जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ
जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

वर्ष 2022 का पहला माह पढ़ने के लिहाज से अच्छा रहा। इस माह मैंने दस कृतियाँ पढ़ीं। इन कृतियों में में चार कॉमिक बुक, दो उपन्यासिकाएँ, और चार उपन्यास शामिल थे। अगर भाषा के हिसाब से देखूँ तो इनमें एक रचना अंग्रेजी की और बाकी नौ रचनाएँ हिंदी की शामिल थी। यह रचनाएँ निम्न हैं: 

ताऊजी और काला नाग

समीक्षा: ताऊजी और काला नाग | जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

ताऊजी डायमंड कॉमिक्स का किरदार है जिसका एक बाल उपन्यास ‘ताऊ जी और मुर्दों की सेना’ मैंने काफी पहले पढ़ा था। ऐसे में जब प्रतिलिपि पर ताऊजी शृंखला के कॉमिक बुक देखे तो उन्हें पढ़ने से खुद को रोक न सका। यह उस शृंखला का पहला कॉमिक है। शहर में काला नाग के आदमियों का आतंक है। ऐसे में एक घटना ऐसी होती है कि ताऊजी का सहायक रुमझुम काला नाग के साथियों के कब्जे में आ जाता है। ताऊजी इस गैंग से किस तरह निपटते हैं और रुमझुम को किस तरह बचाते हैं यही कॉमिक का कथानक बनता है। 

कॉमिक के विषय में यही कहूँगा कि इस कॉमिक ने मुझे निराश किया। ‘ताऊजी और काला नाग’ प्लॉटहोल्स से भरा ऐसा कॉमिक था जो शायद न प्रकाशित हुआ होता तो बेहतर होता। कहानी का विचार तो अच्छा तो लेकिन उस पर बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत थी। अभी तो ऐसा लगता है जैसे लेखक और प्रकाशक द्वारा केवल खानापूर्ति ही कर दी गयी है। 

कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा:

समीक्षा: ताऊजी और काला नाग

कॉमिक बुक लिंक: प्रतिलिपि

अ वॉक टू रिमेंबर 

समीक्षा: अ वॉक टू रीमेम्बर | जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

अ वॉक टू रिमेंबर निकोलस स्पार्कस का लिखा हुआ उपन्यास है। यह लैंडन कार्टर की कहानी है। लैंडन जब 17 साल का था तो उसकी ज़िंदगी में ऐसी घटना घटी जिसने उसकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल दी। यह घटना क्या थी और इसने कैसे लैंडन की ज़िंदगी बदली यही उपन्यास का कथानक बनता। 
अ वॉक टू रिमेंबर एक भावनाप्रधान उपन्यास है जो मुझे बहुत पसंद आया। वैसे तो उपन्यास एक अपेक्षित तरीके से ही आगे बढ़ता है और आपको पता होता है कि कब क्या होगा लेकिन आप किरदारों से इस तरह जुड़ जाते हैं कि उनके सुख दुख, उनके हँसी और आँसू सब आपके हो जाते हैं। अगर सामाजिक उपन्यास आपको पसंद आता है तो एक बार इसे पढ़कर देखिए। मुझे यकीन है ये आपको निराश नहीं करेगा। 
पुस्तक लिंक: अमेज़न

पेंटिंग के पिशाच

जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ | समीक्षा: पेंटिंग का पिशाच

‘पेंटिंग के पिशाच’ तुलसी कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है जिसे मैंने प्रतिलिपि एप्प पर पढ़ा। कॉमिक बुक का कथानक आफताब खान द्वारा लिखा गया है। एक आर्टिस्ट की पेंटिंग से निकले पिशाच जब आस-पास के इलाकों में तहलका मचा देते हैं तो उस पेंटर पर इनको रोकने की जिम्मेदारी आ जाती है। वह यह कैसे करता है यही कॉमिक का कथानक बनता है। 

कॉमिक बुक का कान्सेप्ट तो मुझे पसंद आया लेकिन इसके क्रियांवन में कमी लगी। कॉमिक में एक मुख्य सवाल भी अनुत्तरित रह जाता है तो यह भी अधूरेपन का अहसास कराती है। 

कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा: 

समीक्षा: पेंटिंग के पिशाच

कॉमिक बुक लिंक: प्रतिलिपि

गुनाह का कर्ज

समीक्षा: गुनाह का कर्ज | जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

प्रदीप मेहरा का चेहरा मोहरा ऐसा था कि कोई उस पर मक्खी मारने का शक  भी नहीं कर सकता था लेकिन प्रदीप मेहरा एक खून कर चुका था और अब कुछ खून और करने वाला था। 

आखिर कौन था प्रदीप मेहरा? उसने एक खून किसका किया था? अब वह किसका खून करने वाला था?

गुनाह का कर्ज सुरेन्द्र मोहन पाठक का लिखा थ्रिलर उपन्यास है जो कि सर्वप्रथम 1991 में प्रकाशित हुआ था। यह एक अपराध कथा है जिसके केंद्र में एक ऐसा व्यक्ति है जिसे लगता था कि वह किस्मत का मारा था और किस्मत ने उसकी हालत मोरी के कीड़े जैसी कर दी थी लेकिन उसने अपनी किस्मत से दो-दो हाथ करने की ठान ली थी। उपन्यास मुझे पसंद आया। इसका अंत भले ही मुझे थोड़ा कमजोर लगा लेकिन यह उपन्यास ‘क्राइम नेवर पेज’ का बेहतरीन उदाहरण है। 


उपन्यास के प्रति विस्तृत विचार:

समीक्षा: गुनाह का कर्ज

अब क्या होगा?

समीक्षा: अब क्या होगा? | जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

दिल्ली में कुछ ऐसी घटनाएँ होने लगती हैं जिनके पीछे का कारण पारलौकिक लगता है। वहीं परमाणु का सामना भी ऐसे जीवों से होता है जो खुद को राक्षस और देवदूत कहते हैं। ऐसे में इन सब चीजों के पीछे वजह क्या है और परमात्मा कौन है यही कॉमिक का कथानक बनता है।
 
‘अब क्या होगा’ परमाणु  की परमात्मा सीरीज का पहला कॉमिक बुक है। राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक की कहानी तरुण कुमार वाही द्वारा लिखी गई है। यह कॉमिक बुक इस शृंखला की भूमिका स्थापित करती है। विनय किस तरह शिप्रा और शीना नामक दो पाटों के बीच पिस रहा है यह दर्शाती है। वहीं परमात्मा कौन है यह सवाल भी छोड़ जाती है। कॉमिक बुक पठनीय है। 
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा

कॉमिक बुक लिंक: अमेज़न

ब्लैक 

समीक्षा: ब्लैक | जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

सीतापुर न्यूक्लियर प्लांट में हुए हमले के अगले ही दिन जब भारत के दो परमाणु वैज्ञानिक दुर्घटनाग्रस्त हो गए तो मुंबई पुलिस कमीश्नर द्वारा जासूस बलराम को इस मामले में लगाया। जासूस बलराम ने क्या किया यही कॉमिक का कथानक बनता है। 

‘ब्लैक’ जासूस बलराम की पहली कॉमिक बुक है जो कि फेनिल कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित की गई है। यह तीन भागों में प्रकाशित होने वाली कहानी का पहला भाग है और कहानी की भूमिका बांधने में सफल होता है। पाठक इसमें ब्लैक के विषय में जान पाते हैं और यह भाग इतने सवाल छोड़ जाता है कि अगला भाग पढ़ने के लिए आप उत्सुक रहेंगे। 


कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा:

समीक्षा: ब्लैक

फेमस फाइव स्मगलरों के बीच

समीक्षा: फेमस फाइव स्मगलरों के बीच | जनवरी 2022 में पढ़ी गईं रचनाएँ

ईस्टर की छुट्टियाँ मनाने किरीन कॉटेज पहुँचे जॉर्ज, जूलियन, डिक, एन और टिमी को जब पता लगा कि उन्हें किरीन नहीं बल्कि स्मगलर विला जाना पड़ेगा तो उन्हें लगा था शायद ये छुट्टियाँ उतनी रोमांचक न रह जाएँ। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उधर रोमांच उनका इंतजार कर रहा था। 

फेमस फाइव और स्मगलरों के बीच एनिड बलाइटन की फेमस फाइव शृंखला का चौथा उपन्यास है। यह उपन्यास ‘फाइव गो टू स्मगलर्स टॉप’ का हिंदी अनुवाद है।

उपन्यास बेहद रोचक है और मुझे यह काफी पसंद आया। अगर नहीं पढ़ा तो एक बार पढ़ना चाहिए और अपने घर में मौजूद बच्चों को भी इसे पढ़ने को देना चाहिए।  

 

पुस्तक की विस्तृत समीक्षा:

समीक्षा: फेमस फाइव स्मगलरों के बीच

पुस्तक लिंक: अमेज़न

चुड़ैल वाला मोड़

समीक्षा: चुड़ैल वाला मोड़ | जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

हर शहर में ऐसी जगह होती है जहाँ भूतों का साया बताया जाता है। इस उपन्यासिका में एक ऐसी ही जगह को केंद्र में रखकर लिखा गया है। संकेत के शहर में भी एक जगह थी जो कि चुड़ैल वाले मोड़ के नाम से जानी जाती थी। संकेत ने उसी जगह से उस लड़की को लिफ्ट थी जब उसका एक्सीडेंट हो गया। क्या संकेत की गाड़ी में कोई चुड़ैल थी? 

चुड़ैल वाला मोड़ लेखक विकास भांती की लिखी हुई उपन्यासिका है। यह एक रहस्यकथा है जिसमें लेखक पारलौकिक तत्वों का भी इस्तेमाल किया है। कुछ बिंदुओं को अगर छोड़ दिया जाए तो यह उपन्यासिका मुझे पसंद आई। एक बार पढ़ी जा सकती है। 

उपन्यासिका की विस्तृत समीक्षा:

समीक्षा: चुड़ैल वाला मोड़ 

पुस्तक लिंक: अमेज़न

खतरे का हथौड़ा

समीक्षा: खतरे का हथौड़ा | जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

सेठ पिशोरीलाल की हत्या के जुर्म में पुलिस ने उसके बड़े बेटे अशोक मेहरा को पकड़ लिया था। अशोक की पत्नी कमला का कहना था कि हत्या उसके पति ने नहीं की थी और इसलिए वह चाहती थी कि अर्जुन भारद्वाज इस मामले को देखे। 

सेठ पिशोरीलाल की हत्या किसने की थी? क्या अर्जुन भारद्वाज कातिल का पता लगा पाया?

‘खतरे का हथौड़ा’ अर्जुन भारद्वाज शृंखला का उपन्यास है। अर्जुन भारद्वाज सुपर प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी का मालिक है जो कि अपराध और अपराधियों से बहुत नफरत करता है। वह अपराधियों को खत्म करने के लिए कानून से बाहर जाने में भी नहीं झिझकता है। प्रस्तुत उपन्यास ‘खतरे का हथौड़ा’ की बात करें तो अर्जुन भारद्वाज शृंखला के सभी गुण इसमें मिलते हैं।  मूल रूप से यह एक लॉकड-रूम मर्डर मिस्ट्री है जो पाठक को अंत तक बाँधकर रखती है। 

उपन्यास मुझे पसंद आया। अर्जुन भारद्वाज शृंखला की सभी खूबी इस उपन्यास में तो हैं ही साथ में एक अच्छी मर्डर मिस्ट्री भी लेखक ने पाठक को परोसी है। अगर आप लॉकडरूम मिस्ट्री या रहस्यकथा के शौकीन हैं तो आपको इसे एक बार जरूर पढ़ना चाहिए।

उपन्यास की विस्तृत समीक्षा:

समीक्षा: खतरे का हथौड़ा

लड़कियों का हंगामा

समीक्षा: लड़कियों का हंगामा | जवनरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ

शहर में जवाहर रोड का इलाका अजीब घटनाओं का केंद्र बना हुआ था। लड़कियाँ डरी हुई थी क्योंकि रात के वक्त जवाहर रोड के इर्द गिर्द एक काला जीव अमीर घर की लड़कियों पर हमला कर रहा था। वहीं इसी इलाके में मौजूद एक कोठी में आत्मा का साया बताया जाता था। 

आखिर कौन था जो लड़कियों पर हमला कर रहा था? कोठी में किसकी आत्मा का साया था? 
राजन इकबाल का यह कारनामा मुझे औसत से कमतर ही लगा। हाँ, नफीस और इकबाल कुछ जगहों पर मनोरंजन करने में सफल होते हैं और कुछ प्रसंग जैसे मौत की झोपड़ी वाला प्रसंग भी रोचक थे। इसके पीछे का विचार रोचक था लेकिन उसे ठीक तरह क्रियान्वित करने की जरूरत थी। 

उपन्यासिका की विस्तृत समीक्षा:

समीक्षा: लड़कियों का हंगामा 

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तो यह थीं वो रचनाएँ जो जनवरी 2022 में मैंने पढ़ीं। कुछ व्यक्तिगत कारणों के चलते फरवरी में आने वाली ये अपडेट मार्च में खिसक गई लेकिन क्या कर सकते हैं। अपना ब्लॉग होने का यही तो फायदा है कि जो जब मन आया तब घिस दिया। उम्मीद है जल्द ही फरवरी वाली अपडेट भी आपसे साझा करूँगा। 

हाल के दिनों  में आपने क्या पढ़ा? मुझसे साझा करना न भूलिएगा।

हाल ही हमने ‘एक बुक जर्नल’ में गेस्ट पोस्ट लेनी शुरू कर दी हैं। अगर आप किसी पुस्तक के ऊपर अपने विचार लिखकर हमसे साझा करना चाहते हैं या पुस्तकों पर कोई आलेख (न्यूनतम 500 शब्द) साझा करना चाहें  तो अपने लेख, अपनी तस्वीर और संक्षिप्त परिचय के साथ contactekbookjournal@gmail.com पर भेज सकते हैं। किसी मेहमान लेखक के पाँच लेख प्रकाशित होने पर एक बुक जर्नल की तरफ से उपहार स्वरूप एक पुस्तक हम उन्हें फिलहाल भेज रहे हैं। आपके लेखों की प्रतीक्षा रहेगी।  

(नोट: लेख तभी प्रकाशित होगा जब वह तय मापदंडों के अनुरूप पाया जाएगा। अगर लेख प्रकाशित नहीं किया जा रहा है तो उसका कारण ईमेल के माध्यम से आपको देने की कोशिश रहेगी। )

एक बुक जर्नल में हाल में प्रकाशित गेस्ट पोस्ट:

एक बुक जर्नल – गेस्ट पोस्ट

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहता हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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0 Comments on “जनवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ”

  1. एक महीने में दस किताबें! हां, कुछ कॉमिक्स हैं पर भी बहुत अच्छा। मैंने इस साल अब तक 6 किताबें पढ़ी है। दो किताबें, The Flatshare और Young Blood (हॉरर है, आपको पसंद आएगी), अब तक की फ़ेवरिट है। आजकल मैं Before the Dawn पढ़ रही हूँ, बहुत अच्छी है। शायद इस साल की तीसरी फ़ेवरिट हो।

  2. मेरी कोशिश रहती है हर रोज पचास-साठ पेज पढ़ लूँ। ऐसे में हफ्ते में एक दो किताबें हो जाती हैं। हाँ, जब किताबों के विषय में लिखना नहीं होता था तो ज्यादा पढ़ी जाती थी। वैसे लेखन के चलते भी लिखना कम हो जाता है। आपके साथ शायद यही होता होगा। आपकी बताई किताबें पढ़ने की कोशिश रहेगी। इन्हें टीबीआर में जोड़ दिया है।

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