बुक लवर | लघु-कथा | विकास नैनवाल ‘अंजान’
कुछ देर के लिए फोन साइड में रखकर वह एक तरफ को बैठ गया। पर मन था कि फोन की तरफ ही लगातार जा रहा था। उसने अपना हाथ फोन …
बुक लवर | लघु-कथा | विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
कुछ देर के लिए फोन साइड में रखकर वह एक तरफ को बैठ गया। पर मन था कि फोन की तरफ ही लगातार जा रहा था। उसने अपना हाथ फोन …
बुक लवर | लघु-कथा | विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read MoreI rarely write in English. I think this is my first peice in English in Duibaat and i hope it wouldn’t be the last. This short piece came as result …
The woman | Microfiction Read More