क्या आपने अपने ब्लॉग का बैकअप लिया?

तकनीक से संबंधित लेख

क्या आप ब्लॉगर हैं और आपका ब्लॉग गूगल के ब्लॉगर में है? अगर हाँ, तो क्या आप अपने ब्लॉग का बैकअप लेते हैं? अगर आप अपने ब्लॉग का बैकअप नहीं लेते हैं तो यह लेख आपके लिए ही है।

अगर आप ब्लॉग्गिंग करते हैं तो इस बात से  भली भाँती अवगत होंगे कि ब्लॉग की हर एक पोस्ट बनाने में कितना वक्त लगता है। मैं अगर अपनी बात करूँ तो औसतन यह वक्त एक से दो घंटे के बीच का होता है। यात्रा वृत्तान्त तो और ज्यादा वक्त लेता है। ऐसे में ब्लॉग में मौजूद पोस्ट्स पर लगे समय को देखें तो इसे तैयार करने में हमने अपने जीवन का काफी बड़ा हिस्सा लगाया है। ऐसे में यह तो जरूरी होता कि अपने तौर पर कुछ ऐसी सावधानियाँ बरती जाएँ जिससे अगर बाद में कोई दिक्कत हो तो हमें नुकसान कम से कम हो।

यह भी पढें: ब्लॉगर से जुड़ी कुछ जरूरी पोस्ट्स

अभी आप सोच रहे होंगे कि लेकिन ऐसा होगा क्यों?  

यह एक आम बात है। मानव मस्तिष्क की संरचना इसी तरह से हुई है कि वह आम जन जीवन में  किसी अनिष्ट होने की कल्पना शायद ही कभी करता है। मस्तिष्क का विकास इस तरह से हुआ है कि वह काफी ऐसी चीजों को नजरंदाज कर देता है जिससे हानि तुरंत नहीं होती। उदाहरण के लिए व्यक्ति जहर नहीं खाता क्योंकि तुरंत मर सकता है लेकिन वह सिगरेट तम्बाखू का सेवन करता है क्योंकि उसे मृत्यु आती तो है लेकिन वक्त ले लेकर। उदाहरण के लिए सभी को पता है प्रदूष्ण हमारे लिए कितना खतरनाक है लेकिन ज्यादातर जनता इसे कम करने के लिए कुछ करती दिखती नहीं है। उन्हें शायद यही लगता है कि इस प्रदूष्ण का असर उन पर नहीं बल्कि किसी और पर होगा।

चलिए आपको अपने एक मित्र के विषय में बताता हूँ। असल में कुछ दिनों पहले उनके साथ जो कुछ हुआ उसी ने मुझे यह पोस्ट लिखने के लिए भी प्रेरित किया था। मेरे वह मित्र भी ब्लॉगर है और विभिन्न विषयों के ऊपर पोस्ट लिखते रहते हैं। मैं उनके लेख अक्सर पढता हूँ और उन्हें साझा भी करता रहता हूँ।  हाल ही मैंने जब उनका नवप्रकाशित लेख पढ़ा तो वह पढ़कर मुझे कुछ हैरानी हुई।

इस नवप्रकाशित पोस्ट का सार यह था कि गलती से उनकी काफी सारी पोस्ट्स डिलीट हो गयी थी। वह शायद एक पोस्ट सेलेक्ट करके डिलीट करना चाहते थे लेकिन हो काफी ज्यादा गयीं। अब वो ऐसा उपाय ढूँढ रहे थे जिससे वह उन पोस्ट्स को टिप्पणियों समेत वापस पा सकें। थोड़े उपाय जो उन्हें मिले उससे भी उनसे सफलता नहीं मिली थी। कुछ पोस्ट मिली भी लेकिन उन्हें वो कॉपी करके ही नई पोस्ट के रूप में प्रकाशित कर सकते थे। लेकिन उन पोस्ट्स पर आई हुई टिप्पणियों को  पाने का उनके पास कोई साधन बचा नहीं था।

अब आप खुद सोचिये ऐसा अगर आपके साथ हो जाये तो क्या हो? वर्षो की मेहनत साफ हो जाए?

चलिए छोड़िये! अभी आप सोच रहे होंगे कि यह सब मेरे साथ थोड़े न होता है। ऐसे चीजें दूसरों के साथ ही होती हैं। अख़बार में जब हम कत्ल की खबर पढ़ते हैं तो कभी ये थोड़े न सोचते हैं कि यह हमारे साथ घटित हो सकता है। कोरोना से हो रही मृत्यु की खबर पढ़ते हैं तो यह थोड़े न सोचते हैं कि यह हमारे साथ हो सकता है। मैंने कहा न मानव मस्तिष्क का विकास ही इस तरह से हुआ है।

एक और बात बताता हूँ। मेरे एक और मित्र हैं जो कि फेसबुक पर बेहतरीन लेख पोस्ट करते हैं। उनसे जब ब्लॉग के विषय में पूछा तो उन्होंने यही कहा कि उनका एक ब्लॉग तो था लेकिन अब वह उसका पासवर्ड भूल चुके हैं और इस कारण वो कंटेंट उधर से ला नहीं सकते। फिर उन पोस्ट्स को copy करके पेस्ट करने जैसा नीरस काम करने के लिए उनके पास वक्त भी नहीं है क्योंकि वह व्यस्त रहते हैं। ऐसे में उन्होंने ब्लोगिंग का झंझट ही छोड़ दिया था। इससे उन्हें बुरा तो लग सकता है लेकिन क्या कर सकते हैं?

ये दो दो उदाहरण है लेकिन ऐसे कई उदाहरण आपको मिल जायेंगे जिसमें आप पाएंगे कि कई ब्लॉगर्स ने अपना काफी डाटा कुछ कारणों से खोया और वह उसे कभी पा नहीं पाए। हो सकता है आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ हो।

ऐसे में अगर आप ब्लॉगिंग करते हैं तो यह जरूरी हो जाता है कि आप अपने ब्लॉग का बेकअप लेते रहें। अगर मेरे इन जानकार मित्रों ने ब्लॉग का बैकअप लिया होता तो इनका डाटा इस तरह से खोया नहीं होता।

यह बात सुनने में तो आम सी लगती है लेकिन मेरी जानकारी में जितने ब्लॉगर हैं उनमें से अधिकतर ब्लॉग का बैकअप नहीं लेते हैं। कईयों को पता भी नहीं होता है कि यह बैकअप कैसे लें?

अगर आप भी ऐसे ही व्यक्ति हैं तो यह पोस्ट आपके भी काम आ सकती है। अगर आप गूगल के ब्लॉगर प्लेटफार्म पर ब्लोगिंग करते हैं तो आसानी से अपने ब्लॉग का बैकअप ले सकते हैं। यह बैकअप एक फाइल के रूप में डाउनलोड होता है जिसे आप जब चाहे किसी नये ब्लॉग में इम्पोर्ट कर सकते हैं और आपके पुराने पोस्ट्स दोबारा कमेंट्स के सहित प्रकाशित होने को तैयार हो जायेंगे। इनमें दिनांक भी पुरानी ही होगी।

मैंने भी इस फीचर का इस्तेमाल तब किया था जब मैंने अपने किताबों की समीक्षा वाले ब्लॉग एक बुक जर्नल में मौजूद बाल साहित्य से जुड़े पोस्ट्स को नये ब्लॉग एक जर्नल – बाल साहित्य में स्थानांत्रित किया था।

बैकअप कैसे लें?

बैकअप क्यों जरूरी है यह तो हम जान चुके हैं लेकिन अब सवाल उठता है कि ब्लॉग का बैकअप  कैसे लें?  तो अगर आपका ब्लॉग है और आप उसका बैकअप लेना चाहते हैं तो यह निम्न चरणों का पालन करके लिया जा सकता है:

1. ब्लॉगर डैशबोर्ड से सेटिंग्स में जाएँ

सेटिंग्स में जाये
सेटिंग्स में जाएँ

2. सेटिंग्स पर आप क्लिक करेंगे तो एक नई स्क्रीन आपके समक्ष आयेगी। उस स्क्रीन पर आप नीचे जाकर स्क्रॉल करेंगे तो आपको मैनेज ब्लॉग दिखाई देगा। मैनेज ब्लॉग के नीचे बैक अप कंटेंट के विकल्प को क्लिक करें।

3. आप बैकअप कंटेंट पर क्लिक करेंगे तो एक पॉप अप आपके समक्ष खुल जायेगा। इस पॉपअप में आपको डाउनलोड का विकल्प दिखाई देगा। इस विकल्प को आप क्लिक करेंगे तो एक फाइल आपके सिस्टम में डाउनलोड हो जाएगी। यह फाइल एक ‘.xml’ फाइल होती है

डाउनलोड पर क्लिक करें
फाइल को सेव करें
डाउनलोड हुई फाइल को सेव करें

4. अब आप उस फाइल को अपने सिस्टम में सेव कर लें।  अब आप इस फाइल को सेव करके रखें। इसी फाइल में आपके ब्लॉग का सभी डाटा रहेगा। आगे जाकर आपको कभी इस डाटा की जरूरत पढ़े तो मैनेज ब्लॉग के अंदर इम्पोर्ट कंटेंट पर आप क्लिक करें और इस फाइल को अपलोड कर दें। आपका यह डाटा दोबारा से जस का तस आ जायेगा।

इसके अलावा मैं यह भी सलाह दूँगा कि आप अपने ब्लॉग पोस्टस को वर्ड फाइल में भी सेव करके रखकर रहें।

बैकअप कब कब लें?  

बैकअप कैसे लेना है यह तो पता चल गया है। अब अगला प्रश्न यह आता है कि  बैकअप कब कब लें? तो इधर मैं यही कहूँगा कि यह पूर्णतः आप पर निर्भर करता है। मेरी सलाह तो यही रहेगी कि आप दिन में अगर कई पोस्ट्स करते हैं तो दिन की आखिरी पोस्ट के बाद बैकअप लें। आप दो तीन दिन का बैकअप भी संभाल कर रखें ताकि अगर एक बैकअप में कोई खराबी हो तो किसी को आप इस्तेमाल कर सकें।

अगर रोज का बैकअप करना झंझट का कार्य लगता है तो हफ्ते के अंत में या 15 दिन में भी बैकअप लिया जा सकता है। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आपके लिए अपने ब्लॉग का डाटा कितना जरूरी है।

तो यह था ब्लॉगर में प्रकाशित अपनी पोस्ट्स का बैकअप लेने की प्रक्रिया।

तो फिर बताइए,  आपने अपने ब्लॉग का बैकअप आखिरी बार कब लिया था?

© विकास नैनवाल ‘अंजान’

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहत हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

View all posts by विकास नैनवाल 'अंजान' →

0 Comments on “क्या आपने अपने ब्लॉग का बैकअप लिया?”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *