नवंबर के माह में पढ़ी गयी किताबों की बात करूँ तो नवंबर में कुल मिलाकर 16 रचनाएँ पढ़ने का मौका मिला। भाषाओ में इन्हे विभाजित करूँ तो इन रचनाओं में से 12 रचनाएँ हिन्दी की थी और 4 रचनाएँ अंग्रेजी की थी। विधाओं की बात करूँ तो इन रचनाओं में 5 उपन्यास, 3 लंबी कहानियाँ, 1 उपन्यासिका, 1 कहानी संग्रह, और 6 कॉमिक बुक्स मौजूद थे।
ज्यादा देरी न करते हुए चलिए अब उन पुस्तकों पर संक्षिप्त तौर पर बात की जाए जिन्हें नवंबर 2021 में पढ़ने का मौका लगा था:
अधूरा ख्वाब
अधूरा ख्वाब लेखक आलोक कुमार सिंह द्वारा लिखी गयी उपन्यासिका है। उपन्यासिका के केंद्र में मायरा नाम की प्रेतात्मा है जिसका एक अधूरा ख्वाब है और वह चाहती है कि कोई उसका यह ख्वाब पूरा करे। अपने इस ख्वाब को चुनने के लिए वह विराट सिंह राजपूत नामक व्यक्ति को चुनती है। मायरा कौन है? वह प्रेतात्मा क्यों बनती है? वह विराट का चुनाव क्यों करती है? इन्हीं सब प्रश्नों के उत्तर यह उपन्यासिका देती है।
उपन्यासिका पठनीय है और मनोरंजन करने के साथ साथ एक संदेश देने में भी सफल होती है।
उपन्यासिका के प्रति मेरी विस्तृत समीक्षा:
महाबली शाका और ब्लैक टाइगर
महाबली शाका और ब्लैक टाइगर डायमंड कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। डायमंड कॉमिक्स मैंने कम पढ़ी हैं और जब उसका नाम सुनता हूँ तो दिमाग में केवल चाचा चौधरी, बिल्लू, पिंकी इत्यादि ही मन में आता है। ऐसे में उनके द्वारा रचित दूसरे कॉमिक बुक पढ़ना चाहता था और इसलिए इस कॉमिक को देखा।
कोसिमा के जंगलों में महाबली शाका का बहुत पूछ थी। सभी लोग उसका आदर करते थे। ऐसे में जब वनमंत्री लिम्बालाल ने कोसीमा के जंगल में आने की योजना बनाई तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी गृह मंत्री द्वारा शाका को दी गई। पर किसी ने वन मंत्री का अपहरण कर दिया। और अब महाबली शाका ने वन मंत्री को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने का फैसला कर दिया। वन मंत्री का अपहरण किसके द्वारा किया गया था? क्या महाबली शाका उन्हें छुड़ा पाया? यही इस कॉमिक की कहानी बनती है।
महाबली शाका के इस कॉमिक्स ने इस किरदार के प्रति मेरी उत्सुकता को जागृत करने का काम किया है। मैं शाका के और कॉमिक्स मैं पढ़ना चाहूँगा। इस कॉमिक की बात करूँ तो कॉमिक की शुरुआत तो अच्छी थी लेकिन बाद में जाकर कहानी थोड़ी लचर हो गयी। फिर भी एक बार पढ़ ही सकते हैं।
महाबली शाका और ब्लैक टाइगर की विस्तृत समीक्षा:
प्रेत अंकल
प्रेत अंकल प्रेत अंकल शृंखला का पहला कॉमिक बुक है। कॉमिक 1993 में पहली बार प्रकाशित हुआ था। यह जेकब की कहानी है जो कि एक बच्ची बेबी को बचाने के लिए गुंडों से भिड़ पड़ता है। उस प्रेत का इन गुंडों से भिड़ना उसके लिए क्या मुसीबत लेकर आता है? क्या वह इन गुंडों से उस बच्ची को बचा पाता है? यह ऐसे प्रश्न हैं जिनके उत्तर इस कॉमिक बुक पर पढ़ने को मिलते हैं।
प्रेत अंकल के विषय में यही कहूँगा कि एक अच्छा कॉमिक बुक है जो कि मुझे पसंद आया। अगर आपने नहीं पढ़ा है तो आपको एक बार इसे जरूर पढ़ना चाहिए। मैं इस शृंखला के अन्य कॉमिक बुक जरूर पढ़ना चाहूँगा।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा:
काजल
काजल बिमल मित्र के रचना संग्रह चतुरंग में मौजूद चौथी कृति है। इस उपन्यास का कथावाचक एक लेखक है जिसको सुहास रंजन मुखोंपाध्याय नामक उसका एक पाठक चिट्ठी लिखकर अपने पास आने का न्यौता देता है। सुहास की माने तो वह कभी कलकत्ता में अंग्रेजी पुलिस फोर्स में बड़ा अफसर हुआ करता था लेकिन उसकी पत्नी काजल के गुजरने के बाद अब वह अकेला हो गया था। वह लेखक को काजल की कहानी सुनाकर उससे अपनी मन की एक इच्छा बताना चाहता था। आखिर काजल की मृत्यु कैसे हुई थी? सुहाह लेखक से क्या चाहता था?
बिमल मित्र का यह उपन्यास पठनीय है। रिश्तों में विश्वास, आपसी बातचीत और सच्चाई कितनी जरूरी होती है और इनके न होने से क्या कुछ हो जाता है वह इस उपन्यास के कथानक को पढ़कर जाना जा सकता है।
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा निम्न लिंक पर जाकर पढ़ी जा सकती है:
मौत की रात
मौत की रात तुलसी कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। यह विशालनगर की कहानी है जहाँ का राजा इसलिए परेशान था क्योंकि वहाँ हर रात एक हवा का झोंका आता था और उस राज्य के एक नागरिक का अपहरण करके चला जाता था। पूरा राज्य इससे खौफ के साये में जी रहा था। आखिर यह हवा का झोंका क्यों लोगों का अपहरण कर रहा था? क्या विशाल नगर इस परेशानी से निजाद पा पाया? इन सभी प्रश्नों के उत्तर इधर पढ़ने को मिलेंगे।
कॉमिक बुक के विषय में यही कहूँगा कि यह एक अधपकी कमजोर कहानी पर बनाया गया कॉमिक बुक है जिस पर अगर मेहनत की जाती तो यह एक बेहतरीन रोमांच से भरपूर कॉमिक बन सकता था। अभी वह एक सपाट औसत से कमजोर कॉमिक बन कर रह गया है।
कॉमिक बुक की विस्तृत समीक्षा निम्न लिंक पर पढ़ सकते हैं:
अमोघ
अमोघ अनुराग कुमार सिंह का सुपर हीरो शैली का उपन्यास है। उपन्यास के केंद्र में धनुष, आग्नेय और वेदिका नाम के सुपरहीरों हैं। जब दुनिया में राक्षसों की फौज बढ़ जाती है तो राक्षसों से दुनिया को बचाने की जिम्मेदारी इन तीन युवा सुपरहीरो के ऊपर आ जाती है। वह इसे किस तरह निभाते हैं यही इस उपन्यास में देखने को मिलता है।
एक रोचक उपन्यास है जिसे एक बार पढ़ा जा सकता है। यह देखना रोचक होगा कि इन किरदारों को लेकर आगे अनुराग कुमार सिंह क्या करते हैं।
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा निम्न लिंक जाकर पढ़ी जा सकती है:
आतंक का पहाड़
आतंक का पहाड़ अनिल मोहन द्वारा लिखा गया देवराज शृंखला का उपन्यास है। जब आतंक का पहाड़ नामक कुख्यात आतंकवादी उस जहाज को हाईजैक कर देता है जिसमें देवराज चौहान भी अपने साथियों के साथ मौजूद रहता है तो देवराज के ऊपर जहाज के यात्रियों को बचाने की जिम्मेदारी आ जाती है। देवराज इस मुसीबत से लोगों को किस तरह निकालता है और आगे देवराज चौहान और आतंक के पहाड़ के टकराव का क्या नतीजा निकलता है यह उपन्यास में दर्शाया गया है।
उपन्यास एक बार पढ़ा जा सकता है। अब देवराज का कद इतना लंबा हो गया है कि आतंक का पहाड़ उसे मैच नहीं कर पाता है और इस कारण उपन्यास में रोमांच की कमी महसूस होती है। लेकिन उपन्यास में गजाला मौजूद है जो कि मुझे पसंद आई। गजाला के बारे में मैं और जानना चाहूँगा।
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा निम्न लिंक पर जाकर पढ़ी जा सकती है:
स्नोफ्लेक
स्नोफ्लेक लेखिका रूथ वेयर द्वारा लिखी गयी उपन्यासिका है। लिया अपने पिता और बहन और भाइयों के साथ एक टापू में रह रही है। ऐसे में एकदम उसके पिता उन्हें टापू में एक दीवार बनाने के लिए लगा देते हैं। उनके ऐसे करने के पीछे क्या कारण है? यह बात जब खुलती है तो आप खुद को चौंकने से रोक नहीं पाते हो।
एक रोचक कहानी जो कि एक बार पढ़ी जा सकती है।
एक करोड़ की गोली
लंबू मोटू और एक करोड़ की गोली डायमंड कॉमिक द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। इस कॉमिक में लम्बू मोटू की जोड़ी चीनी जासूसों से दो दो हाथ करते नजर आते हैं। किशोर जासूस लम्बू मोटू का यह कारनामा मुझे पसंद आया।
कॉमिक बुक के प्रति विस्तृत विचार निम्न लिंक पर:
टेल्स फ्रॉम द क्रिप्ट #7
टेल्स फ्रॉम द क्रिप्ट इस: सम थिंग विक्का दिस वे कम्स टेल्स फ्रॉम द क्रिप्ट शृंखला का सातवाँ कॉमिक बुक्स है। इसमें चार कहानियों नाइट ट्रेवलर, इनोसेन्ट गन, हेक्स एंड द सिटी और लोअर बर्थ को कॉमिक बुक फॉर्म में संकलित किया गया है। चारों ही कहानियाँ डार्क हैं लेकिन मुझे यह इनोसेन्ट गन, जो कि दो भागों में विभाजित है, को छोड़कर बाकी सभी औसत लगी। आखिरी वाले में कोई लॉजिक भी नहीं लगा। एक बार पढ़ सकते हैं।
अनोखी चोरी
अनोखी चोरी लेखक अनुराग कुमार जीनियस द्वारा लिखी गयी कहानी है। इस बार उन्होंने के पुलिस प्रोसीजरल लिखने की कोशिश की है जिसे एक बार पढ़ा जा सकता है। लेखक कहानी बुनने में वेद प्रकाश शर्मा से जी काफी प्रभावित लगते हैं और इसलिए कहानी के अंत में काफी ट्विस्टस आते हैं जिसमें से कुछ आपको चौंकाने में सफल भी होते हैं।
अनोखी चोरी के प्रति विस्तृत विचार निम्न लिंक पर:
राज का राज
राज का राज नागराज का कॉमिक है। राज नागराज का वह रूप है जिसे धर कर वह लोगों के समक्ष मौजूद रहता है। ऐसे में जब वह रूप नागराज के सामने आ खड़ा होता है तो उसका हैरान होना लाजमी रहता है। राज का कहना है कि वह एक डरपोक की जिन्दगी जीने को मजबूर नहीं है । इस राज से नागराज कैसे निपटता है। आखिर इस राज का राज क्या है? यही कॉमिक का कथानक बनता है। कॉमिक बुक रोचक है जो जिसमें रहस्य, रोमांच सभी कुछ उपयुतक मात्रा में मौजूद है। नहीं पढ़ा है तो पढ़ डालिए।
कॉमिक बुक के प्रति विस्तृत विचार:
देजा वू
देजा वू लेखक कँवल शर्मा द्वारा लिखा गया उपन्यास है। एक रात में घटित होती उपन्यास की कहानी आपका भरपूर मनोरंजन करने में सक्षम है। अगर नहीं पढ़ा है तो एक बार अवश्य पढ़ें।
उपन्यास के प्रति मेरे विस्तृत विचार
द रियूनियन
मयूर दिदोलकर मेरे पसंदीदा लेखकों में से एक बन चुके हैं। जब भी उनके द्वारा लिखा हुआ कुछ पढ़ता हूँ मुझे मालूम होता है कि पाठकों के लिए वह कुछ नया लेकर आने वाले हैं। उनकी यह कहानी द रियूनियन भी एक ऐसी ही एक कहानी है जिसमें वो एक अलग सा विषय चुनते हैं और उसे लेकर एक मनोरंजक कहानी पाठकों को परोसते हैं। अगर थ्रिलर के शौकीन हैं तो आपको उन्हें एक बार पढ़कर देखना चाहिए।
द रियूनियन की विस्तृत समीक्षा:
अ मर्डर इन मसूरी एंड अदर टेल्स
अ मर्डर इन मसूरी एण्ड अदर टेल्स रस्किन बॉन्ड की कहानियों, संस्मरणों और लेख का संकलन है। इस रचना में उनकी दस रचनाएँ संकलित हैं। इस संकलन की कुछ रचनाएँ मैंने पढ़ी हुई थी और कुछ ऐसी थी जो मेरे लिए नई थीं। रस्किन बॉन्ड की अपनी खास आत्मकथायत्नक शैली में लिखी यह रचनाएँ सरल और पठनीय हैं। अगर आप अपनी कहानियों में ज्यादा मोड़ इत्यादि पसंद करते हैं तो हो सकता है आपको निराश भी होना पड़े। मुझे तो संग्रह पसंद आया।
आखिरी सड़क
वह सड़क जो विक्रमगढ़ तक जाती थी आखिरी सड़क कहलाती थी। लोगों की माने तो उस सड़क और उस गाँव पर प्रेतों का साया था। तभी तो वह बस नहीं पाया था। ऐसे में जब वह फिल्म क्रू जब वहाँ पहुँचा तो वह इस बात से अंजान था कि वहाँ उनके साथ क्या क्या होने वाला था। क्या सचमुच विक्रमगढ़ में भूत प्रेतों का साया था? आखिर उधर उन्हें किन चीजों का अनुभव हुआ?
आखिरी सड़क लेखक परशुराम शर्मा का लिखा हॉरर उपन्यास है। उपन्यास ठीक ठाक है। उपन्यास की भाषा पर और इसके सम्पादन पर जरा काम किया जाना चाहिए था। उपन्यास का अंत आपको पल पल ट्विस्टस से चौंकाता है लेकिन इसके पहले का हिस्सा काफी सुधारा जा सकता था। अगर ऐसा होता तो उपन्यास काफी अच्छा बन सकता था।
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तो यह थी उन पुस्तकों की जानकारी मैंने नवंबर 2021 में पढ़ीं। आपने नवंबर 2021 में क्या क्या पढ़ा? मुझे जरूर बताइएगा।
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आपकी बुक्स से संबंधित पोस्ट की सदैव प्रतीक्षा रहती है । हमेशा की तरह बेहतरीन जानकारी ।
पोस्ट आपको पसंद आई यह जानकर अच्छा लगा। हार्दिक आभार।