मैं और वो

मैं और वो - विकास नैनवाल
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मैं देखता हूँ,
ठहरता हूँ
सोचता हूँ 
फिर चलने लगता हूँ,
सोचकर 
कि मुझे क्या,

वो देखता है,
वो ठहरता है
वो सोचता है
फिर चलने लगता है
सोचकर 
कि उसे क्या,

और 
फिर मैं 
सड़कर पर गिरा 
तड़पता रह जाता हूँ
– विकास नैनवाल ‘अंजान’

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© विकास नैनवाल ‘अंजान’

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहत हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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10 Comments on “मैं और वो”

  1. वाह शानदार, आखिर ऐसा होने तक सभी बचकर निकल ने का रास्ता अपनाते हैं।
    संवेदना हीन मानव।
    अप्रतिम।

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