फरवरी 2022 बीते हुए काफी दिन गुजर गए और इस माह में पढ़ने लिखने का लेखा जोखा हो ही नहीं पाया। खैर, अब जाकर वक्त लगा है तो इस पर बात करते हैं। फरवरी में कुछ व्यक्तिगत चीजें ऐसी हो गई थी कि आखिरी के एक हफ्ते पढ़ने का ज्यादा वक्त नहीं लगा और इस कारण पढ़ी गई रचनाओं में काफी गिरावट हुई। संख्या के लिहाज से देखा जाए तो इस माह भी दस रचनाएँ मैंने पढ़ी हैं लेकिन चूँकि इस माह केवल चार उपन्यास ही पढ़ने तो औसत पढ़ने की तुलना में यह पढ़ना कम ही हुआ। वैसे भी इन चार उपन्यासों में से दो तो ऐसे थे जिनमें 150 से कम ही पृष्ठ थे। खैर, कम ज्यादा तो लगा ही रहता है।
अगर संख्या के हिसाब से देखा जाए तो फरवरी 2022 में चार कॉमिक बुक्स, चार उपन्यास और दो उपन्यासिकाएँ मैंने पढ़ीं। इनमें से हिंदी की रचनाएँ 8 थीं और 2 रचनाएँ अंग्रेजी की थी। अगर विधाओं की बात करूँ तो वैसे तो ज्यादातर रचनाएँ अपराध साहित्य की थी लेकिन दो रचनाएँ फंतासी भी थीं। कॉमिक बुक्स की बात करूँ तो चारों कॉमिक्स ई बुक के रूप में ही पढ़ीं। इन चार कॉमिक बुकों में तीन राज कॉमिक्स के थे और एक तुलसी कॉमिक्स की थी।
तो ज्यादा देर न करते हुए देखते हैं यह सभी रचनाएँ कौन थी थीं?
जो होगा देखा जाएगा
जो होगा देखा जाएगा परमाणु की परमात्मा शृंखला का दूसरा कॉमिक बुक है। यह कॉमिक बुक कथानक के प्रति उत्सुकता जगाने का कार्य बाखूबी करता है। कई ऐसे सवाल ये छोड़ जाता है जिनके उत्तर अगले भाग में आप जानना चाहेंगे।
कॉमिक बुक के प्रति मेरी विस्तृत राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
जो होगा देखा जाएगा- समीक्षा
पुस्तक लिंक: अमेज़न
टॉप ऑफ द हीप
टॉप ऑफ द हीप एर्ल स्टेनली गार्डनर की कूल एंड लैम शृंखला का उपन्यास है। उपन्यास पठनीय है और अंत तक इसकी रोचकता बरकरार रहती है। डोनाल्ड लैम और बर्था कूल के बीच का समीकरण मुझे पसंद आया। उनकी नौक झोंक इस शृंखला के उपन्यासों की यूएसपी रहती है और इसमें भी यह देखने को मिलता है। हाँ, बर्था को मैंने अपनी बॉस के रूप में कभी नहीं चाहूँगा।
अगर नहीं पढ़ा है तो आपको इसे एक बार पढ़कर देखना चाहिए।
पुस्तक लिंक: अमेज़न
तीजा
तीजा संजय काले की एक लंबी कहानी है। यह एक रहस्यकथा है जो कि आपको बांधकर रखने में सक्षम रहती है। हाँ, पुस्तक की वर्तनी की गलतियाँ खटकती जरूर हैं लेकिन अगर उसे नजरंदाज कर दें तो कथानक मुझे पसंद आया। अगर नहीं पढ़ा है तो एक बार इस कहानी को पढ़कर देख सकते हैं।
रहस्यकथा के ऊपर मेरे विस्तृत विचार
काँच के कातिल
काँच के कातिल तुलसी कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक बुक है। इसका कथानक तरुण कुमार वाही द्वारा लिखा गया है। यह एक सीधी सादे कथानक वाली औसत कॉमिक है।
कॉमिक बुक के प्रति मेरी विस्तृत राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
काँच के कातिल – समीक्षा
पुस्तक लिंक: प्रतिलिपि
एन एक्स थ्रू बोन
एन एक्स थ्रू बोन लेखक ब्रायन पेडास और ब्रेन्डन मेयर्स की लिखी उपन्यासिका है। यह एक फंतासी कहानी है। रॉब की पत्नी को गुजरे हुए तीन साल हो चुके हैं और वह उसे भुला नहीं पाया है। वह अपनी ज़िंदगी जैसे तैसे जी रहा है। उसके दिनों में खुशी का पल केवल वही होता है जब वो हॉवर्ड के घर काम पर होता है। उस घर में कुछ ऐसा जिसने उम्मीद जगाई है कि वह अपनी पत्नी को पा सकता है। ऐसा क्या है? और क्या रॉब अपनी पत्नी को पा पाया?
फंतासी कहानियाँ मुझे पसंद तो हैं लेकिन उनमें दिक्कत ये है कि वो शृंखलाओं में ही आती हैं। ऐसे में एकल फंतासी कहानियाँ पढ़ना रोचक रहता है। यह भी एक रोचक कहानी है। रॉब जिस दुनिया में इस कहानी में जाता है वह दुनिया मुझे पसंद आई और उसमें मैं जरूर जाना चाहूँगा। उपन्यासिका एक बार पढ़ सकते हैं।
अब क्या करेगा परमाणु?
अब क्या करेगा परमाणु परमाणु की परमात्मा शृंखला का तीसरा कॉमिक बुक है। परमाणु के मृत्यु योग की भविष्यवाणी जब त्रिकाली द्वारा कर दी जाती है तो उसके जीवन में क्या उथल पुथल मचती है यही इस कॉमिक का कथानक बनता है। यह कॉमिक भी शृंखला की मुख्य कहानी की भूमिका सा प्रतीत होती है।
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पराई आग
पराई आग लेखक राजभारती की इन्द्रजीत शृंखला का उपन्यास है। उपन्यास तुलसी पेपर बुक्स द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह एक ऐसा उपन्यास है जिसे लेखक राजभारती स्टंट थ्रिलर कहा करते थे। इन्द्रजीत एक अपराधी है जो संगठित अपराध करने वाली गैंग्स की खिलाफ भी लड़ता है। प्रस्तुत उपन्यास में इन्द्रजीत आतंकवादियों से दो-दो हाथ करता दिखता है। विस्तृत फलक पर लिखे गए इस उपन्यास का घटनाक्रम कई देशों जैसे भारत, बांग्लादेश, अमेरिका और मेक्सिको में घटित होता है। उपन्यास पठनीय है और मुझे पसंद आया।
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा
परमात्मा
परमात्मा परमाणु की परमात्मा शृंखला का चौथा कॉमिक बुक है। यह इस शृंखला का आखिरी कॉमिक बुक है और इस कारण इसमें पिछले सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश की गई है। सारे जवाब तो लेखक देने में सफल होते हैं लेकिन कथानक जल्दबाजी में खत्म किया गया लगता है। वहीं जिस तरह से चीजों का पता लगता है वह कमजोर लगता है। लेखक बेहतर तरीके से रहस्यों को खोल सकते थे।
कॉमिक बुक के बार पढ़ा जा सकता है लेकिन थोड़े और पृष्ठ लगाकर कथानक और बेहतर हो सकता था।
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रक्षपुत्र
अनुराग कुमार सिंह कॉमिक बुक्स में काफी समय से सक्रिय हैं। कई कॉमिक बुक्स के लिए लेखन उन्होंने किया है। सुपरहीरो विधा में हिंदी में इतना कार्य नहीं किया गया है लेकिन अनुराग इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। रक्षपुत्र उनका तीसरा उपन्यास जो कि इसी विधा में लिखा गया है।
यह कहानी है रक्षपुत्र की, करुओं की, हुमायू योद्धाओं की और एक ऐसी भविष्यवाणी की जो कि रक्षपुत्र के बारे में की गई थी। उपन्यास एक नई शृंखला का आगाज करता है जो कि उसी दुनिया में बसाया गया जिसमें लेखक ने अपना पहला उपन्यास मुखौटे का रहस्य बसाया था।
उपन्यास मुझे रोचक लगा और इसके दूसरे भाग का इंतजार रहेगा। उसी में कहानी खत्म होगी।
उपन्यास की विस्तृत समीक्षा:
नूरजहाँ का नेकलैस
नूरजहाँ का नेकलैस जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा द्वारा लिखा गया उपन्यास है। यह जगत शृंखला का पहला उपन्यास है। उपन्यास पठनीय है और एक बार पढ़ा जा सकता है। जगत, अंचला, राजेश, माधव के किरदार मुझे पसंद आए। अंचला के किरदार को लेकर एक विस्तृत उपन्यास पढ़ने की इच्छा जहाँ मन में जगी वहीं बाकी के तीनों किरदारों को लेकर लिखे गए अन्य उपन्यासों को पढ़ने की इच्छा भी मन में उत्पन्न हुई। इन उपन्यासों को जरूर पढ़ना चाहूँगा।
अगर आपने इस उपन्यास को नहीं पढ़ा है और धीमे कथानक पढ़ने से आपको कोई गुरेज नहीं है तो आपको इसे पढ़ना चाहिए। उपन्यास आपको पसंद आएगा।
उपन्यास के प्रति मेरे विस्तृत विचार निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
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तो यह था फरवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाओं का लेखा जोखा। आपने फरवरी में क्या पढ़ा? आपको किस तरह की रचनाएँ (हॉरर, फंतासी, मिस्ट्री, ऐतिहासिक, गंभीर, सामाजिक) पसंद हैं? क्या अपनी पसंदीदा विधाओं से अलग आप पढ़ते हैं? ऐसी कौन सी रचना आपने हाल फिलहाल में पढ़ी?
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