‘द स्टोरी हाउस’ नाम की पत्रिका की शुरुआत हाल ही में हुई है। पत्रिका में हिंदी और अंग्रेजी में कहानी, लेख,साक्षात्कार इत्यादि प्रकाशित होते हैं। जहाँ पत्रिकाएँ बंद हो रही हैं वहीं ऐसी पहल सराहनीय है।
‘द स्टोरी हाउस’ का पहला अंक आया तो दो खुशखबरी लेकर आया। सोचा इधर भी इन खबरों को साझा करना चाहिए।
जब पत्रिका का अंक आ रहा था तो मेरे मित्र राघव भाई ने मुझे उसके विषय में सूचित करते हुए कहा था कि अगर मेरे पास कोई कहानी हो तो मैं उसे उधर भेज दूँ। अगर पत्रिका से जुड़े लोगों को वह पसंद आएगी तो वह उसे पत्रिका में प्रयोग करेंगे।
उनकी बात मानते हुए मैंने अपनी एक लघु-कथा क्रांतिकारी और एक कहानी तबस्सुम पत्रिका के ईमेल पर भेज दी थी। नवंबर में दीवाली के समय सूचना मिली कि मेरी लघु-कथा क्रांतिकारी वहाँ प्रकाशित हो चुकी है। यह पहली खुशखबरी थी। वैसे भी आजकल लिखना कम हो गया है और शायद ये खबर फिर से लिखने के लिए प्रेरित करेगी।
लघु-कथा के विषय में बताऊँ तो आजकल सोशल मीडिया में एक प्रवृत्ति आम है उसी को लेकर यह लघु-कथा लिखी थी। लघु-कथा पत्रिका में पढ़ी जा सकती है। पत्रिका किंडल अनलिमिटेड के सब्सक्राइबर के लिए बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के पढ़ने के लिए उपलब्ध है। उम्मीद है पढ़ेंगे और राय देंगे।
लघु-कथा क्रांतिकारी |
पत्रिका के विषय में
ज्यादा कुछ नहीं बस आपके इस सवाल का जबाब आपको देने की कोशिश है कि कोई भी मैगजीन लेखकों के लिए लेखकों की और लेखकों के द्वारा, क्यूँ नहीं है ?
तो लीजिये आप सब के लिए ये bilingual मैगजीन हाजिर है, इसमें सिर्फ दो कोशिश होगी ज्यादा से ज्यादा लेखकों को जोड़ने की और उनको ज्यादा से ज्यादा हाथों में पहुँचाने की, बस आप सब का सहयोग अपेक्षित है
हमारा मानना है कि कहानी, लेख या विचार, ऐसे होने चाहिए जो सबकी समझ में आयें और सब तक पहुँचें, इसीलिए हमने ऐसे लेखकों और सुधीजनों के लेख को, कहानियों को शामिल किया है जो सबके प्रिय बनने की क्षमता रखते हैं। हमारे रिव्यु ग्रुप ने टॉप 20 बेस्ट रीड बुक्स चुना है वो भी हम हर अंक में देते रहेंगे , और हाँ प्रकाशकों पर , नवोदित लेखकों पर भी हमारा विशेष ध्यान रहेगा ।
पत्रिका में आपको साक्षात्कार मिलेंगे, रिवियू मिलेंगे, कहानी मिलेगी और भी बहुत कुछ…
पत्रिका प्राप्त करने का लिंक: अमेज़न
इसके साथ साथ एक और सूचना मिली जिसने दीवाली को और खुशनुमा कर दिया। यह दूसरी खबर चाल पे चाल से जुड़ी थी।
जेम्स हेडली चेज के उपन्यास द डॉल्स बैड न्यूज का मेरे द्वारा किया गया अनुवाद चाल पे चाल इसी वर्ष सूरज पॉकेट बुक्स से प्रकाशित हुआ था। पत्रिका के पास इस अंक से पहले कुछ पुस्तकें गईं थीं और यह खबर मिली कि पत्रिका के समीक्षकों ने मेरे द्वारा अनूदित पुस्तक ‘चाल पे चाल’ को टॉप 20 में स्थान दिया था।
आपके काम की सराहना होती है तो अच्छा लगता है। और बेहतर कार्य करने के लिए यह सराहना आपको प्रेरित करती है। इस खबर ने भी आने वाले अनुवादों पर मेहनत करने के लिए ईंधन का कार्य किया है।
द स्टोरी हाउस पत्रिका की टॉप 20 पुस्तकों की सूची |
रूपेश कुमार, संदीप शर्मा और द स्टोरी होउस पत्रिका की पूरी टीम को इस पहल के लिए हार्दिक बधाई। उम्मीद है पत्रिका नियमित रूप से आएगी और पाठकों द्वारा पसंद भी की जाएगी।
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‘चाल पे चाल’ की बात करें तो उसके ऊपर पाठकों की टिप्पणियाँ अभी भी लगातार आ रही हैं। उन टिप्पणियों को मैं अपनी इस वेबसाईट के पृष्ठ पर स्थान देता हूँ। यहाँ क्लिक करके उन्हें पढ़ सकते हैं।
अगर आपने उपन्यास पढ़ा है तो अपनी अच्छी बुरी जैसी भी राय हो वो आप मुझे अपनी तस्वीर के साथ nainwal.vikas@gmail.com par भेज सकते हैं। मुझे वेबसाईट पर उसे स्थान देने में खुशी होगी।
अगर उपन्यास नहीं पढ़ा है और पढ़ने के इच्छुक हैं तो यह निम्न लिंक से मँगवाया जा सकता है। किंडल अनलिमिटेड सब्सक्राइबर इसे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के पढ़ सकते हैं।
लिंक: साहित्य विमर्श | अमेज़न | सूरज पॉकेट बुक्स
'चाल पे चाल' को सर्वश्रेष्ठ बीस पुस्तकों में स्थान प्राप्त होना निश्चय ही एक ऐसी सूचना है जो मुझ सरीखे आपके प्रत्येक प्रशंसक को आह्लादित करेगी। बहुत-बहुत बधाई विकास जी। सफलताओं एवं उपलब्धियों के ऐसे अनेक मील के पत्थर आपकी सृजन-यात्रा में आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। असीमित शुभकामनाएं।
जी आभार सर। आपकी टिप्पणियाँ प्रोत्साहित करती हैं।
बहुत अच्छी प्रस्तुति—-
जी आभार मैम…
Grateful for the valuable information you provided in your post.