संडे मार्केट से की गई खरीददारी
कई दिनों से दिल्ली के संडे मार्किट से किताबे खरीदने की सोच रहा था लेकिन जा नहीं पा रहा था।आज एक मित्र के साथ उधर हो ही आया और पूरी …
संडे मार्केट से की गई खरीददारी Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
कई दिनों से दिल्ली के संडे मार्किट से किताबे खरीदने की सोच रहा था लेकिन जा नहीं पा रहा था।आज एक मित्र के साथ उधर हो ही आया और पूरी …
संडे मार्केट से की गई खरीददारी Read Moreक्या आप मेरी तरह किताब पढने के शौक़ीन हैं ? अगर हैं और आप मुंबई में रहते हैं तो आपको इस सुंदरभाई हाल में ज़रूर जाना चाहिए। वहाँ इस वक़्त …
बुक्स बाय वेट सेल से की खरीद Read Moreखुद ही ज़ख्म देके मरहम लगाते हो ,मेरी जान क्यूँ मुझ पर गजब ढाते हो , मेरी हालत देख कर जब तुम मुस्कुराते हो ,पता है कितना मुझ पर गज़ब …
गजब ढाते हो Read Moreजब भी आते हैं मुझे ख्याल तेरेन जाने क्यूँ मुस्कुराते हैं लब मेरे , सोचता हूँ ये क्या हो रहा हैं मुझे ,क्या नाम है इस मर्ज का मेरे , …
ख्याल और मुस्कराहट Read Moreवो गहरी अँधेरी रात थी ,केवल मेरी तन्हाईयाँ मेरे साथ थी ,हम बैठे हुए घूर रहे थे अपने टीवी को ,केवल हमारी परछाई हमारे साथ थी , अचानक हमने सुनी …
अँधेरी रात | हिंदी कविता | विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read Moreचलो महफ़िल जमाते हैं,थोडा हँसते हैं ,इठलाते हैं ,चलो महफ़िल जमाते हैं, दिन भर की थकान को ,दोस्ती के दरिये में डुबाते हैं,चलो महफ़िल जमाते है, अपने अपने दिन के किस्से एक …
चलो महफ़िल जमाते हैं Read More