गूगल सर्च का प्रयोग हम लोग रोज मर्रा की ज़िन्दगी में करते ही रहते हैं। अगर आप इस लेख को पढ़ रहे हैं तो मैं ये मानकर चल रहा हूँ कि आपने गूगल के सर्च इंजन का उपयोग जीवन में एक न एक बार किया ही होगा। मैं भी अक्सर करता हूँ। लेकिन आपको गूगल में कुछ चीज ढूंढनी होती है तो आप इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं? मैंने अक्सर देखा है कि लोग अक्सर पूरे के पूरे वाक्य ही सर्च इंजन में डाल देते हैं। ऐसे करने से कुछ न कुछ मिल जायेगा लेकिन ज्यादातर मामले में जो चीजें आती हैं वो शायद आपके काम की न हों। वहीं गूगल के अपने कुछ हैक्स हैं जिन्हे इस्तेमाल करके आप अपने गूगल सर्च से ज्यादा से ज्यादा फायदा ले सकते हैं।
देखिये, अपने ब्राउज़र (फायर फॉक्स, क्रोम, इन्टरनेट एक्स्प्लोरर या मोबाइल का ब्राउज़र) पर आप जो भी चीज देखते हैं वो एक वेब पृष्ठ है। फिर चाहे वो फेसबुक का होम पेज हो, इस ब्लॉग का यह पृष्ठ हो या किसी भी साईट का कोई भी पृष्ठ हो। सारी जानकारी वेब पृष्ठों में ही दर्ज होती है जिन्हें ब्राउज़र पढ़ने में और दर्शाने में सक्षम होते हैं।
अब बात आती है कि गूगल या कोई भी सर्च इंजन काम कैसे करता है?
गूगल के पास अपने कुछ प्रोग्राम्स(क्रॉलर, स्पाइडर) हैं जो कि इन वेब पृष्ठों को पढ़ते हैं। वेब पृष्ठ पढ़ने के बाद उस पृष्ठ में मौजूद शब्दों के आधार पर वह यह अंदाजा लगाते हैं कि पृष्ठ में मौजूद जानकारी किस विषय में है। वो ऐसे ही हर वेब पृष्ठ का कुछ चुनिन्दा शब्दों से मिलान कर देते हैं जिन्हें “कीवर्ड” कहा जाता है।
अब जब भी कोई उपभोगता सर्च इंजन में कुछ भी लिखकर डालता है तो वो इन शब्दों का कीवर्ड की तरह इस्तेमाल करते हैं और ऐसे कीवर्ड्स के साथ मिलान किये हुए पृष्ठों को दर्शाते हैं।
यह कोई नयी तकनीक नहीं है। हमारा मष्तिष्क कुछ हद तक ऐसे ही काम करता है। उदाहरण के लिए अगर मैं कर्कश शब्द सुनूँ तो मेरे दिमाग में सबसे पहले ख्याल कव्वे की ध्वनि का आता है। आपके दिमाग में भी कुछ न कुछ आता होगा। कर्कश कीवर्ड है जिसके साथ कव्वे का मिलान मेरे दिमाग ने किया है। हो सकता है आपके मामले में यह कुछ और हो। ऐसे ही सर्च इंजन भी हैं। इसलिए आपने देखा होगा कि हर सर्च इंजन के सर्च रिजल्ट में फर्क होता ही है।
यह एक मोटा मोटी प्रक्रिया है। इसमें आगे और भी कई चीजें जुड़ती हैं। सर्च रिजल्ट की वरीयता तय करना, यह सुनिश्चित करना कि प्रासंगिक चीज ही उपभोगता तक तेजी से जाये। अप्रासंगिक चीजों को हटाना। इन सब चीजों को करने के लिए नियम होते हैं जिन्हें अल्गोरिथम कहते हैं। यही वो अल्गोरिथम हैं जिनके ऊपर गूगल या दूसरे सर्च इंजन के वैज्ञानिक दिन रात काम करते हैं। ये नियम क्या हैं ये कंपनी के ऊपर निर्भर करता है।
इधर नोट करने वाली बात यह है कि जब भी आप गूगल से प्रश्न कर रहे हैं तो उसे समझ ज्यादा कुछ नहीं आ रहा है। उसके लिए वो केवल एक शब्द समूह है जिसके आधार पर वो अपने डेटाबेस को खंगालता है और उन पृष्ठों को ढूँढकर लाता है जिनका मिलान उन शब्द समूहों से हुआ है।
इधर वो शब्द समूह एक साथ इस्तेमाल हो सकते हैं या पृष्ठ में अलग अलग भी आये हो सकते हैं। आपने कई बार देखा होगा आप किसी विशेष नाम को तलाशेंगे तो आपको कई बार ऐसे रिजल्ट मिलते हैं जिसमें पहला नाम भी मौजूद रहता है और दूसरा भी लेकिन वो अलग अलग व्यक्तियों के होते हैं। जैसे उदाहरण के लिए आपने विकास नैनवाल सर्च किया तो उसमें कुछ रिजल्ट ऐसे होंगे जिसमें विकास सिंह और मनीष नैनवाल वाले पृष्ठ भी दिखेंगे। यह इसलिए है क्योंकि गूगल उसे एक शब्द समूह की तरह देख रहा है और उससे जुड़े सब पृष्ठ दिखालने की कोशिश कर रहा है। यही कारण होता है कि कई बार आप एक चीज तो ढूंढ रहे होते हैं लेकिन आपके मन के मुताबिक़ वेब पृष्ठ आपको मिल नहीं पाते हैं।
यह बात गूगल को भी पता है और इसलिए उसने कुछ ऐसे तरीके बनाये हैं जिससे आप उसे सही तरह से निर्देश दे सकते हैं और वह उन निर्देशों का पालन कर सही रिजल्ट लाने में मदद कर सकता है। तो आइये जानते हैं कि आप यह काम कैसे कर सकते हैं:
बूलियन ऑपरेटर्स का इस्तेमाल
बूलियन ओप्रेटर ऐसे शब्द या चिन्ह हैं जिन्हें सर्च कीवर्ड्स के साथ इस्तेमाल करके आप गूगल को और ज्यादा साफ़ तरीके से बता सकते हैं कि आपको क्या चाहिए। यह निम्न हैं:
AND
उदाहरण: vikas and nainwal
यह सर्च उन्ही पृष्ठों को दर्शाने में वरीयता देगा जिसमें ये दोनों शब्द पृष्ठ में कहीं न कहीं आये होंगे। हाँ,अगर कहीं भी ऐसा नहीं हुआ है तो फिर वो ऐसे पृष्ठ दिखलायेगा जिसमें कोई एक शब्द तो हो ही।
OR
उदाहरण: vikas or nainwal
यह सर्च ऐसे सभी पृष्ठों को दर्शायेगा जिसमें या तो vikas आया है या nainwal
– or NOT
उदाहरण : vikas -Nainwal
यह ऐसे सर्च को दर्शायेगा जिसमें विकास तो होगा लेकिन नैनवाल नहीं
-site:
उदाहरण: vikas nainwal -facebook.com:
अगर आप चाहते हैं कि एक साईट को छोड़कर बाकी सभी रिजल्ट दिखे तो आप इस ओप्रेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऊपर वाले उदाहरण में वो vikas nainwal को सर्च तो करेगा लेकिन facebook के रिजल्ट को नहीं दर्शायेगा
“”
उदाहरण : “vikas nainwal”
इससे वही शब्द ढूँढने की कोशिश करेगा जो कि कोट्स के अन्दर है। हाँ, जब उसे ऐसे शब्द एक साथ नहीं मिलेंगे तो फिर वो अपने हिसाब से रिजल्ट देने लगेगा।
बूलियन ओप्रेटर के अलावा कुछ और कीवर्ड्स हैं जिन्हें अपनी सर्च के आगे जोड़ने से आप अपने सर्च को और सटीक बना सकते हैं। चलिए उन्हें भी देखते हैं:
1. intext:
उदाहरण: intext:economy downfall
इससे गूगल वेब पृष्ठ के टेक्स्ट में ही इस टर्म को ढूँढेगा। अगर यह टर्म पृष्ठ के टाइटल में तो है लेकिन पृष्ठ के टेक्स्ट में नहीं है तो उसकी वरीयता वो सबसे नीचे कर देगा।
2. site:
उदाहरण: economy downfall site:.edu
इससे आप किस तरह की साइट्स से रिजल्ट आने चाहिए यह निर्धारित कर सकते हैं। जैसे ऊपर दिये उदाहरण में केवल उन्ही साईट से रिजल्ट आएगा जिसके डोमेन में .edu होगा। अगर कुछ नहीं मिला तो ही दूसरे रिजल्ट दिखायेंगे।
3.filetype:
उदाहरण: economic downfall filetype:pdf,economic downfall filetype:doc
इससे आप जिस तरह की file खोजना चाहो वो खोज सकते हो। जैसे पहले वाले सर्च में pdf file आयेंगे और दूसरे वाले में doc file
4.allintitle:
उदाहरण: allintitle:”economic downfall”
यह उन्ही वेब पृष्ठ को सबसे ऊपर वरीयता देगा जिनके शीर्षक में यह शब्द होंगे।
5.inurl or allinurl:
उदाहरण : inurl:”jhelum river” OR allinurl:“jhelum river”
ऐसे लिखने से गूगल उन्ही वेब पृष्ठ को पहले लायेगा जिनके यूआरएल यानी एड्रेस में यह शब्द होंगे
6.define:
उदाहरण:
define:disorder
यह किसी भी शब्द की परिभाषा दर्शायेगा या उसका अर्थ बता देगा।
यहाँ ये ध्यान रखने वाली बात है कि अगर बूलियन या ऊपर दिये कीवर्ड के हिसाब से इंजन को सर्च परिणाम नहीं मिलते हैं तो वो फिर परिणाम अपने हिसाब से दिखायेगा। इसमें मैं और आप कुछ नहीं कर सकते हैं।
बूलियन ओपरेटर और ऊपर दिये विशेष कीवर्ड के अलावा गूगल की कुछ विशेष सेवाएं हैं जिनका उपयोग आप अपनी जरूरत के हिसाब से कर सकते हैं:
1.Scholar(http://scholar.google.com)
जैसा कि नाम से जाहिर है इसमें आप केवल अकादमिक चीजें जैसे लेख इत्यादि खोज सकते हैं।
2.Google Finance(http://finance.google.com)
इसमें फाइनेंस से जुडी चीजों के विषय में आप सर्च कर सकते हैं।
3.News(https://news.google.com)
जैसा कि नाम से जाहिर है आप समाचार इसमें सर्च कर सकते हैं
4.Google Blogs(http://blogsearch.google.com)
अगर केवल ब्लॉग को सर्च करना है तो इधर सर्च कर सकते हैं।
ऊपर दिये तरीकों से आप अपनी सर्च रिजल्ट को और ज्यादा प्रासंगिक कर सकते हैं।अंत में गूगल एक मशीन है और वह काम आपके निर्देश पर ही करेगी। आप जितनी सटीकता से अपने निर्देश को दे पाएंगे उतनी ही सटीकता से वह आपके लिए जानकारी ला पायेगा। ऊपर दिये चीजों का इस्तेमाल आप करेंगे तो आप पाएंगे कि आपको ज्यादातर मामलों में वही जानकारी मिल रही है जो कि आपको चाहिए थी।
उम्मीद है कि यह जानकारी आपके काम आएगी और आप और बेहतर तरीके से गूगल सर्च का उपयोग कर पाएंगे।
मुझे यह जानकारी निम्न साईट पर काफी पहले मिली थी। तब से मैं इसका इस्तेमाल कर रहा हूँ। साईट अंग्रेजी में है। मैंने इधर कुछ चुनिन्दा चीजें ही लिखी हैं जो कि आप लोगों के काम आएगी। आपको और जानकारी चाहिए तो आप निम्न साईट में जाकर इसे पढ़ सकते हैं:
southern.libguides.com
© विकास नैनवाल ‘अंजान’
बहुत बढ़िया विकास भाई। अच्छी जानकारी।
बढ़िया जानकारी
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 12/01/2019 की बुलेटिन, " १५६ वीं जयंती पर स्वामी विवेकानन्द जी को नमन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
शुक्रिया, सिद्धार्थ भाई।
शुक्रिया,संजय सर।
शुक्रिया, हरीश भाई।
बुलेटिन में पोस्ट सम्मिलित करने के लिए दिल से धन्यवाद शिवम जी।
उपयोगी जानकारी।
हार्दिक आभार, सर।
बहुत बढ़िया जानकारी !!