पिछली पोस्ट में हमने अबायोजेन्सिस की बात की। इस पोस्ट में हम एक कदम आगे बढ़ेंगे। अगर हम जीवित चीजों को देखते हैं तो पाते हैं कि हर जीवित चीज कोशिका (cell) से बनी हुई है। जीव या तो एक कोशिकीय (single celled) होते हैं या बहुकोशकीय (multicellular )होते हैं। बहुकोशिकीय जीव कई तरह के कोशिकाओं से बनते हैं। यानि धरती पर आए जीवन की बात करें तो कोशिका का उत्पन्न होना जीवन के उत्तपन होने के अगली इकाई है।
कोशिका (Cell)
लेकिन पहला सेल कब धरती पर आया यह ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर किसी के पास नहीं है। केवल अटकलें ही लगाई जाती हैं क्योंकि प्रयोगशालाओं में अभी इसे दोहराने में सफलता हासिल नहीं हो पाई है लेकिन फिर भी प्रयोग किये गए हैं जिससे कुछ कुछ अंदाजा तो हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि पहले सेल्स 3.8 अरब साल पहले आए थे।
मिलर के प्रयोगों से 1950 में ही यह बात साबित हो गई थी कि जैविक अणु कैसे अजैविक अणुओ से बने थे। इसके बाद इन जैविक अणुओ से दीर्घाणु (macromolecule) बने। इन दीर्घाणु में से केवल वही दीर्घाणु जीवन के आने में सहयोग कर सकते थे जो कि सेल्फ-रेपलिकेट कर सके यानि खुद की एक कॉपी बना सके। ऐसा दीर्घाणु नाभिकीय अम्ल (nucleic acids) ही था जो कि ऐसा कर सके। 1980 में सिड एल्टमैन (Sid Altman) और टॉम केक (Tom chec) द्वारा किये गए प्रयोगों से यह बात सामने आई कि आरएनए (राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल) के अंदर ऐसे गुण है कि यह खुद की कॉपी पैदा कर सकता है। इसलिए ये भी माना जाता है कि पहला सेल फॉसफोलिपिड की झिल्ली के अंदर ऐसे आरएनए जो खुद की कॉपी बना सकता हो, के कैद होने से बना होगा।
इसके बाद काफी वक्त तक धरती पर केवल एक कोशकीय जीवों का ही राज रहा था। अगर वैज्ञानिकों की मानें तो बहुकोशकीय जीव धरती पर केवल 0.9 अरब साल पहले ही आए थे। यानि 2.8 अरब सालों तक धरती पर इन एक कोशकीय जीवों का ही राज रहा।
इस दौरान धरती पर क्या हुआ ये सब अगली पोस्ट में पढ़ेंगे।
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शानदार आलेख…….. 😊😊😊😊😊😊😊😊…… पर मूल प्रश्न यही है कि cell आये कहाँ से….. 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
रोचक जानकारी
पोस्ट को चर्चाअंक में शामिल करने के हेतु हार्दिक आभार।
आभार मैम।
आभार। अबायोजेनिसिस से…
व्यवस्थित क्रम से तथ्यों पर आधारित लाजवाब पोस्ट ।
पोस्ट आपको पसंद आया यह जानकर अच्छा लगा मैम। आभार।
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (06-04-2022) को चर्चा मंच "अट्टहास करता बाजार" (चर्चा अंक-4392) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' —