मच्छर मारेगा हाथी को - अ रीमा भारती फैन फिक्शन

मच्छर मारेगा हाथी को – अ रीमा भारती फैन फिक्शन #9

पिछली कड़ी में आपने पढ़ा: रीमा अपने होटल पहुँचती है। रात को उसको डरावने सपने आते हैं जिनके कारण वह सुबह घबराए हुए उठती है। फिर एक अनजान व्यक्ति का …

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चलना

Image by Free-Photos from Pixabay चलना ही है मेरी नियति चलना ही है मेरी फितरत चाह कर भी नहीं पाता हूँ ठहर करता हूँ कोशिश तो धकेल देती है ज़िन्दगी मुझे आगे …

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अलाव

अलाव सर्द शाम हो एक गर्म अलाव हो तू हो और होऊँ मैं, दोनों मिलकर बन जाएँ हम बस है यही मेरी ख्वाहिश पर जब इस शाम में तू नहीं …

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फैसला

Image by Gerd Altmann from Pixabay हम न चाहते हैं सुनना किसी को, बस तैयार बैठे हैं अपनी कुर्सियों पर कमीजों की आस्तीन चढ़ाकर कोहनियों तक  सुनाने को फैसला हम …

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शब्द

Image by Devanath from Pixabay शब्द मेरे शमशीर से हैं, उठते हैं मन की जमीन को चीरकर दर्द देते हैं मुझे फिर बिंधते हैं पढ़ने वालों के मन को ये …

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