फरवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ
फरवरी 2022 बीते हुए काफी दिन गुजर गए और इस माह में पढ़ने लिखने का लेखा जोखा हो ही नहीं पाया। खैर, अब जाकर वक्त लगा है तो इस पर …
फरवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
फरवरी 2022 बीते हुए काफी दिन गुजर गए और इस माह में पढ़ने लिखने का लेखा जोखा हो ही नहीं पाया। खैर, अब जाकर वक्त लगा है तो इस पर …
फरवरी 2022 में पढ़ी गई रचनाएँ Read Moreफरवरी 2022 में संग्रह में जुड़ी पुस्तकें फरवरी 2022 में मेरे संग्रह में कुल छः पुस्तकें जुड़ी। इनमें से दो पुस्तकें तो पत्नी द्वारा उपहारस्वरूप दी गईं और बाकी चार …
फरवरी 2022 में संग्रह में जुड़ी पुस्तकें Read Moreवर्ष 2021 खत्म हो चुका है और वर्ष 2022 शुरू हो चुका है। जो लोग मेरे ब्लॉग पर आते रहते हैं वह जानते हैं कि जीवन में मेरे दो …
वर्ष 2021 में पढ़ी गयी रचनाओ का संक्षिप्त लेखा जोखा और वर्ष 2022 की पढ़ने को लेकर योजनाएँ Read Moreनवंबर के माह में पढ़ी गयी किताबों की बात करूँ तो नवंबर में कुल मिलाकर 16 रचनाएँ पढ़ने का मौका मिला। भाषाओ में इन्हे विभाजित करूँ तो इन रचनाओं …
नवंबर 2021 में पढ़ी गयी रचनाएँ Read Moreअक्टूबर के माह में पढ़ी गयी रचनाओं के ऊपर माहवार ब्यौरा काफी दिनों से लिख कर रखा हुआ था। सोचा था कि पहले एक दो वृत्तान्त या कुछ लेख प्रकाशित …
अक्टूबर 2021 में पढ़ी गयी रचनाएँ Read More11 जनवरी 2020 और 12 जनवरी 2020 इस वृत्तांत का पहला भाग पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें: नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2020- 1 पाँच तारीक के बाद …
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2020 – #2 Read Moreपुस्तक मेला समाप्त हो गया है। 4-14 जनवरी को चले साहित्य और पुस्तकों के इस महापर्व में मुझे भी काफी बार शिरकत करने का मौक़ा लगा। वैसे तो मैं हर …
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2020 – #1 Read More“मोटे भाई, ज़िन्दगी से इस तरह निराश नहीं होते,” भैंगा बोला, ‘चोरी, चुगली और चापलूसी का दामन पकड़ लो,ज़िन्दगी आसान हो जाएगी। मगर तुम चोरी के अलावा कुछ नहीं कर …
सस्ता साहित्य Read More2 दिसम्बर 2018, रविवार किताबी घुमक्कड़ी इस घुमक्कड़ी की आधारशिला की बात करूँ तो वो राजभारती का उपन्यास रंगमहल के प्रेत था। मैंने कुछ दिनों पहले यह उपन्यास पढ़ना खत्म …
दरियागंज संडे मार्किट: एक फक्कड़ घुमक्कड़ बना जब भुक्खड़ घुमक्कड़ Read Moreसाहित्यिक कृतियाँ सस्ते कागज़ पर छपती तो शायद पाठकों के लिए नहीं तरसती ऐसा मेरा मानना रहा है। हो सकता है मैं गलत हूँ। लेकिन इस पर विचार तो किया …
साहित्य और कीमत Read More