BlogchatterA2Z 2024: D से ड्रैकुला

ब्रैम स्टॉकर ने जब ड्रैकुला लिखी होगी तो उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि उनका लिखा किरदार इतना प्रसिद्ध हो जाएगा। ड्रैकुला जनमानस में उसी तरह रक्त पिशाच का पर्याय बन गया है जैसे कभी डालडा वनस्पति का और कोलगेट टूथपेस्ट का भारतीय जनमानस में बन गया था। इस किरदार ने न केवल फिल्मी दुनिया में अपना कमाल दिखाया बल्कि  कॉमिक बुक्स पर भी अपना प्रभाव छोड़ा था। भारतीय हिंदी कॉमिक बुक्स भी इसके प्रभाव से अछूती नहीं रही थी।

कई भारतीय कॉमिक बुक प्रकाशकों  हुए हैं जिन्होंने ड्रैकुला का प्रयोग अपने अपने कॉमिक बुक्स में किया है । कई बार ये प्रयोग केवल नाम के तौर पर हुआ है जहाँ रक्त पिशाच को ड्रैकुला कहा गया है और कई बार किरदार के तौर पर ड्रैकुला ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी।

चलिए देखते हैं कि वो कौन कौन सी कॉमिक बुक्स प्रकाशक (हिंदी के) हैं जिन्होंने ड्रैकुला का प्रयोग किया है:

मनोज कॉमिक्स

मनोज कॉमिक्स द्वारा अपनी राम रहीम शृंखला के शुरुआती कॉमिक बुक में ही ड्रैकुला बालक  नामक किरदार का प्रयोग किया गया था।
अगर आप राम-रहीम से वाकिफ नहीं हैं तो ये दो किशोर बालक हैं जो कि जासूसी का काम करते थे। यह दोनों जिगरी दोस्त हैं और वह एक सीक्रिट संस्था डबल सीक्रिट सर्विस 001/2 के एजेंट भी हैं।  इन्हें अपने काम के चलते शैतान वैज्ञानिकों, खूनी बदमाशों या आतंकवादियों से लड़ना पड़ता है और इनके यही कारनामें इन कॉमिक बुकों के कथानक बनते हैं। काफी समय से राम रहीम शृंखला के कॉमिक बुक आउट ऑफ प्रिन्ट थे और  हाल फिलहाल में मनोज कॉमिक्स ने कॉमिक्स इंडिया के साथ मिलकर अपनी कुछ कॉमिक बुक्स के रीप्रिन्ट भी निकाले हैं।
ड्रैकुला बालक
ड्रैकुला बालक की बात की जाए तो इसको बनाने वाला एक वैज्ञानिक डॉक्टर शैतान था। उसने एक बच्चे की लाश में अपने द्वारा आविष्कार किया हुआ द्रव्य मिलाकर ड्रैकुला बालक को पैदा किया था। यह एक हरे रंग का जीव था जो कि मानव रक्त पीता था और मानव मांस का भक्षण करता था।  इसके पश्चात उसने ड्रैकुला बालक को शहर के बच्चों का शिकार करने के लिए छोड़ दिया था।
‘भूत महल’ और ‘ड्रैकुला बालक’ नामक कॉमिक बुक्स में राम रहीम ने राजनगर को ड्रैकुला बालक के आतंक से मुक्ति दिलाई थी। वहीं इन कॉमिक बुक्स के आने के काफी बाद ड्रैकुला की वापसी आयी थी जिसमें ड्रैकुला बालक एक बार फिर आया था। अलबत्ता इस बार वो किसी के शरीर को माध्यम बनाकर राम  रहीम के लिए मुसीबत खड़ी करने आया था।
राम रहीम की कॉमिक बुक शृंखला में ड्रैकुला बालक कम से कम तीन कॉमिक बुक्स में तो आया ही था। यह कॉमिक बुक थीं:
ड्रैकुला बालक
  1. भूतमहल
  2. ड्रैकुला बालक
  3. ड्रैकुला की वापसी
‘भूतमहल’ और ‘ड्रैकुला बालक’ का हाल फिलहाल में पुनः मुद्रण हुआ है जिसे आप लेना चाहें तो कॉमिक बुक पोर्टल से ले सकते हैं।

राज कॉमिक्स

राज कॉमिक्स द्वारा भी ड्रैकुला का प्रयोग किया है। राज कॉमिक्स ने नागराज, ध्रुव और आखिर के भाग में कुछ और सुपर हीरोज को लेकर ड्रैकुला के ऊपर केंद्रित एक चार भागों की श्रृंखला बनाई थी जिसमें ये सुपर हीरोज ड्रैकुला से दो दो हाथ करते नजर आए हैं। इस सीरीज का ड्रैकुल का रूप फिल्मों में आने वाले लबादे वाले ड्रैकुला से प्रेरित लगता है। सीरीज में आर्ट अनुपम सिन्हा का है और जॉली सिन्हा का नाम इस  कॉमिक बुक शृंखला की लेखिका के रूप में दर्ज है।
ड्रैकुला को लेकर लिखी गई इस श्रृंखला की शुरुआत नागपाशा और उसके गुरु द्वारा ड्रैकुला को शापमुक्त करके कब्र से जगाने से होती है। जैसा कि होता आया है यहाँ भी गुरुदेव की योजना ड्रैकुला की मदद से नागपाशा को विश्वसम्राट बनाने की होती है।
शुरुआत में ध्रुव का टकराव इनसे होता है लेकिन फिर भी वो ड्रैकुला को आजाद करवाने में सफल हो जाते हैं। इसके बाद शुरू होता है ड्रैकुला और सुपर हीरोज के बीच लड़ाई।
400 पृष्ठ में फैली यह शृंखला अगर आपने नहीं पढ़ी है तो आपको जरूर पढ़नी चाहिए। इस शृंखला में निम्न कॉमिक्स हैं:
(कॉमिक बुक्स के नाम पर क्लिक करके आप इनके प्रति मेरे विचारों को जान सकते हैं।)

डायमंड कॉमिक्स

डायमंड कॉमिक्स की बात की जाए तो इस प्रकाशन ने भी अपनी लंबू मोटू शृंखला के कॉमिक बुक्स में ड्रैकुला का प्रयोग किया था। लंबू मोटू किशोर जासूस थे जो कि दुश्मनों के दाँत खट्टे करने में आगे रहते थे। इन्हीं किशोर जासूसों को लेकर डायमंड कॉमिक्स द्वारा 9 कॉमिक बुक्स की सीरीज निकाली गई थी जिसमें ड्रैकुला शब्द का प्रयोग हुआ था। अब चूँकि मुझे इस सीरीज को पढ़ने का मौका नहीं मिला तो मुझे इतना पता नहीं है कि ड्रैकुला किस रूप में प्रयोग हुआ था।

इस सीरीज के कॉमिक बुक्स थे:

  1. लंबू मोटू और ड्रैकुला
  2. लंबू मोटू और ड्रैकुला की वापसी
  3. लंबू मोटू और ड्रैकुला का आतंक
  4. लंबू मोटू और पुरानी हवेली का ड्रैकुला
  5. लंबू मोटू की ड्रैकुला से टक्कर
  6. लंबू मोटू और  खूँखार बालक ड्रैकुला
  7. लंबू मोटू और  नर्क का ड्रैकुला
  8. लंबू मोटू और प्रेतलोक का ड्रैकुला
  9. लंबू मोटू और कैदी ड्रैकुला

बुल्सआय प्रेस

बुल्स आय प्रेस भी ड्रैकुला पर आधारित कॉमिक बुक्स लेकर आया है। जहाँ बाकी प्रकाशनों ने ड्रैकुला का टकराव अपने प्रसिद्ध किरदारों से करवाया है वहीं बुल्स आय ने अलग तरह से इस किरदार का प्रयोग किया है।
बुल्स आया द्वारा दो भागों में ड्रैकुला की कहानी दर्शाई है। What if साहित्य की ऐसी विधा है जिसमें हम अकल्पनीय चीजों की कल्पना करके सोचते हैं कि अगर ऐसा होता तो क्या होता। यही चीज  लेखक सुदीप मेनन ने ड्रैकुला के साथ की है। उन्होंने कल्पना की है कि अगर ड्रैकुला पोरस के राज्य दौरान भारत होता और अगर पोरस उससे सिकंदर के खिलाफ मदद मांगता तो क्या हो सकता था।
कहानी दो भाग में हैं। पहले भाग में ड्रैकुला, पोरस और सिकंदर हैं। वहीं दूसरे भाग में ड्रैकुला से चंद्रगुप्त और चाणक्य लड़ते दिखते हैं।
बड़े ही रोचक ढंग से कही यह कॉमिक बुक शृंखला अपनी कहानी और चित्रों के लिए पढ़ी और संग्रह की जाने लायक बन गई है।
अगर आपने अब तक नहीं पढ़ी है तो आप इन्हें पढ़कर देख सकते हैं।

कॉमिक बुक लिंक: ड्रैकुला 1 | ड्रैकुला 2 

*****

तो यह थी वो कुछ हिंदी कॉमिक बुक्स जिनमें ब्रैम स्टोकर के प्रसिद्ध किरदार को लेकर या उससे प्रेरित होकर या केवल उसके नाम को लेकर कोई किरदार गढ़कर भारतीय लेखकों ने कुछ रोमांचक कॉमिक बुक्स पाठकों को देने की कोशिश की हैं। हो सकता है कुछ और कॉमिक बुक्स ऐसी रही हों जिसमें ड्रैकुला आया हो पर मुझे उनका ज्ञान नहीं है। यह भी हो सकता है कि अन्य भारतीय भाषाओं में ऐसे प्रयोग हुए हों। अगर आपको उनका पता है तो जरूर मुझे बताइएगा।

आपने इनमें से कौन से कॉमिक बुक्स पढ़े हैं?? आपको वो कैसे लगे? मुझे बताइएगा

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About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहता हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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