अप्रैल 2022 में आई किताबों के विषय में अब तक दो पोस्ट्स (बुक हॉल अप्रैल 2022 #1, बुक हॉल अप्रैल 2022 #2) लिख चुका हूँ। अब यह अप्रैल माह में मँगवाई गई पुस्तकों की आखिरी खेप है। अप्रैल में कुछ किताबें तो मैंने मँगवाई थी लेकिन कुछ मुझे उपहार स्वरूप भी मिली थी। इस खेप में मैं उन पुस्तकों के विषय में ही बात करूँगा जो कि उपहार स्वरूप मुझे लेखकों द्वारा दी गई थीं।
तो ज्यादा देर न करते हुए आइये जानते है कि अप्रैल में आई और पुस्तकें कौन सी थीं।
खरीदी हुई पुस्तके
व्हिसपर्स वोवन इन राइम्स
व्हिसपर्स वॉवन इन राइम्स (Whispers Woven in Time) जितेंद्र नौटियाल (Jitendra Nautiyal) का पहला कविता संग्रह है। यह कविताएँ अंग्रेजी में लिखी गई हैं और इस संग्रह में उनकी 37 कविताओं को संग्रहित किया गया है। वैसे तो मुझे कविता की समझ नहीं है लेकिन जब पता चला कि भाँजे जितेंद्र, जिसे हम गौरव बुलाते हैं, ने कविता संग्रह लिखा है तो लेना तो बनता ही था। जल्द ही इसे पढ़ूँगा।
संग्रह की एक कविता आपके लिए इधर साझा करता हूँ:
Blood Dust
Now, what lingers in
Is blood dust
Soon, I’ll blow off this crimson powder
I should I must
To cling to;
On my dip days
When I want to remember you
In my own ways?
पुस्तक लिंक: अमेज़न
देवेन्द्र पाण्डेय (Devendra Pandey) जब भी लिखते हैं कुछ नया तरीके का लिखते हैं। उनके उपन्यासों का इंतजार रहता है। उनकी बाली शृंखला (Bali Series) काफी प्रसिद्ध हुई थी। मेरी इस शृंखला को पढ़ने की इच्छा थी लेकिन चूँकि यह अभी तक पूरी नहीं हुई थी तो ले नहीं रहा था। अब जाकर यह शृंखला पूरी हुई है तो इस शृंखला की तीनों पुस्तकों को मैंने मँगवा दिया है।
बाली: युग युगांतर प्रतिशोध
एक भीषण आतंकवादी हमले के पश्चात कुछ निष्क्रिय संगठन पुन: सुप्तावस्था से बाहर आ गये और आरंभ हो गई भीषण नरसंहारो की एक अघोषित श्रृंखला जिसने देश के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्व को हिला कर रख दिया।
इस श्रृंखला से एक रहस्यमयी योद्धा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जिसकी जड़ें प्राचीन भारत की गाथाओं से जुड़ी हुई थी, वह जिस उद्देश के लिए प्रतिबद्ध था उसने समूचे विश्व की धारणाओं एवं इतिहास के साथ-साथ वर्तमान और भविष्य तक को बदल कर रख दिया।
सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग तक छिपा हुआ एक रहस्य, एक ऐसी शक्ति, जो सम्पूर्ण विश्व के साथ-साथ एक समूचे युग को परिवर्तित करने की क्षमता रखती थी। जातियों-प्रजातियों के मध्य अस्तित्व की महीन सीमा रेखा के मिथकों को जिसने बिखेर कर रख दिया।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
बाली: कैलाश रहस्य
पुस्तक लिंक: अमेज़न
बाली: मृत्युसिद्धि
त्रेतायुग में उत्पन्न हुई एक रहस्यमयी अभेद्य शक्ति जो समय की परतों के बीच कहीं सुप्त पड़ी थी, जिसका कलयुग में सक्रिय होने का उद्देश्य था- मनुष्यजाति का समूल नाश व असुर जातियों का पुनरूत्थान। किन्तु अब युद्ध की पृष्ठभूमि बदल चुकी है। छद्म आवरण में अब तक सुप्त पड़ी सारी असुर प्रजातियां अब अपने अस्तित्व के बचाव के लिए खुल कर सामने आ रहीं हैं, अब कोई रहस्य रहस्य नहीं है। मनुष्य, दैत्य, दानव, राक्षस और देव भी इस अंतिम युद्ध में सम्मिलित हो चुके हैं। सम्पूर्ण पृथ्वी अब एक युद्धक्षेत्र है, उस अंतिम युद्ध की, जो अब निर्णय करेगा कि कौन सी प्रजाति इस पर राज करेगी।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
उपहारस्वरूप मिली पुस्तकें
मुर्दाघर
साबिर खान पठान गुजराती के लेखक हैं जिनकी रचनाएँ हिन्दी में भी आती हैं। वह मुख्यतः हॉरर विधा में लिखते हैं। फ्लाइड्रीम्स से प्रकाशित उनके उपन्यास काल कलंक की काफी तारीफ सुनी थी और इसे मैं पढ़ना चाहता था। पर इस बार ऐसा हुआ कि मेरा दिन बन गया। साबिर जी ने खुद मुझे कान्टैक्ट किया और अपनी यह पुस्तक उपहार स्वरूप देने की बात की। अब अंधा क्या चाहें दो आँखें। वैसे आपको बता दूँ उनके इस उपन्यास के गुजराती संस्करण पर एक वेब सीरीज बनने की घोषणा की जा चुकी है। अब तो बस जल्द से जल्द ये उपन्यास पढ़ना है।
किताब परिचय
बीरबल वारसी। एक अच्छा कवि, शायर और हॉरर स्टोरी का किमयागार लेखक। बहुत ही कम उपन्यास लिखकर उसने लोगों की प्रशंसा हासिल कर ली थी। हॉरर स्टोरी पढ़ने वालों पर उसने जैसे जादू चलाया था। हर बार वह कुछ न कुछ नया करता रहता था। जिससे लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई थी। दिन-ब-दिन विचित्र तरकीबें आजमा कर लोगों को डराने में वह सफल हो जाता था।
लेकिन इस बार लोगों ने उसे सोशल मीडिया पर लाइव सुनते ही सवालों की बौछार लगाकर घेर लिया। ज्यादातर लोगों की यही माँग थी कि बीरबल वारसी कुछ ऐसी कहानी लिखे जो हकीकत के बिल्कुल नजदीक हो। फिर क्या था। पाठकों की माँग तो पूरी करनी ही थी। उसने अपने खुराफाती भेजे को काम पर लगा दिया। बहरहाल कोई घिसी पिटी थीम पर वह काम करना नहीं चाहता था।
बीरबल न जाने कितने दिनों से एक कमरे में बंद था। काफी किताबें पढ़ी। बहुत सारे हॉरर शो देखें। लेकिन सब कुछ वैसा का वैसा ही था। नीरस। खौफ़ शब्द के साथ हो रहा रेप। बीरबल वारसी अपनी कहानी के लिए कोई ऐसी ट्रिक आजमाना चाहता था, जो कथानक में प्राण फूँक दे। एक बार पाठक उसे पढ़ने के बाद बस चिपक ही जाए। पढ़ने वाले के मुँह से सिर्फ एक ही शब्द निकले, आफरीन…आफरीन…आफरीन। मगर कोई जानदार प्लॉट उसके दिमाग में फिट नहीं हो रहा था। बीरबल काफी अपसेट था कि उसके दरवाजे पर दस्तक हुई।
बीरबल ने कौन सी तरकीब आज़माई? क्या वह एक नायाब हॉरर कथानक लिखने मे कामियाब हुआ?
पुस्तक लिंक: अमेज़न
दो कोने खाली हैं
दो कोने खाली हैं लेखक जगदर्शन सिंह बिष्ट का पहला कविता संग्रह है। इससे पहले उनका लघु-उपन्यास ‘बोगनवेलिया की टहनी’ आया था जिसके विषय में मैंने लिखा था। उसी लेख के चलते लेखक द्वारा मुझे संपर्क किया गया और कविता की पुस्तक दी गई। हाँ, मैंने लेखक को पहले ही इस बात से अवगत करवा दिया था कि मुझे कविता का ज्यादा ज्ञान नहीं है। यह दो कोने खाली हैं में लेखक की 90 कविता संग्रहित हैं।
संग्रह में मौजूद एक कविता आपके लिए पेश है:
लौट के आ
जो तुमने गुजारे पहाड़ों में।
तुम यहाँ आओ कभी गर्मियों में
कभी तुम आ जाओ जाड़ों में
दर ओ दीवारें सूने घर की
लौटकर आओ अब तो खोलो
ताले जो लगे किवाड़ों में
क्यूँ भूल गए दिन बचपन के?
जो तुमने गुजारे पहाड़ों में ।
खेल-खलियान, गलियाँ, आँगन
यादों से तेरी भरी पड़ी हैं
लौटकर आओ अब तो खेलो
सूने पड़े गलियारों में
क्यूँ भूल गए दिन बचपन के?
जो तुमने गुजारे पहाड़ों में
जगदर्शन सिंह बिष्ट
पुस्तक लिंक: अमेज़न
मिट्टी मेरे देश की
मिट्टी मेरे देश की प्रसिद्ध बाल कथा लेखक संजीव जायसवाल संजय का लिखा हुआ बाल रोमांच कथा है। यह उपन्यास राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (नैशनल बुक ट्रस्ट) द्वारा प्रकाशित किया गया है।
पुस्तक की कहानी दर्शाता कोई अंश तो पुस्तक के बैक कवर में नहीं दिया गया है लेकिन कवर देखकर इतना तो अंदाजा लग जाता है कि इसमें बच्चे किन्हीं आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को पुलिस के हवाले करने में सफल होते हैं।
यह बच्चे कौन हैं? यह आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोग कौन हैं? और बच्चे आखिर इनसे क्यों और कैसे भिड़ते हैं ये तो खैर इस बाल उपन्यास को पढ़कर पता चलेगा।
यहाँ ये बताना भी मेरा फर्ज है कि यह पुस्तक भी मुझे लेखक द्वारा उपहार स्वरूप मिली थी। यह इसलिए क्योंकि उन्हें मेरे द्वारा उनकी पुस्तक फिर सुबह होगी पर लिखा लेख पसंद आया था। अब जल्द ही यह पुस्तक पढ़ने की इच्छा रहेगी।
समीक्षा: मिट्टी मेरे देश की
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तो यह थीं कुछ और पुस्तकें जो अप्रैल माह में मेरे पास आईं। कुल संख्या देखी जाए तो 22 पुस्तकें इस बार संग्रह में जुड़ी। हर माह इतना नहीं होता है लेकिन कभी कभी हो ही जाता है।
क्या कभी आपके संग्रह में एक साथ कई पुस्तकें जुड़ी हैं? बताइएगा जरा।