
संस्मरण पौड़ी के: ‘इसको तो खाना नहीं दूँगा’
बचपन में जब पॉपआई को पालक खाकर ब्लूटो को मारते हुए देखता तो मन में ये आता था कि पॉपआई पालक की जगह गोभी, मटर, या बैंगन खा लेता तो …
संस्मरण पौड़ी के: ‘इसको तो खाना नहीं दूँगा’ Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
बचपन में जब पॉपआई को पालक खाकर ब्लूटो को मारते हुए देखता तो मन में ये आता था कि पॉपआई पालक की जगह गोभी, मटर, या बैंगन खा लेता तो …
संस्मरण पौड़ी के: ‘इसको तो खाना नहीं दूँगा’ Read Moreयह कबकी बात है ये तो ठीक तरह से याद नहीं। मैं तो बब्बू भैया छोटे छोटे ही थे। मैं शायद चौथी पाँचवीं में रहा हूँ और भैया शायद दसवीं …
संस्मरण: प्याज की सब्जी और दो पपीते Read Moreभारत विवधताओं का देश है और यह चीज यहाँ रहने वाले लोगों के चेहरे मोहरे, भाषा-बोली, कपड़ों के साथ साथ खाने पीने पर भी लागू होती है। मैं मूलतः उत्तराखंड …
ये पहाड़ी खाना है मेरे दिल के करीब Read Moreमुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है चीजों का स्वादिष्ट होने के साथ साथ अच्छा दिखना भी जरूरी होता है। कई बार चीजें होती तो अच्छी हैं लेकिन वो दिखती ऐसी …
वो चीजें जिनकी शक्ल पसंद आने के कारण मैंने उन्हें काफी टाइम तक नहीं खाया Read Moreभारतीय घरों की बात की जाए तो खाने में रोटी का एक महत्वपूर्ण स्थान है। नाश्ता हो, दिन का खाना या फिर रात का खाना। अधिकतर घरों में रोटी बनने …
रोटी, पराठे और बचपन Read Moreकुछ देर के लिए फोन साइड में रखकर वह एक तरफ को बैठ गया। पर मन था कि फोन की तरफ ही लगातार जा रहा था। उसने अपना हाथ फोन …
बुक लवर | लघु-कथा | विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read Moreवेब कॉमिक्स उन कॉमिकों को कहा जाता है जो कि वेबसाईट या किसी एप पर प्रकाशित होती हैं। जहाँ कॉमिक बुक्स के प्रिन्ट संस्करण महँगे होते वहीं यह वेब कॉमिस …
BlogChatter A2Z 2024: W से वेब कॉमिक्स Read Moreबचपन से लेकर बड़े होने तक हमारे जीवन में कोई न कोई ऐसे चाचा मामा या ताऊ होते हैं जो कि हमारे काफी नजदीक होते हैं। यह एक ऐसे व्यक्ति …
Blogchatter A2Z 2024: U से अंकल कॉमिक बुक्स के Read Moreअगर कॉमिक बुक के स्वर्ण युग की बात की जाए तो यह 80 से 2000 तक का समय स्वर्ण युग की कहा जायेगा। यह वह वक्त था जब लगातार …
Blogchatter A2Z 2024: Q से Questions Read Moreभारतीय कॉमिक बुक के विषय में सोचें तो 90 के दशक के बच्चों के मन में कुछ ही नाम आते हैं। जहाँ तक मुझे लगता है इन नामों में …
नए प्रकाशक कॉमिक बुकों के Read More