पिछली पोस्ट में कोशिकाओं की बात की और लेख के अंत में बताया कि था कि पहले बहुकोशिकीय जीव 0.9 अरब साल पहले आए थे।
कोशिका वैसे दो प्रकार के होती हैं। एक तो प्रोकैरियोटिक कोशिका और दूसरी यूकैरियोटिक कोशिका। प्रोकैरियोटिक कोशिका और दूसरे यूकैरियोटिक कोशिका में फर्क यही होता है कि जहाँ यूकैरियोटिक कोशिका में केन्द्रक (न्यूकलियस) होता है वहीं प्रोकैरियोटिक कोशिका में यह चीज मौजूद नहीं रहती है। सभी बहुकोशकीय जीवों में मौजूद कोशिका यूकैरियोटिक कोशिका ही होती हैं। प्रोकैरियोटिक कोशिका से बने जीव प्रोकेरियोट कहलाते हैं और यूकैरियोटिक कोशिका से बने जीव युकेरियोट कहलाते हैं।
धरती पर पहला एक कोशकीय जीव 3.5 अरब साल पहले आया। यह जीव ज्यादातर प्रोकेरियोट थे। वहीं पहला युकेरियोट लगभग 2 अरब साल पहले धरती पर आए।
3.5 अरब साल और 2 अरब साल के बीच में क्या हुआ?
3.46 अरब साल पहले धरती पर मौजूद मीथेन गेस को खाने वाले एक कोशकीय जीव रहे। वायरस भी धरती पर 3 अरब साल पहले या उससे भी काफी पहले से मौजूद रहे हैं।
सबसे जरूरी चीज जो हुई वह हुई धरती पर ऑक्सीजन की बढ़ोत्तरी। इसे ग्रेट ऑक्सीडेशन ईवेंट कहा जाता। 2.4 अरब साल पहले हुई इस घटना के चलते धरती में ऑक्सीजिन की मात्रा आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी। आक्सिजन कैसे धरती पर आई इसे लेकर कई बातें कही जाती है। सबसे प्रचलित थ्योरी यह थी कि धरती पर स्यानोबैक्टीरिया बढ़े जो कि सूरज की रोशनी और धरती में मौजूद पानी और कार्बन डाइआक्साइड का इस्तेमाल कर अपने लिए ऊर्जा बना रहे थे और ऑक्सीजिन छोड़ रहे थे। यह आक्सिजन धरती में मौजूद मिथेन से रिएक्ट करती और जब इन बैक्टीरिया की तादाद बढ़ी तो धरती पर आक्सिजन होने लगी। जो आक्सिजन पानी में घुली उसने पानी मे मौजूद आयरन को जंग लगाया और वह समुद्र के तल पर चले गया। वैसे कई लोग ये भी मानते हैं कि सायनो बेक्टेरिया काफी देर में धरती में आए थे और समुद्र में मौजूद आयरन का जंग लगना पहले शुरू हो गया था। एक थ्योरी ये भी है कि सायनोबैक्टीरीया 2.1अरब साल पहले ही धरती पर आए लेकिन धरती पर आक्सिजन इसलिए जमनी शुरू हुई क्योंकि मिथेन पैदा करने वाले बैक्टीरीया की तादाद में कमी आई। जब ये कम हुए तो आक्सिजन से इनका रिएक्शन भी कम हुआ और इस कारण धरती पर आक्सिजन बढ़ी।
इसके बाद 2.3 अरब साल पहले धरती सबसे पहली बार जमी। वहीं 2.15 अरब साल वह समय है जब सायनोबैक्टीरिया के होने के और फोटोसिंथेसिस (प्रकाश-संश्लेषण) द्वारा सूरज, कार्बन डाइआक्साइड और पानी का इस्तेमाल कर ऊर्जा पैदा करने और ऑक्सीजिन छोड़ने के पक्के सबूत हमे मिले हैं।
यूकैरियोटिक कोशिका
लगभग 2 अरब साल पहले धरती पर यूकैरियोटिक कोशिका पैदा हुए। युकेरियोट सेल को अगर सभी बहुकोशकीय जीवों का पूर्वज कहा जाए तो शायद यह कुछ गलत नहीं होगा। यह ऐसे सेल होते हैं जिसके अंदर न्यूकलियस होता है जो कि डीएनए स्टोर करके रखता है। सभी बहुकोशकीय जीव इसी से बनते हैं।
कैसे बना पहला युकेरियोट सेल
ऐसा माना जाता है कि पहली यूकैरियोटिक कोशिका तब बना जब एक साधारण कोशिका ने दूसरी साधारण कोशिका को निगल दिया और फिर वह साथ साथ एक रहने लगे। ये निगली हुई कोशिका आगे जाकर माइटोकोन्ड्रिया बन गया जो कि यूकैरियोटिक कोशिकाओ में ऊर्जा का स्रोत है।
आगे जाकर कुछ यूकैरियोटिक कोशिकाओ ने फोटोसिंथेसिस करने वाले बैक्टीरिया को निगला और इस दोनों जीवों के बीच एक तरह का सहजीवन विकसित हुआ। यह बैक्टीरीया आगे जाकर क्लोरप्लास्ट में विकसित हुआ। यह वही चीज है जो कि पौधों को उनका हरा रंग देता है और उन्हें सूर्य की रोशनी से ऊर्जा खींचने योग्य बनाता है।
कहा जाता है कि यूकैरियोटिक कोशिकाओ ने इस तरह से तीन अलग अलग बार ऐसे क्लोरोप्लास्ट पाया था और इन्हीं में से एक कोशिका आगे जाकर पौधों और हरे शैवाल या ग्रीन एलगी के रूप में विकसित हुई।
वहीं ऐसा भी माना जाता है कि लगभग 1.5 अरब साल पहले ये यूकैरियोटिक कोशिका तीन समूहों में बंट गए जिनसे पौधों, जानवरों और फफूंदो के पूर्वज पैदा हुए। यह विभाजन कब हुआ ये कोई नहीं जानता। हाँ, इस बात की संभावना ज्यादा है कि जब यह पूर्वज बंटे तो उस वक्त सभी एक कोशकीय जीव ही थे।
I’m participating in #BlogchatterA2Z
न्यू साइअन्टिस्ट में प्रकाशित माइकल मार्शल के लेख Timeline: The evolution of life पर आधारित
Great post. Informative and interesting. Biology class ki yaad aa gayi.
ha ha… मुझे भी काफी पढ़ना पढ़ रहा… कभी कभी सोचता हूँ कि क्यों ओखल में सिर देने की आदत है मुझे…
😂😂😂😂😂😂😂………. 👌👌👌👌👌👌👌👌👌
विकास भाई..अद्भुत आलेख…… 👍👍👍👍👍👍… कभी मेढक को भी चीरा था या नहीं……. 😜😜😜😜😜😜😜😜
बेहतरीन पोस्ट.. कौन सी क्लास में कब क्या पढ़ा याद नहीं मगर बहुत सारे पढ़े चैप्टरस् की पुनरावृत्ति हो रही है अभी तक की कड़ियों में।
जी नहीं ये मौका नहीं लगा कभी… आलेख आपको पसंद आया यह जानकर अच्छा लगा। आभार।
जी आभार मैम। लेख का मकसद सफल हुआ।