अप्रैल 2025 में पढ़ी गयी और खरीदी हुई किताबें

अप्रैल में पढ़ी रचनाएँ और की गयी खरीद

माहवार पढ़ी गयी और खरीदी गयी किताबों के ऊपर पहले दो अलग अलग पोस्ट बनाता था। पर अब से सोचा है कि एक ही पोस्ट में ये कार्य कर दूँगा। अप्रैल 2025 में क्या पढ़ा और क्या खरीदा चलिए जानते हैं।

अप्रैल में पढ़ी रचनाएँ और की गयी खरीद Read More
अपडेट: शॉपिज़न की संवादरहित कहानी प्रतियोगिता में विजेता हुई 'चुप्पी'

अपडेट: शॉपिज़न की संवादरहित कहानी प्रतियोगिता में विजेता हुई ‘चुप्पी’

यहाँ अपडेट देने के मामले में मैं आलसी सा हूँ। चीजें हो जाती हैं लेकिन अब तब करके चीजें टालता रहता हूँ। चूँकि दिसंबर शुरू हो चुका है तो सोचा …

अपडेट: शॉपिज़न की संवादरहित कहानी प्रतियोगिता में विजेता हुई ‘चुप्पी’ Read More
दीवाली बुक हॉल

बुक हॉल: परिवार वाली दीवाली और दीवाली की खरीद

इस बार दीवाली बहुत अच्छी मनी। इसके दो कारण थे। पहला कारण तो ये ही कि घर वाले सब साथ थे और दूसरा कारण कि काफी किताबें भी संग्रह में जुड़ीं।

बुक हॉल: परिवार वाली दीवाली और दीवाली की खरीद Read More
वेद प्रकाश काम्बोज

वेद प्रकाश कांबोज: सहज, सरल और शालीन

लेखक वेद प्रकाश कांबोज लोकप्रिय साहित्य के मजबूत स्तम्भ थे। 6 नवंबर को उनका निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। अपने जीवन काल में उन्होंने 450 से ऊपर …

वेद प्रकाश कांबोज: सहज, सरल और शालीन Read More
मेरे पाँच पसंदीदा हिन्दी कॉमेडी धारावाहिक

मेरे पाँच पसंदीदा हिन्दी कॉमेडी धारावाहिक

मुझे हँसी मजाक बहुत पसंद है और इस कारण ऐसे धारावाहिक भी काफी पसंद आते हैं जिनमें भरपूर कॉमेडी होती है। कामकाज की थकान के बाद कुछ लम्हे फुरसत के मिले और उनमें आपको भरपूर हँसने का मौका मिल जाए तो पूरे दिन की थकान गायब हो जाती है।

मेरे पाँच पसंदीदा हिन्दी कॉमेडी धारावाहिक Read More
बारिश की कुछ स्मृतियाँ | लेख

बारिश के मौसम से जुड़ी कुछ स्मृतियाँ

बारिश का मौसम चल रहा है। जबसे वर्क फ्रॉम होम चल रहा है तब से बारिश में कहीं आना जाना रुक गया है। बारिश होती है तो अक्सर घर पर ही रहते हैं। पर बारिश थमने के बाद जब निकलते हैं तो गुरुग्राम में तो गलियों और सड़कों में भरा पानी आपका इंतजार करता ही दिखता है। वर्क फ्रॉम होम में इस गलियों में भरे पानी से बचना मुश्किल है। दुकान में रोजमर्रे के जीवन से जुड़ी चीजों को लाते समय सच में बारिश से कोफ्त होती है और कभी कभी लगता है कि बारिश के साथ जो रूमानियत या खूबसूरती जुड़ी है क्या वो यहाँ रहते हुए खो सी गयी है।

पर जब भी ऐसा सोचता हूँ तो यादों के पिटारे से बारिश से जुड़ी कुछ ऐसी स्मृतियाँ निकल आती हैं जो मुस्कुराने पर विवश कर देती हैं। ऐसी यादें जिनको जीकर ज़िंदगी की खूबसूरती बढ़ गयी थी।

बारिश के मौसम से जुड़ी कुछ स्मृतियाँ Read More
संस्मरण: इसको तो खाना नहीं दूँगा

संस्मरण पौड़ी के: ‘इसको तो खाना नहीं दूँगा’

बचपन में जब पॉपआई को पालक खाकर ब्लूटो को मारते हुए देखता तो मन में ये आता था कि पॉपआई पालक की जगह गोभी, मटर, या बैंगन खा लेता तो …

संस्मरण पौड़ी के: ‘इसको तो खाना नहीं दूँगा’ Read More
गाँव का घर.तस्वीर 2021 की है जब उधर जाना हुआ था

संस्मरण: प्याज की सब्जी और दो पपीते

यह कबकी बात है ये तो ठीक तरह से याद नहीं। मैं तो बब्बू भैया छोटे छोटे ही थे। मैं शायद चौथी पाँचवीं में रहा हूँ और भैया शायद दसवीं …

संस्मरण: प्याज की सब्जी और दो पपीते Read More
ये पहाड़ी खाना है मेरे दिल के करीब

ये पहाड़ी खाना है मेरे दिल के करीब

भारत विवधताओं का देश है और यह चीज यहाँ रहने वाले लोगों के चेहरे मोहरे, भाषा-बोली, कपड़ों के साथ साथ खाने पीने पर भी लागू होती है। मैं मूलतः उत्तराखंड …

ये पहाड़ी खाना है मेरे दिल के करीब Read More