रोटी, पराठे और बचपन
भारतीय घरों की बात की जाए तो खाने में रोटी का एक महत्वपूर्ण स्थान है। नाश्ता हो, दिन का खाना या फिर रात का खाना। अधिकतर घरों में रोटी बनने …
रोटी, पराठे और बचपन Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
भारतीय घरों की बात की जाए तो खाने में रोटी का एक महत्वपूर्ण स्थान है। नाश्ता हो, दिन का खाना या फिर रात का खाना। अधिकतर घरों में रोटी बनने …
रोटी, पराठे और बचपन Read Moreहाल में ही पौड़ी अपने गृह कस्बे जाना हुआ तो लेखक मनोहर चमोली से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। लेखक मनोहर चमोली गढ़वाल के जाने माने लेखक हैं और बाल …
एक मुलाकात लेखक मनोहर चमोली जी से Read Moreफीचर इमेज के विषय में: बरसात में पौड़ी का एक दृश्य। यह दृश्य कंडोलिया जाने के रास्ते का है। कहानी में कंडोलिया का जिक्र है। नीलम जासूस कार्यालय (Neelam Jasoos …
अपडेट: तहकीकात का चौथा अंक और एक कहानी Read Moreआज पौड़ी से जुड़ा जो संस्मरण मैं साझा करने जा रहा हूँ वह थोडा अलग किस्म है। इसके लिए एक भूमिका आपको देनी जरूरी है। अगर आप दुईबात को पढ़ते …
संस्मरण पौड़ी के #3: खबेस उत्पत्ति कथा Read Moreइन खेतों को देखता हूँ तो इनसे जुड़ी कई यादें मन में ताज़ा हो जाती हैं। एक याद ऐसी भी जब आसमान से पत्थर बरसने लगे थे। यह सब हुआ …
संस्मरण पौड़ी के #2: और पत्थर बरसने लगे Read Moreखेतों में पतंग कटकर आने का इन्तजार करते बच्चे। फोटो 17 जून 2021 को खींची गई यह पतंग का मौसम है और शाम को पतंग बाजी खूब हो रही है। …
संस्मरण पौड़ी के #1: शक्तिमान – एक किंवदन्ती Read Moreमैं अक्सर जब घुमक्कड़ी के लिए निकलता था तो कई बार कुछ छोटे छोटे वीडियोस बना दिया करता था। इन वीडियोस को फिर मैं अपने हार्ड डिस्क में रख दिया …
कुछ रैंडम शॉट्स – 1 Read Moreकंडोलिया मंदिर पौड़ी के सबसे पूज्य और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बरसात में इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है। यह बरसात में कंडोलिया की घुमक्कड़ी का वृत्तांत है।
बरसात में कंडोलिया की घुमक्कड़ी Read Moreयह यात्रा 25 जून 2020 को की गयी बायाँ: घर से दिखती पहाड़ी जहाँ कण्डोलिया मंदिर है,दायाँ: कण्डोलिया से दिखता हमारा घर मेरा पौड़ी में आना कम ही होता है। …
कंडोलिया मंदिर: एक छोटी सी यात्रा Read More19 जून 2020, शुक्रवार को यह यात्रा की गयी ऊपर से दिखता कठलौ(दायें), कठलौ(बायें ) चलो कठलौ चलें: कोरोना काल में घर में रह रह कर मैं ऊब सा …
कठलौं: एक छोटी सी यात्रा Read More