मनुष्य से पहले: V से Vulcanodon

 

पिछली पोस्ट में मैंने आपको यूटारैप्टर के विषय में बताया है। आज मैं आपको वुलकानोडोन के विषय में बताऊँगा। तो ज्यादा वक्त न जाया करते हुए वुलकानोडोन (Vulcanodon) के विषय में जानते हैं।  

क्या हैं वुलकानोडोन (Vulcanodon)?

मनुष्य से पहले: V से Vulcanodon
वुलकानोडोन एक कलाकार की कल्पना में, स्रोत: विकिपीडिया

वुलकानोडोन (Vulcanodon) सॉरोपोड प्रजाति के जीव थे। यह सबसे शुरुआती सॉरोपोडों में से एक हैं।  अगर बाकी सॉरोपोडों से इनकी तुलना करें तो यह जीव काफी छोटे आकार थे। अन्य सॉरोपोड के समान ही यह जीव भी समूहों में रहा करते थे। 
यह जीव 36 फीट लंबा होता था और वजन की बात की जाए तो 36 फीट लंबा जीव 3.5 हजार किलो तक वजनी हो जाया करता था। इस प्रजाति के छोटे जीवों की बात की जाए तो वह 21 फीट तक रहा करते थे। यहाँ यह बात भी साफ करना जरूरी है कि वुलकानोडोन (Vulcanodon) के आकार के विषय में वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई ऊपरी जानकारी केवल एक अंदाजा भर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वैसे तो वुलकानोडोन (Vulcanodon) का काफी हिस्सा बरामद हो चुका है लेकिन आज भी इसकी गर्दन और खोपड़ी नहीं मिली है। 
वुलकानोडोन (Vulcanodon) चार पैरों में चलने वाले जीव थे जिसके आगे के पाँव पिछले के पाँव के मुकबाले 76 प्रतिशत लंबे हुआ करते थे। इस कारण वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि चलते हुए यह जीव आगे की तरफ थोड़ा झुके रहते थे। 
बच्चों की बात की जाए तो यह जीव अंडे दिया करते थे जिसके फूटने पर बच्चे निकला करते थे। 

कब और कहाँ पाये जाते हैं वुलकानोडोन (Vulcanodon)?

वुलकानोडोन आज से 19.9 करोड़ से 18.8 करोड़ साल पहले तक धरती पर पाये जाते थे। इस जीव की एकलौती प्रजाति का जीवाश्म आज के जिम्बाब्वे में पाया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह जीव दक्षिण अफ्रीका में पाये जाते थे। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि वुलकानोडोन रेगीस्तानी इलाकों में पाये जाते थे और पूरी तरह से जमीन में रहने वाले जीव थे। 

क्या खाते थे वुलकानोडोन (Vulcanodon)?

अन्य सॉरोपोड के जैसे ही वुलकानोडोन (Vulcanodon) भी शाकाहारी जीव होते थे जो कि पेड़ों के पत्ते और फ़र्न खाते थे। ऐसा माना जाता है कि चूँकि यह रेगीस्तानी इलाकों में रहते थे तो इनका बसेरा रेगिस्तान के उन इलाकों में होता था जहाँ पर पानी पाया जाता था। ऐसे में यह वहाँ उपजने वाले पौधे खाते थे। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि हो सकता है कि यह जीव बारिश के मौसम में बहुत ज्यादा खाना खाते रहे हों और फिर सूखे को चर्बी के बदौलत बिताते रहे हों। 

कब और क्यों विलुप्त हुए वुलकानोडोन (Vulcanodon)?

वुलकानोडोन (Vulcanodon) कब विलुप्त और कैसे विलुप्त हुए इसे लेकर कोई सटीक जानकारी वैज्ञानिकों के पास नहीं हैं। चूँकि इनके जीवाश्म ज्वालामुखी से निकलने वाले लावे में सुरक्षित मिले हैं तो ऐसा भी माना जा सकता है कि जब निचला जुरैसिक युग में इन इलाकों में ज्वालामुखी विस्फोट अपने चरम पर थे तभी यह विलुप्त हुए। 
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About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहता हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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