जनवरी की बात की जाए तो जनवरी में सात रचनाएँ पढ़ी गईं। इन रचनाओं में एक कॉमिक बुक, एक बाल उपन्यास, दो रचना संग्रह और तीन उपन्यास मौजूद थे। जनवरी में पढ़ी गई रचनाओं की बात करी जाए तो हॉरर की इसमें अधिकता रही। इस विषय की तीन रचनाएँ पढ़ी गईं। इसके अतिरिक्त तीन रचनाएँ अपराध कथा केंद्रित थीं। भाषा की बात की जाए तो सात में से पाँच पुस्तकें हिन्दी में थीं और दो पुस्तकें अंग्रेजी भाषा की थीं।
चलिए अब देखते हैं कि यह रचनाएँ कौन कौन सी थीं?
जनवरी 2024: पढने का लेखा जोखा |
कच्छामैन
बेसरा कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित पहला कॉमिक बुक कच्छामैन कॉमिक बुक ड्रग्स की उस बिमारी की बात करता है जिससे आजकल का युवा जूझ रहा है।
कॉमिक बुक की शुरुआत एक गोदाम से होती है जहाँ पर ड्रग्स को छुपाया जा रहा है। यहाँ पर नायक कच्छामैन पहुँच जाता है और फिर कहानी फ्लैश बैक में चली जाती है।
दूसरे पृष्ठ से शुरू हुआ ये फ्लैश बैक 22 वें पृष्ठ तक चलता है। इस फ्लैश बैक के माध्यम से कथानक के मुख्य किरदारों से पाठक का परिचय होता है। इस दौरान मुख्य किरदारों के जीवन से जुड़े की पहलू भी पाठक को दर्शाये जाते हैं। वो पहलू जिनके विषय में जानने के बाद पाठक के मन में यह उत्सुकता जाग जाती है कि इनके साथ ऐसा हुआ तो क्यों हुआ? या फिर इनके बीच ऐसा क्या हुआ कि इनके बीच का रिश्ता मौजूदा समीकरणों तक पहुँच गया।
अंत में यही कहूँगा कि नशे को केंद्र में रखकर लिखी गई इस कॉमिक का यह पहला भाग अगले भाग के प्रति उत्सुकता जगाने में कामयाब होता है। 32 पेज में काफी कुछ दिया गया है। किरदारों को लेकर की सवाल ये मन में छोड़ जाता है। मुख्य नायक कच्छामैन में एक नोवेल्टी फैक्टर है जिसे इस भाग में न्यायोचित ठहराने में लेखक कामयाब हुए हैं। अगले भाग में नायक के कपड़ों का क्या होगा और अगर इस शृंखला को लेखक बढ़ाते हैं तो कच्छेमैन को केवल कच्छे में कब तक और कैसे वो न्यायोचित रूप से रख पाएँगे ये देखना बनता है।
कॉमिक बुक के अगले भाग की प्रतीक्षा रहेगी। उम्मीद है प्रकाशक ज्यादा प्रतीक्षा नहीं करवाएँगे।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत विचार: कच्छामैन
स्केर्ड टू देथ
पुस्तक लिंक: अमेज़न
केसरीगढ़ की काली रात
‘केसरीगढ़ की काली रात’ जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा का उपन्यास है जिसे नीलम जासूस कार्यालय ने प्रकाशित किया है।
कहानी की शुरुआत जगन की केसरीगढ़ आने से होती है। जगन के केसरीगढ के आने का कारण महाराज विशाल सिंह के संग्रहालय में होती चोरियाँ हैं। इन चोरियों में कई महंगी कलाकृतियाँ अभी तक चोरी हो गई हैं। जब पुलिस से कुछ नहीं बन पाता है तो विशाल सिंह अपने दोस्त राजेश से इस मामले पर विचार विमर्श करतें हैं जो कि जासूसी विभाग को इसमें लगा देते हैं।
जगन किस तरह से मामले की जाँच करता है। इस दौरान क्या क्या तिकड़म वो भिड़ाता है। बंदूक सिंह केसरीगढ़ में क्या कर रहा है। वह कौन है और इस मामले में कैसे फिट होता है? आखिर चोर कौन है और इसका पता कैसे लगता है? इन सभी प्रश्नों का उत्तर ही कथानक बनता है।
उपन्यास के विषय में कहूँगा कि मुझे केसरीगढ़ की काली रात ठीक ठाक उपन्यास लगा। रहस्य का तत्व और अधिक मजबूत होता तो ये बेहतर उपन्यास बन सकता था। बंदूक सिंह के अक्खड़पन, जगन की समझदारी और चतुराई और जगन और हिरनी के बीच के समीकरण के लिए इसे पढ़ा जा सकता है।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत विचार: केसरीगढ़ की काली रात
ब्लाइंड डील
‘ब्लाइंड डील’ सुरेन्द्र मोहन पाठक द्वारा लिखित उपन्यास है जो जून 2022 में किंडल पर प्रकाशित हुआ था। यह एक मर्डर मिस्ट्री है जो अपनी कमियों के बावजूद पाठकों का मनोरंजन करने में सफल होती है।
पुस्तक में मौजूद लेखकीय और चार कहानियाँ बोनस है जिनमें से ठाकुर हरनाम सिंह का कत्ल और पब्लिसिटी स्टंट प्रभावित करती हैं। बाकी कहानियों में रहस्य के तत्व थोड़ा कमजोर हैं।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत विचार: ब्लाइन्ड डील: उपन्यास , ब्लाइन्ड डील: कहानियाँ
उफ्फ़ कोलकाता
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत राय: उफ्फ़ कोलकता
वेलकम टू पैराडाइज
जगरनॉट द्वारा प्रकाशित वेलकम टू पैरडाइस में ट्विंकल खन्ना की पाँच लंबी कहानियाँ संकलित हैं। ये कहानियाँ द मैन फ्रॉम द गैराज, लेट्स प्रीटेण्ड, नियरली डिपार्टेड, वेलकम टू पैराडाइज और जेली स्वीट्स हैं। अलग अलग परिवेश में घटित होती इन कहानियों में किरदारों की उदेड़बुन, उनका संघर्ष, अनिर्णय की स्थिति से किसी निर्णय की स्थिति में आना या खोकर को कुछ उम्मीद पाने को लेखिका द्वारा दर्शाया गया है। कहानियाँ मुझे पसंद आईं। विस्तृत तौर पर जल्द ही लिखने का इरादा है। हाँ, लेखिका अपनी व्यंग्यात्मक टिप्पणियों के लिए और अपने सेंस ऑफ ह्यूमर के लिए जानी जाती हैं। इन कहानियों मे उसकी इक्का दुक्का झलक शायद मिले लेकिन यह उससे जुदा मिजाज की कहानियाँ हैं। बिना अपेक्षा के पढ़ेंगे तो अधिक लुत्फ ले पाएँगे।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
अनचाही मौत
‘अनचाही मौत’ लेखक अजिंक्य शर्मा का उपन्यास है। अक्सर अजिंक्य शर्मा अपराध साहित्य लिखते हैं लेकिन हॉरर में उन्होंने दो प्रयोग किए हैं। एक प्रयोग स्लेशर उपन्यास लिखने का पार्टी स्टार्टेड नाऊ था और एक अनचाही मौत में उन्होंने हांटेड हाउस शैली में रचना की है।
उपन्यास की कहानी पाँच दिन की है। पहले दिन उपन्यास के किरदार मौत के घर में इकट्ठा होते हैं। अगले तीन दिन वो इधर बिताते हैं और चौथे दिन जो बचता है वो वापस जाता है। आने और जाने के बीच के इन तीन दिनों में जो कुछ उनके साथ होता है वही कथानक बनता है।
उपन्यास की बात करूँ तो यह उपन्यास मुझे औसत से कम ही लगा। ऐसा लगा कि जरूरत से ज्यादा इसे खींचा गया है। अगर पहले दो दिनों में भी कुछ बड़ा, खौफनाक होता तो शायद चल जाता लेकिन उसके न होने के चलते यह वो असर आपके ऊपर नहीं डाल पाता है।
अगर आपने अजिंक्य शर्मा के उपन्यास नहीं पढ़े हैं उनके अन्य उपन्यासों से शुरुआत करें। इसे आखिर में पढ़ें। हो सकता है आपको यह भी पसंद आ जाए।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत राय: अनचाही मौत
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यह थीं जनवरी में पढ़ी गई रचनाएँ। आपने इनमें से कौन सी पुस्तकें पढ़ीं हैं? जनवरी में आपने कौन कौन सी पुस्तकें पढ़ीं? मुझे कमेंट्स के माध्यम से बताइएगा। क्या पता मुझे भी कुछ रोचक पुस्तकें पढ़ने को मिल जाएँ।
अभी मैं रस्किन बॉन्ड की पुस्तक ओल्ड रोड्स, न्यू रोड्स और परशुराम शर्मा का उपन्यास खून बरसेगा पढ़ रहा हूँ। आप लोग फिलहाल क्या पढ़ रहे हैं?