इंसा हूँ गिर गिर कर सम्भलता रहा हूँ
टूट टूट कर बार-बार मैं बनता रहा हूँ,इंसा हूँ गिर गिर कर सम्भलता रहा हूँ गमो के लिहाफ में लिपटी थी मेरी ज़िन्दगी,मैं गमों पर अपने बेसाख्ता, हँसता रहा हूँ …
इंसा हूँ गिर गिर कर सम्भलता रहा हूँ Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
टूट टूट कर बार-बार मैं बनता रहा हूँ,इंसा हूँ गिर गिर कर सम्भलता रहा हूँ गमो के लिहाफ में लिपटी थी मेरी ज़िन्दगी,मैं गमों पर अपने बेसाख्ता, हँसता रहा हूँ …
इंसा हूँ गिर गिर कर सम्भलता रहा हूँ Read More
ग़मों की गठरी सीने में दबाकर लाया हूँ,अश्कों को अपने, तबस्सुम में छुपाकर लाया हूँ सुना, है बिकती इस जहाँ में हर एक चीज,सो जज़्बात अपने, मैं आज उठाकर लाया …
लाया हूँ Read More
काशये ज़िन्दगी होती कोडिंग सी,होते कुछ लॉजिकन होती ये इतनी इलोजिकलहोते कुछ फंक्शनझट से लोड करते हम लाइब्रेरी और बुला लेते उन्हेंफट से करवा लेते काम जो भी चाहते उनसे काश ये …
ज़िन्दगी और कोडिंग Read More
बुरा नहीं हैदर्द का होना,दिलाता है यहअहसासके तुम ज़िंदा हो,के है कुछ तो गलत,के है सुधार की उम्मीद,के काम करना है तुम्हे,के बदल रहा है कुछ बुरा नहीं हैदर्द का …
दर्द Read More
काम काज को धता बता रक्खा है,जनता को सरकार से खफा बता रक्खा है जमा के मजमा ज़माने भर कानेता ने खुद को खुदा बता रक्खा है, सी कर ज़बाँ …
बता रक्खा है | विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read More
घनघोर था अँधेरा, था चहूँ और सन्नाटा गहराआकाश पे उड़ते चमगादड़ जाने किसका दे रहे थे पहरा,आसमान में छाए थे बादल ,और हमें सुनाई दी कुछ हलचल , अभी खोया …
घनघोर था अँधेरा, था चहूँ ओर सन्नाटा गहरा Read More
वो हँसा है जो मुझे दर्द ए दिल देकर ,खून बढ़ा उसका, मैं हूँ खुश बस यही सोचकर फ़िज़ाओं में जो ये खुशबू सी है आ बसी,क्या गुजरा था मेरा …
जोकर Read More
बनता हूँ,बिगड़ता हूँ,टूटता हूँ,जुड़ता हूँ,बिखरता हूँ,सिमटता हूँ,इंसाँ हूँ,जीता जाता हूँ, सुख दुःखविरक्ति आसक्तिप्रेम घृणामहसूसता हूँइंसाँ हूँजीता जाता हूँ, शिकार हूँ,शिकारी भी,सिंह हूँ,हिरण भी,अच्छा हूँ,बुरा भी,कभी ये हूँ,कभी वो हूँइंसाँ हूँजीता …
इंसाँ हूँ Read More
फिर से मिलेंगे हम,ये यकीं है मुझे,वो वक्त और मोड़,शायद कोई और होगा,चेहरे पर पड़ चुकी होंगी झुर्रिया,बालों से झाँकने लगेंगी रजत लटें, फिर से मिलेंगे हम,ये यकीं है मुझे,मैं ऐसे …
ये यकीं हैं मुझे Read More
मैं ज़बाँ से कुछ न कहता होऊँ मगर,तू न सोच कि दिल में मेरे जज्बात नहीं, कहने को तो कह दूँ मैं हाल ए दिल,पर अभी सही वक्त और हालात …
मैं ज़बाँ से कुछ न कहता होऊँ मगर Read More