कमाल है!!
Image by Brian Merrill from Pixabay भीड़ है, भाड़ है, दौड़ है, भाग है, कितनी जल्दी है, कमाल है! कभी इधर, कभी उधर, कभी यहाँ कभी वहाँ आदमी बेहाल है, …
कमाल है!! Read Moreकिस बात की जल्दी है तू ठहर जरा, बैठ चाय पीते हैं दो बातें करते हैं
Image by Brian Merrill from Pixabay भीड़ है, भाड़ है, दौड़ है, भाग है, कितनी जल्दी है, कमाल है! कभी इधर, कभी उधर, कभी यहाँ कभी वहाँ आदमी बेहाल है, …
कमाल है!! Read MoreImage by Grae Dickason from Pixabay हम ढूँढते रहते है आपस में समानता, ताकि बँट सके फिर समूह में, कह सके किसी को अपना कह सके किसी को बेगाना कहते …
इनसान Read More
डर हैकि वो न निगल जाए हमेंडर है कि वो न चबा जाये हमें न हथिया ले हमारी सम्प्पतिन मार दे वो हमारे जवानों कोन लूट ले हमारी बहु बेटियों …
डर Read MoreImage by congerdesign from Pixabay मैं देखता हूँ अपने चारों तरफ तो पाता हूँ इनसान भूखे और प्यासे कुछ हैं जिन्हें है भूख रोटी की और मांगते हैं रोटी कुछ …
भूख और प्यास Read MoreImage by PublicDomainPictures from Pixabay मैं उठता हूँ, उठकर खाता हूँ, फिर जाता हूँ काम पर, बेमन से उधर अपनी ज़िंदगी को करता हूँ बर्बाद, कुछ सिक्को के खातिर, फिर …
नियति Read MoreImage by Public Affairs from Pixabay ज़ख्मो पर अपने मलहम लगाना सीख लिया, गम में भी मैंने मुस्कराना सीख लिया रात स्याह हो तो हुआ क्या भला, बन जुगनू मैंने …
ज़ख्मो पर अपने मलहम लगाना सीख लिया Read MoreImage by Benjamin Balazs from Pixabay रात को जब सो जाते हैं सारे, और मैं लेटा होता हूँ बिस्तर पर, नहीं होता कुछ भी करने को, न होता है कोई …
रात!! Read MoreImage by Free-Photos from Pixabay इन फिजाओं में ये क्या पड़ा हुआ है, क्यों नकाब हर चेहरे पर चढ़ा हुआ है, दफन करने पड़ते हैं सवाल भी हमें, ज़बाँ पर …
इन फिजाओं में ये क्या पड़ा हुआ है, Read More
सोशल मीडिया में आजकल चिल्लाने का चलन बढ़ चुका है। कभी कभी अपनी फीड देखता हूँ तो हर कोई चिल्लाता ही मालूम होता है। ऐसा नहीं है कि एक ही …
हुआँ हुआँ वो देख हमे चिल्लाता है, Read More
टूट टूट कर बार-बार मैं बनता रहा हूँ,इंसा हूँ गिर गिर कर सम्भलता रहा हूँ गमो के लिहाफ में लिपटी थी मेरी ज़िन्दगी,मैं गमों पर अपने बेसाख्ता, हँसता रहा हूँ …
इंसा हूँ गिर गिर कर सम्भलता रहा हूँ Read More