प्रकृति ने अपनी झोली से इतनी सुंदर चीजें बिखेरी हैं कि उन्हें देख कर मन प्रफुल्लित हो जाता है। ये रंग बिरंगे फूल, ये हरे भरे पहाड़, ये नदियाँ, और ये झरने आप देखो तो आपका मन मोह लेते हैं। झरनों के प्रति मेरा विशेष आकर्षण रहा है। ऊँचाई से गिरता पानी खूबसूरत तो लगता ही है लेकिन यह आपको प्रकृति की शक्ति के आगे नतमस्तक भी करता है।
चूँकि अभी लोकडाउन चल रहा है और हम लोग अपने अपने घरों में बंद हैं। ऐसे में घुमक्कड़ी और फोटोग्राफी के उस्ताद राकेश शर्मा ने यह बीड़ा उठाया है कि वह हमें अपनी खींची गयी तस्वीरों के माध्यम से देश के अलग अलग राज्यों में मौजूद जलप्रपातों की घुमक्कड़ी करायेंगे। आप भी बोर ही हो रहे होंगे तो क्यों न इस सफर पर उनके साथ चलें।
मुझे उम्मीद है तस्वीरों के माध्यम से की गयी यह घुमक्कड़ी आपको प्रेरित करेगी कि हम अपने अभी के हालातों से जूझे और फिर जब सब ठीक हो जाये तो प्रकृति की इस अकूत सम्पदा का दर्शन कर इनको देखने का अतुलनीय अनुभव लें।
इस सफर में हम उत्तर से दक्षिण की तरफ जायेंगे। तो चलिए पहले उत्तर भारत से शुरू करते हैं।
सर्दियो में लद्दाख(laddakh) में बहुत ठंड पडती है। इतनी ठंड कि वहाँ बहने वाली नदी जांस्कर(zanskar) तक जम जाती हैं। इसी जमी हुई जांस्कर पर जो ट्रेक की जाती है वह घुम्मकड़ों के बीच में चादर ट्रेक के नाम से मशहूर है। इसी ट्रेक के रास्ते में राकेश भाई को एक झरना भी दिखा। इस झरने की विशेष बात उन्हें यह बताई गयी कि यह झरना चाहे जितनी भी ठंड हो जाए पूर्ण रूप से जमता नहीं है जबकि इसके अगल बगल वाले सारे झरने पूर्ण रूप से जमे हुए होते हैं:
![चादर ट्रेक के रास्ते में मौजूद विशेष झरना चादर ट्रेक के रास्ते में मौजूद विशेष झरना](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgFIGFd93XNINyoVIJ75TsIUlX2_x9FQgt00HlgGi2f_tJMaT_SoXrHCHvhMGot5Ssas5YgBnOijs2CNKvf8tDE8FtIGhLnAWhR1FnTcPPDi9P5GsHb_yMoyz3-MROd-qAx4ivWDhi-UWs/w426-h640/%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%259F%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%2595+%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2587+%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2582%25E0%25A4%259F+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%2582+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BE+%25E0%25A4%259D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BE.jpg) |
चादर ट्रेक के रास्ते में मौजूद विशेष झरना |
![एक जमा हुआ जल प्रपात एक जमा हुआ जल प्रपात](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhT3RKpBF8DjGk7qMbrQ7NRTrfn65XGfpLfV5dlUjXGIqHLP9cIFT1it-RtioBagYswe6QhserPdimZpBVSw_2PoXsq3glYRsgVFY3MSkn9Zz8dqhIKOtdfAo6B8EQP3lyQK8q6BMPMM6o/w426-h640/%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25B0-2.jpg) |
एक जमा हुआ जल प्रपात |
चलिए लद्दाख का झरने के बाद अब चलते हैं उत्तराखण्ड (Uttarakhand)। देवभूमि उत्तराखण्ड में कई रमणीय स्थल हैं। ऐसे ही एक जगह है मुन्सियारी (Munsiyari) और आपके लिए प्रस्तुत है मुन्शियारी का बिर्थी जल प्रपात (Birthi Water Falls)।
![बिर्थी जल प्रपात - मुन्शियारी, उत्तराखंड बिर्थी जल प्रपात - मुन्शियारी, उत्तराखंड](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh39DgZy0LOURw-Sz186flwZ9FtOmQRlJRG2MCKcncDBZEQf73QAF2ZxvLoV2fnWFHvjIGLGqtzfZVTMqKNOlD8NmNJ11m85JiIwYtslSzk6ptxGmqPz0CLv1H8MQeHRAMUSt2ErHbS1TE/w300-h400/birthi-fall-uttrakhand-min.jpg) |
बिर्थी जल प्रपात, मुन्शियारी उत्तराखण्ड |
उत्तर भारत में वैसे तो और भी झरने होगे लेकिन फिर चूँकि भारत भ्रमण करना है तो उन्हें बाद में देखेंगे। अभी आपको उत्तर पूर्वी भारत के मेघालय में लिए चलते हैं।
करांग सुरी फाल्स (karang suri waterfalls) करांग सुरी रोड पर स्थित एक सुन्दर जलप्रपात है। यह मेघालय की राजधानी शिलोंग से लगभग 100 किलोमीटर स्थित है। चलिए होकर आते हैं इधर।
![करांग सुरी फाल्स, मेघालय करांग सुरी फाल्स, मेघालय](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhXki6IXomSJ83QpD6b031DcfJHh7FOe7JdA6ncu6fulBzPwB_laEFLvlypoXPbdhUhyphenhyphen_tXCC34IXGKErnZ5fFRkRUOJK_QtR3Iv9mjRDT38edx5OsBvBeZPwqKOrwDG15vuHyiqRlf5zg/w640-h480/krangshurimeghalaya-min.jpg) |
करांग सुरी फाल्स, मेघालय |
![करांग सुरी फाल्स, मेघालय करांग सुरी फाल्स, मेघालय](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj3omNJd9BVaTjMylfNU0ChtKmrC7Tzu581w5k8BNclTUVIToW5wNSOSkItNiJ_wYn3OETmxFeM6JAGcddH4l97HvZNH2-L0jw4cMuilx3na0FFKpzq_x-wEbxZJ6Jguqc0NUvD9-ROOMg/w640-h480/krangshurimeghalaya-2-min.jpg) |
करांग सुरी फाल्स, मेघालय |
एलीफैंट फाल्स (Elephant Falls) शिलोंग के मुख्य शहर से 12 किलोमीटर दूर स्थित है। शिलोंग पीक के नजदीक ही एक छोटी सी सड़क निकलती है जो कि इस जल प्रपात तक पहुँचाती है। वैसे तो खासी भाषा में इस जलप्रपात का नाम का शैद लई पटेंग खोशी (Ka Kshaid Lai Pateng Khohsiew) अर्थात तीन हिस्से वाला जलप्रपात है। अगर इसके मौजूदा नाम एलीफैंट फाल की बात करें यह नाम अंग्रेजी राज में पड़ा था। कहा जाता है उस वक्त यहाँ एक पत्थर हुआ करता था जो कि हाथी जैसे दिखता था और उसी पत्थर के कारण इसे एलीफैंट फॉल का नाम दिया गया। यह पत्थर तो 1897 में आये भूकम्प में टूट गया लेकिन यह नाम रह गया। तो चलिए इसी एलीफैंट फॉल को देखा जाए।
![एलीफेंट फाल्स, शिलोंग, मेघालय एलीफेंट फाल्स, शिलोंग, मेघालय](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh8ttOfHGJR42XBHhUjFp6Ont8PVt-9cMBM8Ha3vhLc49_FEcHq-UcnfMMLzsq_WPW89FbQLARGw6Nk1Shba-33FdQIe_GX34uxWaA86SPOO5Bjk6j-mHc4rXA0s8aWb1YFOT0LhHhMO_E/w640-h480/elephant-fall+shillong-min.jpg) |
एलीफैंट फाल्स, शिलोंग, मेघालय |
खूबसूरत है न? चलिए शिलोंग के बाद अब चलते हैं मेघालय के चेरापुंजी (Cherrapunji)। आप जानते ही हैं कि चेरापुंजी भारत के सबसे अधिकतम बरसाती इलाकों में से एक है। यह एक पहाड़ी इलाका है जहाँ इतनी बरसात होती है तो जाहिर सी बात है यहाँ जलप्रपात भी होंगे ही। यही कारण है कि आज राकेश भाई सबको इस वर्चुअल टूर में चेरापुंजी लाये हैं। चलिए देखते हैं यहाँ एक दो जल प्रपात: नोहकलिकाइ(NohKaLikai) और वी सॉडोंग (wei sawdong)
1100 फीट की ऊँचाई वाला नोहकलिकाई जल प्रपात भारत के सबसे ऊँचे जलप्रपात में से एक है। कहा जाता है कि कभी लिकाई नाम की एक लड़की ने प्रपात के निकट एक खड़ी चट्टान से कूद कर जान दे दी थी। इसी लड़की के नाम पर इस जल प्रपात का नाम पड़ा है। इस प्रपात के जल का स्रोत चूँकि वर्षा का जल ही है तो यह सर्दी के महीने दिसम्बर से फरवरी के बीच लगभग सूख जाता है।
![नोहकलिकाई जल प्रपात, चेरापुंजी, मेघालय नोहकलिकाई जल प्रपात, चेरापुंजी, मेघालय](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhGLHc9LGv4tY07AADbMIICNRutFGeJ8oWGtfkaxQv9NBvWC7XTY0GmcJjCYWPyZrzwp3IZfA8WNIZL6eyUK6V9ahzaIX6ZxKM1WgYkY1Uc6qNfpGhYjZCCUhxggrBOLN4KLSen5WXJq10/w640-h480/%25E0%25A4%25A8%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%2588-%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%2598%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B2%25E0%25A4%25AF.jpg) |
नोहकलिकाई जल प्रपात, चेरापुंजी, मेघालय |
चलिए नोहकलिकाई के बाद वी सॉडोंग (wei sawdong) जल प्रपात चलते हैं। यह भी चेरापुंजी में स्थित तीन हिस्सों वाला जलप्रपात है। इसकी खास बात यह है कि यहाँ तक जाने के लिए आपको अच्छी ख़ास ट्रेक करनी पड़ती है। यानी कि अगर आप को ट्रेक करना पसन्द है तो यहाँ जाकर आपके एक पन्थ दो काज सिद्ध हो जाते हैं।
![वी सॉडोंग जलप्रपात वी सॉडोंग जलप्रपात](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgqy0k7ynwFVj-SKIDFnYaJtNCyBDiZQ6agjcTn7gUJHjEUJ-2bFVH-AeJK_e00rzsaxNSP0HIqhxtpLFhhg4EeK7oAMhaKGlOz7tM_mY0we5NEWh6Lycz3OtitFw1ixROCh_eSJYaLx08/w426-h640/weisawdong-cherapunji-min.jpg) |
वी सॉडोंग जलप्रपात, चेरापुंजी,मेघालय |
![वी सॉडोंग जलप्रपात, चेरापुंजी,मेघालय वी सॉडोंग जलप्रपात, चेरापुंजी,मेघालय](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEijYCgFqmPuvZCbgOsccO_h0bF_BIlR8qa3HMZ8BCRfWH7glQPbzu2wyXq9iA2DVQcCz4yTTYoj2qte9cGC2kc38PXJxtVAv6urEXF5qXAfmRdFLqmOcAHHK6VSA2TmxslP-QyeID6E4Yk/w360-h640/WeiSawdong-min.jpg) |
वी सॉडोंग जलप्रपात, चेरापुंजी,मेघालय |
चलिए उत्तर पूर्वी भारत का चक्कर तो लगा दिया। अब वापिस लौटते हैं और पूर्वी भारत के बिहार में मौजूद तुतला भवानी जल प्रपात (Tutla bhavani water fall) देखते हैं। यह बिहार के रोहतास जिले के तिलौथु के नजदीक मौजूद जलप्रपात है।
![तुतला भवानी, रोहतास बिहार तुतला भवानी, रोहतास बिहार](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhBlkbfesIorH2_RIA9s-nEuwiizr2WmXdOefyEEvG8xoid8UYiPzoS-XeaTBJQBuKwGikLIWwJ1jw3JsNDOMtaIoA9GiB8GEjaTJkDYtUxQ6Eq0APOlYsXRfh83pVTCIr1jjXpQMW537c/w640-h426/tutlabhavanibihaar-min.jpg) |
तुतला भवानी, रोहतास बिहार |
बिहार के बाद राकेश भाई हमें जबलपुर का धुआँधार जलप्रपात (Dhuandhar Waterfall) दिखाने ले जा रहे हैं। यह जल प्रपात मध्यप्रदेश के जबलपुर में मौजूद है। यहाँ पर नर्मदा नदी का पानी पचास फूट की उंचाई से गिरता है जिसके कारण जल धुँए के सामान उड़ने लगता है और इसीलिए इसे धुँआधार नाम मिला है।
![धुँआधार जलप्रपात, जबलपुर धुँआधार जलप्रपात, जबलपुर](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEio1uY3xDYxwU_IrjBnGFFNB60sPoauZ6e-HLODVO90477G6rwJbcIxj-BgDXdujiiYmbJuuEE5cC4TFLGzEZL6HivcnE8MeAGzbbH13krEfWH3Wq7lfi-OOpsUMqCQStBY0GcJ7k3SLlc/w640-h480/dhuaandhaar-jabalpur-min.jpg) |
धुँआधार जलप्रपात, जबलपुर |
उम्मीद है अभी आप थके नहीं होंगे क्योंकि अभी तो राकेश भाई केवल चार्ज हुए हैं। अभी सफर बाकी है मेरे दोस्त! तो चलते हैं हमारी अगली मंजिल तक। अब हमें राकेश भाई एमपी से सीधे छत्तीसगढ़ ले जा रहे हैं। छतीसगढ़ में वह हमें तीरथगढ़ जलप्रपात (Teerathgarh waterfall) ले जा रहे हैं। तीरथगढ़ जलप्रपात भारत के सबसे ऊँचे झरनों में से एक है। यहाँ पानी 300 फुट की ऊँचाई से गिरता है। यहाँ मुझे बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि इस जलप्रपात तक की यात्रा में मैं भी राकेश भाई के साथ शामिल था। तो चलिए तीरथगढ़ जलप्रपात।
![राकेश भाई तीरथगढ़ जलप्रपात के सामने राकेश भाई तीरथगढ़ जलप्रपात के सामने](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjKpwjtkrn24WIiYKlZug9A6jawn3vzCCNG0UxkfrpqkrXCo_O6sGyqyApV9GhKJLMdihIMDNIlm0hb7aAOsoFTWP5pQhZ2oo-VmWW6Vfz2XFL8yKjcgjVB9UQroEfI20KfC2zg_E3gELU/w640-h408/teerathgadh-2-min.jpg) |
राकेश भाई तीरथगढ़ जलप्रपात के सामने |
![तीरथ गढ़ जल प्रपात, छत्तीसगढ़ तीरथ गढ़ जल प्रपात, छत्तीसगढ़](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiT3ljWbGNuhyN8OkhhDlwcSGLxiBPTBj2wXW_L1XhCn1duZazQ89FtVtMNvv43DKpt3pjQ7O02TxRcE3Ma7LH5rpTTHeDhr7999C0JT_UWGukfldauHVNdIkCgCxTmECq6_Be028h4fpU/w314-h640/teerathgadh-min.jpg) |
तीरथगढ़ जलप्रपात |
छत्तीसगढ़ से अब आपको ले चलते हैं महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में चलते हैं गेले और अम्बोली। दोनों ही जगह आस पास ही हैं।
अम्बोली दक्षिण महाराष्ट्र में मौजूद एक हिल स्टेशन है जहाँ के अम्बोली वाटरफॉल (amboli waterfall) काफी प्रसिद्ध वहीं अम्बोली से केवल सात किलोमीटर दूर गेले है जहाँ का कालवेसाढ़ फाल्स (Kavalesaad Fall) काफी ई लेप्रसिद्ध है। चलिए ये दोनों फाल्स भी देख लेते हैं।
![अम्बोली जल प्रपात, अम्बोली अम्बोली जल प्रपात, अम्बोली](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjDvcrqjB85do8ufpuYNUKHuaxhZ7XsF4bFPZf9FOqraji_K6jQuASzz7D5Y_7z3Urmr4MM9TPX8I-IMbkNTSadFLAs9FziTLttrH9MxdRcTsvYPev2S1QnpxFQ40_37dCewfA7eViRKxc/w480-h640/ambolimaharashtra-min.jpg) |
अम्बोली जलप्रपात,महाराष्ट्र |
![कालवेसाढ़ फाल्स, गेले, महाराष्ट्र कालवेसाढ़ फाल्स, गेले, महाराष्ट्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg52l_0fFC8c9TkkbYkGNlcZCRnE7CHqa4qtwnWvLusK07ucigL5_e-jN35aIp5rzdjEAxm2ADVLrSSzUUGTeCbH9gKNa_UicKjuoy7mOJ9z27s6ZaE7QXQLF-9vn_DkYGzYEd4Ghp1W98/w426-h640/kableshwarambolimahatashtr-min.jpg) |
कालवेसाढ़ फाल्स, गेले, महाराष्ट्र |
![कालवेसाढ़ फाल्स, गेले, महाराष्ट्र कालवेसाढ़ फाल्स, गेले, महाराष्ट्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg5TtCiVa3O3fJY5RLdXFsmCFl-8gKFDiGVHR0A52s0nrgDDNteAIMFfppY8MOek7Yhudcr-_JFfj6Uznawc6ULZjnieAVVDuNQLoaYpcn0Zx2iqT_2STM5kwOCE4vnvORd2E4hRw31zMw/w426-h640/kableshwarangoli-min.jpg) |
कालवेसाढ़ फाल्स, गेले, महाराष्ट्र |
जब झरनों की बात चली है तो गोवा के दूध सागर (dudhsagar) फाल्स का नाम कैसे न शामिल होगा। मंडोवी नदी पर स्थित यह चार हिस्सों वाला जल प्रपात है। इसकी ऊँचाई 1031 फीट है। स्थानीय भाषा में यह ताम्बडी सुर्ला के नाम से भी जाना जाता है। दक्षिण भारत की तरफ जाने से पहले चलिए दूध सागर फाल्स भी देख लेते हैं।
![दूधसागर फाल्स, गोवा दूधसागर फाल्स, गोवा](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjfGJ4bxJjmDpnM-pfQ-xUGLxKnGO1SiMY1SaxjzrXfY29qHw6ZAiJfzokLtga1Uxj5oevfYhdkUurW0h0y9LqQpkQAIzqC-dxKt8pw60JArJHYkQmCd9QFsda0DarDcN82SULYgbcVNM8/w618-h640/doodhsagar-waterfall-min.jpg) |
दूधसागर फाल्स, गोवा |
चलिए अब हम अपने सफर के अंत तक आ गये हैं। उत्तर से दक्षिण भारत की तरफ बढ़ते हुए हम लोगों अब दक्षिण भारत तक पहुँच गये हैं। सफर के इस अंतिम पड़ाव के हम लोग अब कर्नाटक की तरफ बढ़ रहे हैं।
जोग जलप्रपात (Jog Water Falls) शरावती नदी पर मौजूद है। यह चार छोटे जल प्रपातों – राजा, राकेट, रोरर और रानी – से मिलकर बना है। इसका जल 253 मीटर की ऊँचाई से गिरकर बड़ा सुन्दर दृश्य उपस्थित करता है। जोग जल प्रपात को जेरसप्पा नाम से भी जाना जाता है।
![जोग जल प्रपात, कर्नाटक जोग जल प्रपात, कर्नाटक](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgXVnd9YOKcNLao6jXqTyCO88IwRJJY5GZU51eG35zDveUQ-3XsQkchtRsc41VUGNGsWVV1seOBk-mxMMHEJMfE2eF57l0-H1RsRV2rPB7OO8dsyqYrjmF0QdJWwTHII7JEvT3_tEk_hXI/w426-h640/jogfall+kartanak-min.jpg) |
जोग जल प्रपात, कर्नाटक |
![जोग जल प्रपात, कर्नाटक जोग जल प्रपात, कर्नाटक](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgoVEPJZ7nxT3-Kv4MOF7iz2TQw7uDnyxwQRd6t-axT_JNqzshMD3rRLBG7K3wmKElb72D0Yn2Ow8A7UAIdki48KdQnrrK12eBijSHrv71aPRa6E6DxrFUCEexKud7ZWWOlK1bq-0arVWc/w426-h640/jogfallkarntak-min.jpg) |
जोग जल प्रपात, कर्नाटक |
![जोग जल प्रपात, कर्नाटक जोग जल प्रपात, कर्नाटक](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjfrAYw8BAqfkLL_aNSvBKbAbYvEM1rKpR_bH6eOni9JSukpnfmX14R1OMhY4m2y987HaiFu218sJtd3Ab1qCSfPXhuujrsXV3nDFL9up6veTBwHNXTpa35YlQdJPX_7VrJBL7dTX_ssFQ/w426-h640/jogfallkartanaka-min.jpg) |
जोग जल प्रपात, कर्नाटक |
मगोड़ जल प्रपात (Magod Water Fall) बेदती या गंगावली नदी के २०० मी. की ऊंचाई से गिरती अनेक जलधाराओं से बनता है। यह येल्लपुर कस्बे से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
![मगोड़ जल प्रपात, कर्नाटक मगोड़ जल प्रपात, कर्नाटक](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgevFb4hIIjeOFA0gTl_emCrM4tgvq8mk00wIWlRbB8glGU7WOmfh3Oiy3MXg04qUGzgm9Lmllw4DWcR6Q_SFhO7foBosWFKySGWuiIpWT8jcIxIoelNv-xguFVIFoppqlG1JtxhBHOE7U/w426-h640/magodfallkarnatak-min.jpg) |
मगोड़ जल प्रपात, कर्नाटक |
चलिए अब सफर के आखिरी पड़ाव में हम पहुँच चुके हैं। सफर के इस आखिरी पड़ाव में हमें राकेश भाई साथोडी जलप्रपात देखने के लिए ले जा रहे हैं। साथोडी जलप्रपात (sathodi waterfall) छोटी छोटी जलधाराओं से बना जलप्रपात है। इसका पानी लगभग 49 फीट की ऊँचाई से गिरता है। ये केल्लापुर, कर्नाटक से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
![साथोडी जलप्रपात, कर्नाटक साथोडी जलप्रपात, कर्नाटक](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhfkRShBx-8q2DoKZKOa497K4_oZH-Dg_aS9vCK3mfwgm1C0BJrgKn-48lL1OdHV47yfOMISCO_dlacoC8LH7mRE0Yh6xFTLAyH7TV7Y3Uq-alSUTCXp6808O09PMqw2isu4zIjBOrbBos/w478-h640/sthondifallkarnatak-min.jpg) |
साथोडी जलप्रपात, कर्नाटक |
तो आखिरकार हमारा सफर का अंत चुका है। मुझे तो राकेश भाई के साथ इस सफर में बहुत मजा आया। एक दिन में घर बैठे भारत के चारों कोनों में स्थित चुनिन्दा जल प्रपातों को देख लिए। आपको राकेश भाई के साथ किया यह सफर कैसा लगा? कमेंट्स के माध्यम से जरूर बताइयेगा।
क्या आप किसी ऐसे किसी अन्य वर्चुअल सफर में उनके साथ चलना चाहेंगे?
© विकास नैनवाल ‘अंजान’ – लेख, राकेश शर्मा – तस्वीरें
विकास जी ने अपनी लेखनी से बहुत सुंदर सफर की सवारी कराई है। और राकेश द्वारा ली गई तस्वीरों की तो जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है।
बहुत बहुत शुक्रिया दोनों का।
लेख और तस्वीरें आपको पसंद आईं यह जानकर अच्छा लगा। आभार।
बहुत सुंदर
जी आभार…
Superb
Thank you…
बहुत ही खूबसूरत चित्र और अच्छी जानकारी …
मज़ा आ गया है …
आभार सर। पोस्ट आपको पसंद आई यह जानकर अच्छा लगा। आभार।
बहुत बढ़िया सफर ऐसा लगा कि कब ये माहौल सही हो ओर
इनमें से किसी जगह घूमने का प्रोग्राम बनाया जाये
सफर पर आपको आनन्द आया यह जानकर अच्छा लगा। माहौल ठीक होते ही जरूर जाइयेगा।
सादर नमस्कार,
आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 14-05-2021) को
"आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ:"(चर्चा अंक-4060) पर होगी। चर्चा का शीर्षक आपकी रचना से लिया गया है । चर्चा में आप सादर आमंत्रित है.धन्यवाद
…
"मीना भारद्वाज"
चर्चा अंक में यह पोस्ट शामिल करने करने के लिए हार्दिक आभार।
पुनश्च: कृपया चर्चा अंक-4065 पढ़े ।
जी आभार….
बहुत खूबसूरत यात्रा झरने के साथ
झरनों की साथ की यह यात्रा आपको पसंद आई यह जानकर अच्छा लगा। आभार मैम।
झरनों की दुनिया का विस्तृत वर्णन मन विभोर हो गया।
तस्वीरों से लग रहा है हम सामने ही से देख रहें हैं ।
बहुत सुंदर पोस्ट अद्भुत वृतांत मनोहारी तस्वीरें।
साधुवाद विकास जी।
पोस्ट आपको पसन्द आई यह जानकर अच्छा लगा। आभार मैम।
बहुत सुन्दर पोस्ट तैयार की है आपने..आपका लेखन और राकेश जी की फोटोग्राफी प्रशंसनीय हैं। इनमें से कुछ प्रपात जो देखे हुए हैं उनका के बारे में पुनः पढ़ना और देखना सुखद लगा ।
जी आभार मैम…
बहुत सुन्दर
बढिया जानकारी दी विकास भाई, घर बैठे भारत घुमा दिये।
राकेश भाई की फोटोग्राफी तो गजब है ही।
जी आभार…
मैं ने इनमें से सिर्फ धुआँधर जलप्रपात, जबलपुर ही देखा है। बाकि के जलप्रपात के फोटो देख कर ही देखने की इच्छा बलवती होती है।
बहुत सुंदर वर्णन एवं फोटोज।
जी आभार, मैम….सही कहा..
इस फोटो निबंध की तस्वीर मनमोहक हैं। तस्वीरों के साथ-साथ वहाँ का वर्णन दिल को छू गया।
फोटो निबंध आपको पसंद आया यह जानकर अच्छा लगा। हार्दिक आभार।
जी आभार….