परेशान हो जाते हैं। मुखिया के बेटे को बचाने की जिम्मेदारी लम्बू मोटू नामक दो दोस्त अपने सिर पर लेते हैं और ऐसे डाकू, जिसने उस गाँव के सैनिकों की टुकड़ी को भी हरा दिया था, के चंगुल से उस अपहृत बच्चे को बचाने के लिए चल पड़ते हैं।
मुझे यह कॉमिक बुक प्रतलिपि पर मुफ़्त वाचन के लिए मिल गई थी लेकिन फिर भी सोचकर हैरत होती है कि एक वक्त पर प्रकाशन ने इसे प्रकाशित किया था और लोगों को पैसे देकर लेने के लिए मुहैया करवाया था। लेकिन फिर अब वह प्रकाशन बंद हो चुका है और इस कॉमिक्स को देखकर अंदाजा होता है कि ऐसा क्यों हुआ होगा।
अंत में यही कहूँगा कि ‘मुखिया का लड़का’ की विषय वस्तु रोचक है जिस पर लेखक द्वारा ढंग से काम किया गया होता तो शायद यह एक अच्छी रोमांचकथा बन सकता था। फिलहाल तो यह आलसी लेखन का एक नमूना भर बनकर रह गयी है।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा
समीक्षा: मुखिया का लड़का
कॉमिक बुक लिंक: प्रतिलिपि
बटलर
बटलर राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। कॉमिक बुक की कथा लेखक तरुण कुमार वाही द्वारा लिखी गयी है।
कॉमिक की शुरुआत खलनायक उर्फ बटलर की एंट्री से होती है। पाठको वो वह शिकार करते दिखता है जिसके बाद पाठक जान पाते हैं कि यह शिकार उसका पहला शिकार नहीं है । वहीं लोगों के गायब होने से जहाँ एक तरफ पुलिस परेशान है वहीं डोगा भी परेशान है। वह जीजान से लोगों के गायब होने का रहस्य जानने के पीछे लगा है लेकिन उसके हाथ खाक ही आती है। डोंगा किस तरह खलनायक से पार पाता है यही इस कॉमिक का कथानक बनता है।
अंत में यही कहूँगा कि बटलर अपनी कमियों के बावजूद बटलर पाठक का मनोरंजन करने में सफल होती है। अगर कॉमिक बुक नहीं पढ़ी है तो एक बार सकते हैं।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा:
समीक्षा: बटलर
कॉमिक बुक लिंक: अमेज़न
द वन्डरफुल विज़ार्ड ऑफ ओज
द वंडरफुल विज़ार्ड ऑफ ओज एल फ्रेंक बौम का लिखा हुआ उपन्यास है। डोरोथी एक छोटी लड़की है जिसे एक तूफान एक रहस्यमय दुनिया ओज़ में ले आया था। इस दुनिया में उसका कुत्ता टोटो भी उड़कर आ गया था। यह ऐसी दुनिया थीं जहाँ जादुगर था जदुगरनियाँ थी और थे कई अजीब जीव। डोरोथी का एक ही मकसद था। अपने घर वपिस लौटना। इस मकसद को पाने के लिए उसे क्या करना पड़ा यही उपन्यास बनता है। विज़ार्ड ऑफ ओज़ एक रोचक उपन्यास है जो मुझे पसन्द आया। अगर नहीं पढ़ा है तो एक बार पढ़ियेगा जरूर।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
जिन्न
जिन्न प्रिंस कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। कॉमिक बुक अंसार अख्तर द्वारा लिखा गया है। जैसे जैसे तकनीक विकसित हो जा रही है मनुष्यों की उस पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। हम मनुष्य तकनीक के इतने आदि हो गए हैं कि इनके बिना गुजारा मुश्किल लगने लगा है। लेकिन क्या हो जब यह तकनीक ही हमारे खिलाफ हो जाए। ऐसे में व्यक्ति के साथ क्या क्या हो सकता है इसी की कल्पना प्रस्तुत कॉमिक बुक जिन्न में की गयी है।
यही कहूँगा कि जिन्न एक रोचक कान्सेप्ट पर लिखा गया कॉमिक है जिस पर लेखक थोड़ा और विस्तृत तौर पर लिखते तो बेहतर हो सकता था। एक लघु-कॉमिक बुक के रूप में इसे एक बार पढ़ सकते हैं।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा
समीक्षा: जिन्न
पुस्तक लिंक: फेनिल कॉमिक्स
बारहवाँ कंकाल
बारहवाँ कंकाल प्रिंस कॉमिक्स की डार्क फिक्शन शृंखला के अंतर्गत प्रकाशित किया गया कॉमिक बुक है जिसकी कहानी अंसार अख्तर द्वारा लिखी गयी है। कॉमिक बुक की कहानी की बात करूँ तो 13 पृष्ठ की यह कहानी काफी अच्छी बन सकती थी लेकिन बन नहीं पाई है। कथानक खत्म करने पर आपके मन में कई सवाल रह जाते हैं जिनके उत्तर नहीं मिलते हैं।
अंत में यही कहूँगा कि अगर लेखक और प्रकाशक कहानी में कुछ पृष्ठ जोड़कर अनुत्तरित प्रश्नों का उत्तर देते और इसके अंत पर अतिरिक्त कार्य कर उसे बेहतर बनाते तो यह एक अच्छा कॉमिक बन सकता था। अभी यह एक कमजोर कॉमिक बनकर रह जाता है।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा
समीक्षा: बारहवाँ कंकाल
पुस्तक लिंक: फेनिल कॉमिक्स
एक सवाल
एक सवाल अमृता प्रीतम द्वारा लिखा गया उपन्यास है। यह एक पेंटर दीप की कहानी जिसके जीवन का एक सवाल है जो उसे सालता रहता है। यह सवाल क्या है और क्यों उसे सालता है यही उपन्यास का कथानक बनता है।
उपन्यास की भाषा सुंदर है और दीप और बाकी किरदारों की मनःस्थिति से लेखिका परिचय करवाने का कार्य बाखूबी करती हैं। लेकिन फिर भी कुछ बातें हैं जिन पर लेखिका बात नहीं करती है और वो एक अधूरेपन का अहसास करवाता है। उपन्यास एक बार पढ़ा जा सकता है
पुस्तक लिंक: अमेज़न
ध्रुव खत्म
अपराधियों के बढ़ती गतिविधियों को देखकर बाबा भूतभूति ने मृत्यु को सशरीर राजनगर में बुलाने का फैसला कर लिया था। उन्होंने यज्ञ आरंभ किया और मृत्यु सशरीर राजनगर में प्रकट भी हो गई। पर ध्रुव को इसमें कुछ गड़बड़ लग रही थी? क्या था इस मृत्यु के आने का रहस्य और क्यों मृत्यु का मकसद था करना ‘ध्रुव खत्म’।
ध्रुव खत्म एक रोचक कॉमिक है। शुरू से ही आप पर यह अपनी पकड़ बना लेता है। आपको पता रहता है कि मृत्यु के अचानक आने के पीछे कोई न कोई राज होगा और आप उस राज को जानने के लिए कथानक को पढ़ते चले जाते हो। हाँ, अंत थोड़ा बेहतर हो सकता था लेकिन कमजोर अंत के बावजूद वह आपका मनोरंजन करने में सफल होता है।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा:
समीक्षा: ध्रुव खत्म
पुस्तक लिंक: अमेज़न
खतरनाक साज़िश
‘खतरनाक साजिश’ लेखक संतोष पाठक द्वारा लिखी
विक्रम गोखले शृंखला का दूसरा उपन्यास है। प्रस्तुत उपन्यास
खतरनाक साजिश पर आएँ तो इस उपन्यास की कहानी 1 जून 2017 से लेकर 8 जून 2017 के बीच घटित होती है। इन आठ दिनों के वक्फे में विक्रांत गोखले को ऐसे पेंचदार मामले से दो चार होना पड़ता है जो उसे चकरघिन्नी की तरह घुमाकर रख देता है।
अंत में यही कहूँगा कि खतरनाक साजिश वाकई में खतरनाक है और पाठक का दिमाग हिलाने का मादा रखती है। उपन्यास शुरू से ही आपको बांध लेता है और आप इसे अंत तक पढ़ते चले जाते हो। अगर नहीं पढ़ा तो आपको पढ़कर देखना चाहिए।
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा:
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तो यह था 2021 के आखिरी माह में पढ़ी गयी रचनाओं की फेहरिस्त। आपने दिसंबर में क्या पढ़ा? मुझे बताना न भूलिएगा।
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क्या बात है…….. 👌👌👌👌👌👌👌👌
जी आभार…
आप कॉमिक्स अधिक पढ़ते हैं। बचपन में मैं भी कॉमिक्स बहुत पढ़ता था। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई कि आप कृश्न चंदर जैसे महान साहित्यकार की पुस्तकें भी पढ़ते हैं। आपने 'समीर' के एक उपन्यास का उल्लेख किया है। किसी ज़माने में 'समीर' एक ट्रेड नाम हुआ करता था जिसके अंतर्गत लुगदी काग़ज़ पर सामाजिक उपन्यास छपकर आते थे। सम्भवतः योगेश मित्तल जी ने भी 'समीर' के नाम से उपन्यास लिखे थे। जो उपन्यास आपने पढ़ा है, यदि वह कोई नया उपन्यास है तो फिर ये कोई वास्तविक समीर होंगे। बहरहाल आपके अध्यवसाय के विषय में जानकर सदैव अच्छा ही लगता है।
जी जब व्यस्त रहता हूँ और पढ़ने के लिए उपन्यास इत्यादि नहीं पढ़ पाता तो कॉमिक्स पढ़ लेता हूँ। इससे पढ़ने की क्षुधा का शमन हो जाता है। जी साहित्य से मुझे प्रेम रहा है। मेरी कोशिश रहती है कि लोकप्रिय साहित्य के साथ साथ गंभीर साहित्य की कृतियाँ भी पढ़ता रहा करूँ। समीर का यह उपन्यास शायद ट्रेड नेम द्वारा लिखा गया है। कहानी पुरानी ही प्रतीत होती है। डायमंड बुक्स ने किन्डल अनलिमिटेड में काफी कुछ रखा है तो उधर से थोड़ा थोड़ा पढ़ता ही रहता हूँ। अच्छा लगा आपकी टिप्पणी देखकर। किताबों के ऊपर आपकी पोस्ट्स का भी इंतजार रहता है। आशा है जल्द ही आपके ब्लॉग पर उनके विषय में पढ़ने को मिलेगा।