आजकल महीने में पढ़ी गई रचनाओं के विषय में लिखना बंद सा हो गया था। अब फिर से शुरू करने का मन है। वैसे भी बिना किताबों की बात किए मेरा खाना भी तो नहीं पचता है। हा हा… तो चलिए आपको बताता हूँ कि अप्रैल-मई 2024 में क्या क्या पढ़ना हुआ है?
अप्रैल
अप्रैल की बात की जाए तो मैंने अप्रेल के महीने में कॉमिक बुक्स ही अधिक पढ़ी थी। इसके पीछे के कारण भी था। अप्रेल में मैं ब्लॉगचैटर की A 2 Z में भाग ले रहा था जिसमें भाग लेने वाले व्यक्ति को अप्रैल में 26 पोस्ट्स लिखनी पड़ती है। यह पोस्ट किसी एक थीम पर आधारित हो सकता है या फिर किसी भी विषय पर हो सकता है। मेरा इस साल का टॉपिक कॉमिक बुक्स थी जिसमें मैंने कॉमिक बुक्स से जुड़े अपने संस्मरण, कॉमिक बुक्स पर आधारित लेख और कॉमिक बुक्स के रिव्यू लिखने की सोची थी। यही चीज इस बार मैंने किया। यही कारण था कि पढ़ने के लिहाज से देखें तो कॉमिक बुक्स अधिक ही थी।
अप्रेल में पढ़ी रचनाओं की संख्या की बात की जाए तो अप्रेल में 15 रचनाएँ पढ़ीं। इन रचनाओं में बारह कॉमिक बुक्स थीं, दो उपन्यास थे और एक लेख संग्रह था। भाषा की बात की जाए तो एक रचना अंग्रेजी की थी और बाकी रचनाएँ हिंदी की ही थीं।
रचनाओं की बात की जाए तो अप्रैल माह में जो रचनाएँ पढ़ीं वो निम्न थीं:
Old Roads, New Roads
‘ओल्ड रोड्स न्यू रोड्स’ रस्किन बॉन्ड के लेखों का संग्रह है। रस्किन अपनी सहज सरल भाषा के लिए जाने जाते हैं। सरलता से वो अपनी बात इस तरह से कह देते हैं कि वह आपके ऊपर एक छाप सी छोड़ जाती है। इन लेखों में भी यह दिखता है। अलग अलग समय के दौरान लिखे गए लेखों में न केवल यात्रा से जुड़ी चीजों के विषय में आप जानते हैं बल्कि साथ साथ आप उस समय के टुकड़े को भी महसूस कर लेते हैं। फिर चाहे वह उस वक्त की दिल्ली हो, या टैक्सी में की गई छोटे कस्बे की यात्रा या फिर वर्षों पहले स्कूल से भागकर की गई उनकी यात्रा। अगर आपको रस्किन बॉन्ड की लेखनी पसंद आती है तो यह भी पसंद आएगी।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
विचित्र परख
प्रतिलिपि में कहानियाँ ही नहीं कॉमिक बुक्स भी मौजूद हैं। विचित्र परख तुलसी कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित ऐसा कॉमिक बुक जो प्रतिलिपि पर पढ़ने का मौका लगा। कॉमिक बुक की कहानी विजय कुमार वत्स द्वारा लिखी गयी है।
देवल राजा के राजा महीपत अपनी जुड़वा बेटियों के लिए योग्य वर ढूँढने के लिए क्या शर्त रखते हैं और यह शर्त जिस तरह पूरी होती है वही यह कॉमिक बुक बनती है। कॉमिक बुक मुझे पठनीय लगी और एक बार पढ़ी जा सकती है। इक्का दुक्का कमजोरी थी कथानक में लेकिन मुझे लगता है कि इसे नजरंदाज किया जा सकता है।
पुस्तक लिंक: प्रतिलिपि | विस्तृत समीक्षा: विचित्र परख
दिवाली की रात
‘दीवाली की रात’ लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक की लिखी अपराध कथा है। यह सुनील शृंखला की पुस्तक है जिसमें दीवाली की रात को सुनील जिस व्यक्ति को खोज रहा होता है वो व्यक्ति उसके घर में मरा पड़ा मिलता है। कत्ल किसने किया ये अब सुनील को खोजना है। यह एक रोमांचक उपन्यास है जो प्रथम बार 1989 में प्रकाशित हुआ था और अब साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा इसे पुनः प्रकाशित किया गया है। इधर कत्ल का अपराध तो होता ही है साथ ही विदेशी जासूसों और उनके मनसूबों से भी सुनील दो चार होते दिखता है। यह बात उपन्यास में एक और पहलू जोड़कर उपन्यास को और अधिक मनोरंजक बना देती है। कहानी में मौजूद कुछ पात्र हास्य भी लेकर आते हैं जिनके साथ सुनील की बातचीत पढ़कर मजा आ जाता है। कुल मिलाकर यह एक पठनीय उपन्यास है जिसे आपने अभी तक नहीं पढ़ा तो एक बार इसे पढ़कर आपको जरूर देखना चाहिए।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श प्रकाशन
हंटर शार्क फोर्स
हंटर शार्क फोर्स एक ऐसी सीरीज रही है जिसकी तारीफ मैंने गाहे बगाहे कॉमिक बुक प्रशंसकों से सुनता आया हूँ।
हंटर शार्क फोर्स इस शृंखला की पहली कॉमिक है। इस कॉमिक बुक में हमें पता लगता है कि हंटर शार्क फोर्स क्या है? इस फोर्स के सदस्य कौन कौन हैं और इस फोर्स का निर्माण कैसे हुआ?
कॉमिक बुक को एक बार पढ़ा जा सकता है। हंटर शार्क फोर्स और माताहारी का यह पहला कारनामा बहुत अच्छा नहीं है तो बहुत बुरा भी नहीं है। एक बार पढ़ सकते हैं। हाँ, अगर संयोग कम होते और खलनायक थोड़ा और बेहतर होते तो कॉमिक बुक और अच्छा बन सकता था। फिर भी यह एक नए तरह के नायकों से आपका परिचय करवाता है। यह टास्क फोर्स आगे जाकर क्या करती है यह देखने की मुझे इच्छा है। देखना है कि लेखक इनसे आगे क्या क्या करवाया है।
विस्तृत टिप्पणी: हंटर शार्क फोर्स
कालध्वनि
कालध्वनि’ राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित विशेषांक है। यह सन 2000 में पहली दफा प्रकाशित की गयी थी।
यह एक एक्शन से भरपूर कॉमिक बुक है जहाँ तीसरे पृष्ठ से ही एक्शन शुरू हो जाता है और अंत तक बना रहता है। कम ही पृष्ठ ऐसे हैं जहाँ कुछ न कुछ एक्शन हो रहा है। ऐसे में एक्शन पसंद करने वाले पाठकों का यह भरपूर मनोरंजन करने में सफल होगा।
एक्शन के साथ साथ भावनात्वक पहलू भी इस कॉमिक बुक में दिखने को मिलता है। नताशा के लिए ध्रुव के मन में कैसे भाव हैं यह देखना भी रोचक रहता है।
अंत में यही कहूँगा कि ‘कालध्वनि’ एक एक्शन से भरपूर कथानक है। ध्रुव के सामने लगातार आती मुश्किलें कथानक में रोमांच की कमी नहीं होने देती हैं। अगर नहीं पढ़ा है तो पढ़ कर देख सकते हैं आप। मुझे उम्मीद है जितना इसने मेरा मनोरंजन किया उतना ही आपका भी करेगी।
विस्तृत टिप्पणी: कालध्वनि | पुस्तक लिंक: अमेज़न
चीख डोगा चीख
‘चीख डोगा चीख’ राज कॉमिक्स द्वारा 1996 में प्रकाशित की गयी थी। कॉमिक बुक की बात करें तो इस कॉमिक बुक में कुछ ट्रैक एक साथ चल रहे होते हैं। जहाँ एक तरफ एक ऐसा व्यक्ति है जो गली के कुत्तों को मार रहा है तो वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा चोर है जो कुत्ते का मास्क लगाकर चोरी कर रही है। तीसरी तरफ रंगा और उसकी गैंग है। फिर कॉमिक बुक में हम मोनिका को लोमड़ी बन डोगा की पहचान जानने की कोशिश करते भी देखते हैं। यह सब लोग किस तरह से इस कथानक में गूँथे गए है यह देखना रोचक रहता है।
कहानी तेज रफ्तार है जो कि आपको बाँधकर रखती है। चूँकि यह दो भागों में विभाजित कहानी है तो इस भाग में भूमिका बांधने का कार्य बहुत अच्छे से हुआ है। यह कॉमिक पाठक का मनोरंजन करने में सफल होती है।
विस्तृत टिप्पणी: चीख डोगा चीख | पुस्तक लिंक: अमेज़न
लोमड़ी
राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित ‘लोमड़ी’ ‘चीख डोगा चीख’ का दूसरा भाग है। इसकी कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ पर ‘चीख डोगा चीख’ की कहानी खत्म होती है।
कॉमिक के विषय में यही कहूँगा कि ‘चीख डोगा चीख’ में जो अपेक्षाएँ जगी थी वह लोमड़ी में पूरी नहीं हुई। कॉमिक बुक पठनीय जरूर है लेकिन जितना बेहतर यह हो सकती थी उतना यह नहीं बन पायी है। अभी यह औसत के करीब ही रहा है जिसने पाठक के तौर पर निराश ही किया है।
विस्तृत टिप्पणी: लोमड़ी | पुस्तक लिंक: अमेज़न
ओडायन: आरंभम
ओडायान को आप जब पहली दफा उठाते हो तो सबसे पहले जो चीज आपको आकर्षित करती है वह है इसका चित्रांकन और रंग संयोजन। यह दीपक शर्मा द्वारा किया गया और इसके लिए वो तारीफ के पात्र हैं। अक्सर कॉमिक बुक की बात आती है तो वो या तो ब्लैक एंड व्हाइट होते हैं या फिर रंगीन लेकिन ओडायन ऐसा नहीं है। यह कॉम्बीनेशन का प्रयोग किया गया है।
कहानी की बात की जाए तो ओडायन की कहानी भार्गवक्षेत्रम नामक जगह में बसाई गयी है। यह भार्गवक्षेत्रम आज का केरल है और यहाँ की संस्कृति कॉमिक बुक में दिखती है।
कहानी के केंद्र में ओडायन है। यह एक रहस्यमय किरदार है जो कि राजा के खिलाफ खड़ा है। वह जीतने के लिए कोई भी हथकंडे अपनाने को तैयार है। वह अच्छा है या बुरा ये पता करना इस अंक में मुश्किल होता है। जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है वैसे वैसे ओडायन के विषय में अधिक जानकारी तो मिलती ही है लेकिन साथ में राजा और उसके साथियो के विषय में भी पता लगता है।
अंत में यही कहूँगा कि ओडायन एक एक्शन से भरा कॉमिक बुक है जो कि अंत तक आपको बाँध कर रखता है। यह आपका मनोरंजन करने में सफल तो होता ही है साथ में अगले भाग के लिए भी उत्सुकता आपके मन में जगाता है। अगर नहीं पढ़ा है तो आपको इसे पढ़कर देखना चाहिए।
विस्तृत टिप्पणी: ओडायन | पुस्तक लिंक: अमेज़न
प्रलयंकारी मणि
‘प्रलयंकारी मणि’ राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है जो कि 1986 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ था। अमेज़न पर जब मैंने यह कॉमिक बुक देखा तो इसके कवर पर लिखे नागराज और कवर पर बने नागराज के हाथों से निकलते सांपों को देखकर लगा था कि यह नागराज का कॉमिक बुक होगा। यह मुगालता इसलिए भी हुआ क्योंकि राज कॉमिक की पुरानी साइट में भी यह कॉमिक बुक नागराज की कॉमिक बुक के अंदर सूचीबद्ध है। पर असल में ऐसा नहीं है।
प्रस्तुत कॉमिक बुक गोगा और टॉम नामक दो चोरों की कहानी है। यह दोनों चोर किस तरह परिस्थितिवश नागद्वीप पहुँचते हैं और वहाँ पहुँचकर जो कुछ करते हैं वही कहानी बनती है।
यह एक सीधा सादा कथानक वाला कॉमिक बुक है जो कि अगले कॉमिक बुक शंकर शहंशाह के लिए भूमिका बनाती है। नागराज के कॉमिक बुक में विसर्पी आगे जाकर एक महत्वपूर्ण किरदार हो गई थी। उसके परिवार के साथ क्या हुआ यह जानने के लिये यह कॉमिक बुक एक बार पढ़ी जा सकती है।
विस्तृत टिप्पणी: प्रलयंकारी मणि | पुस्तक लिंक: अमेज़न
ड्रैक्युला: रक्तिमभूमि
‘ड्रैक्युला: रक्तिमभूमि’ बुल्सआय प्रेस द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। ड्रैक्युला ब्राम स्टॉकर का एक ऐसा किरदार है जिसने लोकप्रियता के कई पायदान पार कर लिये हैं। इस बार लेखक सुदीप मेनन द्वारा ड्रैक्युला को भारतीय इतिहास की एक घटना में फिट करके इस बात की कल्पना की है कि अगर उस घटना में ड्रैक्युला का हस्तक्षेप होता तो क्या होता?
कथानक रोचक है और आपको बाँधकर रखता है।
यह एक पठनीय कॉमिक बुक है जो कि मनोरंजन करने में सफल होता है। कथानक में किया गया प्रयोग सफल होता है और उच्च कोटि का आर्टवर्क इसे पढ़ने के अनुभव को बढ़ा देता है। अगर नहीं पढ़ा है तो आप इसे पढ़कर देख सकते हैं।
विस्तृत टिप्पणी: ड्रैक्युला: रक्तिमभूमि
शंकर शहंशाह
‘शंकर शहंशाह’ राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। यह कॉमिक बुक 1986 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ था। यह कॉमिक बुक प्रलंयकारी मणि का दूसरा भाग है।
कॉमिक बुक की शुरुआत शंकर शहंशाह द्वारा एक सफल स्नेक शो के आयोजन से होती है। नागराज इधर आता है और शंकर द्वारा थाम लिया जाता है। इसके बाद जो होता है वही कथानक बनता है।
कॉमिक बुक एक बार पढ़ा जा सकता है।
विस्तृत टिप्पणी: शंकर शहनशाह
तालाब में लाश
‘तालाब में लाश’ जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा का उपन्यास है जो कि नीलम जासूस कार्यालय द्वारा पुनः प्रकाशित किया गया है।
उपन्यास के केंद्र में सुबोध नामक व्यक्ति है। कहानी की शुरुआत एक क्लब से होती है जहाँ पर सुबोध राजेश और तारा के साथ मौजूद है। वहाँ पर ऐसा कुछ हो जाता है जिसके कारण सुबोध अपने जीवन के उस अध्याय के विषय में राजेश और तारा को बताने के लिए मजबूर हो जाता है जिसके चलते उसे मजिस्ट्रेट की नौकरी से इस्तीफा देना पड़ा था।
उपन्यास के माध्यम से लेखक यह दर्शाने की कोशिश करते हैं कि कैसे समाज में लड़कियों को उनके माँ बाप बोझ सरीखा समझते हैं और इसके चलते क्या क्या परेशानियाँ लड़कियों को उठानी पड़ती है।
अंत में यही कहूँगा कि अगर आप रहस्यकथाओं के शौकीन हैं तो यह आपको थोड़ा निराश कर सकता है। लेखक ने इधर रहस्य के बजाय मानवीय मन की पड़ताल पर ध्यान केंद्रित किया है। वह सुबोध, नर्मदा और छाया नामक किरदारों के माध्यम से यह कार्य करते हैं।
विस्तृत टिप्पणी: तालाब में लाश | पुस्तक लिंक: अमेज़न
एक्स फाइल
‘X-फाइल’ राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित तिरंगा का कॉमिक बुक है। कॉमिक बुक 1998 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ था। कॉमिक बुक एक दो भाग में विभाजित कहानी का पहला भाग है।
कॉमिक बुक की कहानी ठीक ठाक है। x कौन है यह आप जानना चाहते हैं। वहीं तिरंगा को कैसे पता लगता है कि अगला बम कहाँ है ये भी आप देखना चाहते हैं।
कॉमिक बुक एक बार पढ़ सकते हैं। यह कोई बहुत अच्छा कॉमिक नहीं है लेकिन बहुत बुरा भी नहीं है। चूँकि तिरंगा एक ऐसा हीरो है जो कि जासूस की तरह कार्य करता है तो उसकी कहानी में इतने सारे संयोगों का होना खलता है। अगर बिना संयोगो के कहानी आगे बढ़ाई जाती तो बेहतर हो सकता था।
विस्तृत टिप्पणी: एक्स फाइल | पुस्तक लिंक: अमेज़न
यज्ञा: मौत का सौदागर
‘यज्ञा: मौत का सौदागर’ यज्ञा शृंखला का तीसरा कॉमिक बुक है। जहाँ पहले दो कॉमिक बुक्स (यज्ञा: लाइट कैमरा कॉमिक्स, यज्ञा: ब्लड बाथ) की पृष्ठ भूमि गोवा थी वहीं ‘यज्ञा: मौत का सौदागर’ का घटनाक्रम सपनों की नगरी मुंबई में घटित होता दिखता है। प्रस्तुत कॉमिक बुक में तीन दिन और चार रातों की कहानी बताई गई है।
चूँकि यह यज्ञा का कॉमिक बुक है तो इधर कोई पारलौकिक ताकत का होना लाजमी है और इधर राक्षसों की एक विशेष जाति निवातकवाचा से यज्ञा दो चार होते हुए दिखती है। यह निवातकवाचा कौन है और यज्ञा इनके मामले से कैसे जुड़ती है यह तो कॉमिक बुक पढ़कर जानेंगे तो बेहतर होगा।
एक रोचक कॉमिक बुक है। अत्यधिक संयोगों के चलते कहानी थोड़ी कमजोर हो गई है लेकिन कहानी में मौजूद एक्शन इस कमी को कुछ हद तक दूर कर देता है।
कॉमिक बुक का अंत जिस तरह से हुआ है वह आपको अगला भाग पढ़ने के प्रति प्रेरित अवश्य करेगा।
विस्तृत टिप्पणी: यज्ञा: मौत का सौदागर | पुस्तक लिंक: बुल्सआय
यज्ञा: द फालन वन
यज्ञा: द फालन वन में यज्ञा आर्यक नाम के दैवीय योद्धा से दो चार होती दिखती है। यह आर्यक कौन हैं? यज्ञा इससे कैसे निपटती है और उसकी मदद के लिए कहानी में बुल्सआय प्रकाशन के कौन से किरदार आते हैं यह देखना रोचक रहता है। कहानी एक्शन से भरपूर है। बस मुझे यह बात खली कि कॉमिक बुक की प्रूफरीडिंग ढंग से नहीं की गयी है। इस तरह प्रकाशन को ध्यान देना चाहिए।
पुस्तक लिंक: बुल्स आय
जीरो जी
‘जीरो जी’ 1999 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ राज कॉमिक्स का विशेषांक है। इस कॉमिक बुक में आपको राज कॉमिक्स के दो सुपर हीरोज परमाणु और शक्ति खलनायक जीरो जी से दो चार होते दिखते हैं।
जीरो जी (यानी शायद जीरो ग्रैविटी) के पास एक हथियार है जिससे वह किसी भी जगह के गुरुत्वाकर्षण को कम ज्यादा करके वहाँ तबाही मचाने की पूरी कुवव्त रखता है। प्रस्तुत कॉमिक में आप उसे दिल्ली में तबाही मचाते और परमाणु और शक्ति को उससे झूझते हुए नाकों चने चबाते देखते हैं।
यह एक एक्शन से भरपूर कॉमिक बुक है। अगर आपको ऐसे कॉमिक बुक पसंद हैं जिसमें एक्शन अधिक होता है तो यह आपको पसंद आएगा। अपनी बात करूँ तो मेरे लिए यह मनोरंजक कॉमिक बुक था।
विस्तृत टिप्पणी: जीरो जी | पुस्तक लिंक: अमेज़न
मई
मई के माह की बात की जाए तो इस माह में चार ही रचनाओं को पढ़ना हो पाया। इन रचनाओं में एक कॉमिक बुक, दो बाल उपन्यास और एक अपराध साहित्य था। भाषा की बात की जाए तो एक रचना अंग्रेजी की थी और बाकी की रचनाएँ हिंदी की थीं।
यह रचनाएँ थीं:
आर डी एक्स
‘आर डी एक्स’ राज कॉमिक्स द्वार प्रकाशित तिरंगा का कॉमिक बुक है। ‘आर डी एक्स’ तिरंगा के कॉमिक्स ‘एक्स फाइल’ एक दूसरा भाग है। कॉमिक बुक 1998 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ था। यह कॉमिक मूल रूप से अंग्रेजी फिल्म फेसऑफ से प्रेरित है और इस चीज का जिक्र ‘एक्स-फाइल’ में ही हो जाता है।
कहानी में एक तरफ हम ये देखते हैं कि एक्स बना तिरंगा किस तरह से जानकारी निकलवाता है वहीं दूसरी तरफ एक्स को भी कोमा से उठते देखते हैं। कोमा से उठने के वो क्या करता है और किस तरह से वो तिरंगा के काम में रोड़ा डालता है ये देखना रोचक रहता है।
कहानी सीधी सादी है। यह एक एक्शन कॉमिक है जिसमें अधिक ट्विस्ट नहीं हैं। कॉमिक बुक का अंत रोचक है और आगे जाकर तिरंगा का क्या होगा ये सोचने पर मजबूर कर देता है।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत टिप्पणी: आर डी एक्स
कौतुक ऐप
कौतुक ऐप’ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा प्रकाशित सूर्यनाथ सिंह का लिखा बाल उपन्यास है। उपन्यास का प्रथम संस्करण 2021 में आया था। उपन्यास को वर्ष 2023 का साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
प्रस्तुत उपन्यास के माध्यम से लेखक मौजूदा समाज पर टिप्पणी करते दिखते हैं। तकनीक किस तरह परिवारों पर असर डाल रहा है यह वह दर्शाते हैं और कैसे हम तकनीक पर पूरी तरह निर्भर हो चुके हैं इसको भी दर्शाते हैं। उपन्यास की लेखन शैली सहज और सरल है। नौ अध्यायों में यह उपन्यास विभाजित है और प्रत्येक अध्याय छोटे छोटे उपाध्यायों में विभाजित है। इस कारण इसे पढ़ना आसान हो जाता है।
अंत में यही कहूँगा कि कौतुक ऐप एक पठनीय बाल उपन्यास है जिसे एक बार पढ़कर देखा जा सकता है।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | राष्ट्रीय पुस्तक न्यास | विस्तृत टिप्पणी: कौतुक एप
पारस पत्थर
‘पारस पत्थर’ उषा यादव का लिखा उपन्यास है जो कि सी बी टी प्रकाशन द्वारा प्रथम बार 1990 में प्रकाशित हुआ था।
उषा यादव का बाल उपन्यास पारस पत्थर एक पंद्रह वर्षीय किशोर रवि और उसके गुरुजी देवकांत की कहानी आपको बताता है।
एक गुरु किस तरह से एक उद्दंड और बिगड़ैल किशोर को एक संवेदनशील मनुष्य में बदल देते हैं यह इस उपन्यास को पढ़कर देखा जा सकता है।
मैं तो यही कहूँगा कि अगर आपने इस उपन्यास को नहीं पढ़ा तो आपको इसे पढ़कर देखना चाहिए। भले ही यह प्रथम बार 1990 में प्रकाशित हुआ था फिर भी यह आज भी प्रासंगिक है। वयस्क और किशोरों दोनों तरह के पाठकों के पढ़ने के लिए यह उपन्यास उपयुक्त है।
पुस्तक लिंक: अमेज़न | विस्तृत टिप्पणी: पारस पत्थर
Help I’m Being Held Prisoner
हेल्प आई एम बींग हेल्ड प्रिजनर डोनाल्ड ई वेस्ट लेक का लिखा उपन्यास है जो कि तीस वर्षों बाद हार्ड केस क्राइम द्वारा पुनः प्रकाशित किया गया है। उपन्यास के केंद्र में हारोल्ड कूंट नामक व्यक्ति है जिसे लोगों पर प्रैक्टिकल जोक खेलना पसंद है और उसी के कारण उसे दो साल की सजा हुई है। जेल में उसके साथ क्या होता है? वह किस तरह जेल में समय गुजारता है? कैसे वह डकैतों के समूह में शामिल हो जाता है? कैसे इन लोगों को डकैती डालने की कोशिश करने से रोकता है? और इसमें सफल हो पाता है या नहीं? ये सब उपन्यास का कथानक बनता है। लेखक अपने हास्य कथानकों के लिए जाने जाते हैं और यहाँ भी उसकी झलक मिलती है। उपन्यास के कुछ हिस्से ऐसे हैं जो कि मूल कथानक से भटकते हुए लगते हैं या ऐसा लगते हैं कि वो क्यों हैं लेकिन उनका अपना एक महत्व है। परंतु जब भी ऐसे हिस्से आते हैं तब आप यही सोचते हो कि यह यहाँ क्यों हैं। उपन्यास एक बार पढ़ा जा सकता है।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
तो यह थी वह रचनाएँ जो अप्रैल और मई के माह में पढ़ी गयीं। जून आज खत्म हो रहा है तो जल्द ही जून में पढ़ी गयी रचनाओं की सूची भी लेकर आपके समक्ष हाजिर होऊँगा।
आजकल मैं राज भारती का उपन्यास ‘चुड़ैल’ पढ़ रहा हूँ। हिंदी में हॉरर साहित्य लिखने वाले कम ही लेखक हुए हैं। इनमें राजभारती सबसे आगे रहे हैं। ऐसे में गाहे बगाहे उनकी रचना देख लेता हूँ।
आप लोगों अभी फिलहाल क्या पढ़ रहे हैं? बताइएगा।
It’s lovely and kind of nostalgic to see so many comics in your posts. Aur Super Commando Dhruv ki comics 2000 mein bhi publish hoti hain. Seems like ages when I used to read them. He was my favourite.
It may sound weird but I don’t really enjoy reading Ruskin Bond. I bought a collection of his stories for my son though.
Yeah, the comics are still coming. Actually you can get it from First Cry website at a good discount.
It seems you are one of the few who don’t enjoy his writings. Any particular reason though? I think your son would love Ruskin.
I don’t know, I just don’t connect with his writing style. And for me, writing style is the most important thing.
Yes, he loves reading books/stories. Particularly illustrated ones. Even I love illustrations. So I have bought an illustrated book. :))
Oh…Cool… His writing is sparse and i enjoy that style. I now wonder how do you feel about R K Narayan or Hemingway. They too have a very sparse writing style. Have you read them???
It’s great to hear that your kid loves books. At that age children love illustrations. Children book trust has some very good books. If you get to visit book fair next year then do visit theirs and NBT’s stalls. You’ll find a lot of books to there. I usually buy a lot of stuff from there.