संस्मरण: इसको तो खाना नहीं दूँगा

संस्मरण पौड़ी के: ‘इसको तो खाना नहीं दूँगा’

बचपन में जब पॉपआई को पालक खाकर ब्लूटो को मारते हुए देखता तो मन में ये आता था कि पॉपआई पालक की जगह गोभी, मटर, या बैंगन खा लेता तो …

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गाँव का घर.तस्वीर 2021 की है जब उधर जाना हुआ था

संस्मरण: प्याज की सब्जी और दो पपीते

यह कबकी बात है ये तो ठीक तरह से याद नहीं। मैं तो बब्बू भैया छोटे छोटे ही थे। मैं शायद चौथी पाँचवीं में रहा हूँ और भैया शायद दसवीं …

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उग्रसेन की बावली और एक अन्य जगह जहाँ जा न सके

उग्रसेन की बावली और एक अन्य जगह जहाँ जा न सके

बहुत दिनों से मैं कहीं घूमने जाने की सोच रहा था लेकिन जा नहीं पा रहा था। आखिरी बार मार्च में मैं शंकर अंतर्राष्ट्रीय म्यूजियम, फ़िरोज़ शाह कोटला और खूनी दरवाजा गया था। उसके बाद कहीं निकलने का मौका ही नहीं लगा। फिर पिछले दो हफ़्तों से तो कमर में चोट लगी हुई है तो जाने का सवाल ही नही था।

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