अलाव
अलाव सर्द शाम हो एक गर्म अलाव हो तू हो और होऊँ मैं, दोनों मिलकर बन जाएँ हम बस है यही मेरी ख्वाहिश पर जब इस शाम में तू नहीं …
अलाव Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
अलाव सर्द शाम हो एक गर्म अलाव हो तू हो और होऊँ मैं, दोनों मिलकर बन जाएँ हम बस है यही मेरी ख्वाहिश पर जब इस शाम में तू नहीं …
अलाव Read MoreImage by Pete Linforth from Pixabay कभी धुंधलके रस्ते से कभी अँधेरे कोनो से कभी किसी झुरमुटे से वह देखता रहता है और करता है इंतजार किसी ज़िंदा इनसान का …
वैम्पायर की प्यास Read MoreImage by jozuadouglas from Pixabay मैं देखता हूँ, ठहरता हूँ सोचता हूँ फिर चलने लगता हूँ, सोचकर कि मुझे क्या, वो देखता है, वो ठहरता है वो सोचता है फिर …
मैं और वो Read Moreस्रोत : pixabay भात न होता तो न मालूम होता मुझे तृप्ति का अर्थ, भात न होता तो न मालूम होता मुझे संतुष्टि का अर्थ पर क्योंकि भात है तो …
भात के लिए Read MoreImage by Gerd Altmann from Pixabay हम न चाहते हैं सुनना किसी को, बस तैयार बैठे हैं अपनी कुर्सियों पर कमीजों की आस्तीन चढ़ाकर कोहनियों तक सुनाने को फैसला हम …
फैसला Read MoreImage by Devanath from Pixabay शब्द मेरे शमशीर से हैं, उठते हैं मन की जमीन को चीरकर दर्द देते हैं मुझे फिर बिंधते हैं पढ़ने वालों के मन को ये …
शब्द Read MoreImage by Kerstin Riemer from Pixabay ये उम्मीद न रख मुझसे कि मैं लिखूँगा कोई प्रेम गीत जिसे गाऊँगा मैं सबके सामने अपने उन अहसासों को किसी महफ़िल में दूँगा …
बस तुम्हारे लिए Read MoreImage by Dariusz Sankowski from Pixabay प्रेम, होता है, फिर होता है, होता ही जाता है.. एक से दूसरे पर… फिर दूसरे से तीसरे पर होती आसक्ति, करती है से …
प्रेम Read MoreImage by Brian Merrill from Pixabay भीड़ है, भाड़ है, दौड़ है, भाग है, कितनी जल्दी है, कमाल है! कभी इधर, कभी उधर, कभी यहाँ कभी वहाँ आदमी बेहाल है, …
कमाल है!! Read MoreImage by Grae Dickason from Pixabay हम ढूँढते रहते है आपस में समानता, ताकि बँट सके फिर समूह में, कह सके किसी को अपना कह सके किसी को बेगाना कहते …
इनसान Read More