फोटो निबन्ध: कोंकण तट की एक यात्रा

फोटो निबन्ध: कोकण तट की एक यात्रा

राकेश शर्मा से मेरी पहली मुलाकात माउंट आबू मीट के दौरान मई 2017 में हुई थी। उस वक्त ही मुझे पता लगा कि राकेश भाई जहाँ एक तरफ उपन्यासों के शौक़ीन तो हैं ही वहीं दूसरी तरफ घुमक्कड़ी के कीड़े ने उन्हें  भी काटा हुआ है। हम दोनों के ही ये शौक मेल खाते थे। यही कारण है कि मीट के बाद हम लोग काफी जगह इकट्ठा घूम चुके हैं। वहीं कई यात्राएँ हमने अकेले अकेले भी की हैं।  राकेश भाई वक्त मिलते ही अपनी बाइक उठाकर हवा से बातें करने लगते हैं। उनकी इन यात्राओं की खबर हमें अक्सर उनके द्वारा उनके इन्स्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड की गयी तस्वीरों से मिलती रहती हैं।

राकेश भाई की एक खासियत यह भी है कि वो कैमरे के साथ कमाल करके दिखाते हैं। यह कमाल करने के लिए वो कितनी मेहनत करते हैं यह मैंने उनके साथ की गयी यात्राओं में देखा है।

जनवरी 2020 में भी उन्होंने कोंकण तट की यात्रा की थी। कोंकण अथवा कोंकण तट , भारत के पश्चिमी तट का पर्वतीय अनुभाग हैं। यह ७२० कि.मी लंबा समुद्र तट है। कोंकण में महाराष्ट्र और गोवा के तटीय जिले आते है। यह इलाका अपनी अद्वितीय खूबसूरती के लिए पर्यटकों के बीच मशहूर है।

राकेश भाई की इस यात्रा को इस फोटो निबन्ध के रूप में प्रस्तुत करने में मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है।

राकेश भाई द्वारा ली गयी अन्य फोटोज को आप उनके इन्स्टाग्राम और फेसबुक एकाउंट्स को फॉलो करके देख सकते हैं:

फेसबुक | इन्स्टाग्राम

आरे वारे बीच, रत्नागिरी
आरे वारे तट, रत्नागिरी

आरे वारे तट, रत्नागिरी
किल्ले निवती, तट
गणपतिपुले और आरे वारे के बीच में कहीं
गणपतिपुले से आगे कहीं
गणेशशुले तट से सूर्यास्त
गणेशगुले तट- सूर्यास्त के तुरंत बाद

 

जयगढ़
देवघली तट, कशेली
देवघली तट, कशेली
भोगवे तट
मालवण की एक शाम
भगवती किला से  दिखता रत्नागिरी
शेखाड़ी तट
शेखाड़ी तट-1993 मुंबई ब्लास्ट का गोला बारूद इसी समुद्र तट उतरा था
हरीहरेश्वर तट
आशा है राकेश भाई की नजर से कोंकण को देखना आपको भी उतना ही भाया होगा जितना की मुझे भाया है।
फोटो कॉपीराईट: राकेश शर्मा
© विकास नैनवाल ‘अंजान’

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहता हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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0 Comments on “फोटो निबन्ध: कोंकण तट की एक यात्रा”

  1. बहुत बहुत शुक्रिया अपने ब्लॉग पर मेरी इस यात्रा को जगह देने के लिए❤️

  2. बहुत खूब फोटो निबंध देख कर अच्छा लगा इसी तरह से यात्रा पर जाते रहिए और अच्छी-अच्छी तस्वीरें हमें दिखाते रहिए

  3. बहुत खूब फोटो निबंध देख कर अच्छा लगा इसी तरह से यात्रा पर जाते रहिए और अच्छी-अच्छी तस्वीरें हमें दिखाते रहिए

  4. बेहद खूबसूरत …कोंकण तट के बारे में कभी भूगोल में पढ़ा था । समुद्र तट के सूर्योदय और सूर्यास्त की तो बात ही निराली है । संग्रहणीय फोटो संकलन ।

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