साहित्य विमर्श प्रकाशन रचनाएँ आमंत्रित करता है

साहित्य विमर्श प्रकाशन रचनाएँ आमंत्रित करता है
हॉरर और फंतासी हिंदी की ऐसी विधाएं रही हैं जिन पर कम ही काम होता दिखता है। साहित्य विमर्श प्रकाशन में हमारा मकसद पाठको के समक्ष हर तरह का साहित्य लाना रहा है।
इसी क्रम में साहित्य विमर्श प्रकाशन  उपन्यासिका संकलन के लिए हॉरर और फंतासी विधा की रचनाएँ आमंत्रित करता है।  रचना भेजने के नियम इस प्रकार हैं:
 
  1. शब्द सीमा: 10 हजार से 15 हजार शब्द
  2. भाषा: हिंदी / अंग्रेजी
  3. एक संकलन में चार रचनाएँ ही शामिल होंगी
  4. फंतासी और हॉरर रचनाओं का संकलन अलग-अलग बनेगा
  5. प्रकाशन के पास आई रचनाओं में से संपादक मंडल द्वारा सर्वश्रेष्ठ रचनाओं को चुना जाएगा
  6. रचनाकार रचना के लिए एक मुश्त 1500 रुपए रॉयल्टी स्वरूप ले सकते हैं या प्रत्येक प्रति की बिक्री पर   रॉयल्टी ले सकते हैं जो कि चारों रचनाओं के बीच  बराबरी से बाँटी जाएगी
  7. संकलन में शामिल प्रत्येक रचनाकार को संकलन की दो प्रतियाँ प्रदान की जायेंगी रचनाकर प्रत्येक विधा में एक से अधिक रचनाएँ भेज सकते हैं।
  8. रचना editor@sahityavimarsh.in पर भेजने की कृपा करें
  9. अधिक जानकारी के लिए आप editor@sahityvimarsh.in पर संपर्क कर सकते हैं
  10. रचना 30 सितंबर 2022 तक भेजी जा सकती हैं।
आपकी रचनाओं की प्रतीक्षा रहेगी।
साहित्य विमर्श प्रकाशन के विषय में अधिक जानकारी आप निम्न लिंक पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं:

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहत हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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0 Comments on “साहित्य विमर्श प्रकाशन रचनाएँ आमंत्रित करता है”

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-7-22}
    को बादलों कीआँख-मिचौली"(चर्चा अंक 4493)
    पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
    ————
    कामिनी सिन्हा

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