मनुष्य से पहले: H से History of Multicellular Organisms

 

पिछली पोस्ट मनुष्य से पहले: E से Eukaryote में हमने जाना कि था जो ज्यादातर बहुकोशकीय जीव हैं वह यूकैरियोटिक कोशिकाओं से ही निकले थे। आज सोचा बहुकोशकीय जीवों के विषय में एक संक्षिप्त लेख लिखा जाए जो बहुत कोशकीय जीवों के इतिहास से आपका परिचय कराए।

 

क्या होते हैं बहुत कोशकीय जीव?

वह जीव जो कि कई कोशिकाओं से बने हुए होते हैं बहुकोशकीय जीव कहलाते हैं। जानवरों, एम्ब्र्योफाइट (land plants) की सभी प्रजातियाँ और कवकों (Fungi) की ज्यादातर प्रजातियाँ बहुकोशकीय होती हैं। शैवाल की कई प्रजातियाँ भी बहुकोशकीय होती हैं। 

कब आये बहुकोशकीय जीव? 

ऐसा माना जाता है कि स्वतंत्र रूप से बहुकोशकीय रूप यूकैरियोटिक जीवों में पच्चीस अलग-अलग बार आया और कुछ प्रोकैरियोट जैसे सायनोबैक्टीरिया, मायक्सोबैक्टीरिया इत्यादि में भी आया लेकिन जटिल बहुकोशकीय जीव यूकैरियोट के छः समूहों से ही विकसित हुए। यह छः समूह जानवर (animals), भूरे शैवाल (brown algae), लाल शैवाल (Red Algae), हरे शैवाल (green algae) और भूमि पौधे (land plants) में आया।
धरती पर बहुकोशकीय जीव कब आए यह ऐसा सवाल है जिसका उत्तर देना बहुत मुश्किल है। पहला जीव कौन था यह बात इस पर निर्भर करती है कि हमारे पास किस जीव के होने के सबूत हैं। ऐसे में हो सकता है कि हमारे पास सबसे पहले बहुकोशकीय जीव की उत्पत्ति के पूरे सबूत ही न हों। इस बात को सही से समझने के लिए निम्न उदाहरण देखिए:

बाईसेलम ब्रेसियरी (Bicellum brasieri)

2021 में मिले एक जीवाश्म से वैज्ञानिकों ने यह नतीजा निकाला है कि पहला बहुकोशकीय जीव 1 अरब साल पहले आया था। यह जीव दो कोशिकाओं से मिलकर बना था और इसका नाम बाईसेलम ब्रेसियरी (Bicellum brasieri) कहा गया है। अब ये माना जा रहा है कि पहला बहुकोशकीय जीव कैंब्रियनपूर्व वक्त में 3 से 1 अरब साल पहले आ गए थे। 
बाईसेलम ब्रेसियरी, स्रोत: Paul Strother

वहीं इससे पहले  ऐसा माना जाता था कि धरती पर पहली बार बहुकोशकीय जीवन 66 करोड़ साल पहले विकसित हुआ था।  ऐसा कहा जाता था कि पहले बहुकोशकीय जीव स्पंज (sponge) थे। एक ऐसा अणु जो कि जीवन के लक्षण रिकार्ड करता है और केवल स्पंज में पाया जाता है हमें मिला था जिसकी उम्र 63.5 से 66 करोड़ साल पुरानी बताई गई थी। 

क्या होता है स्पंज? 

मनुष्य से पहले: H से History of Multicellular Organisms
स्पंज: स्रोत: जॉन हॉपकिंस न्यूज लेटर

स्पंज एक बहु कोशकीय जीव है जो कि पानी में पाया जाता है। यह जीव पानी से अपनी खुराक लेता है। चूँकि स्पंज के पास कोई मजबूत कंकाल नहीं होता है इसलिये इनके होने की संभावना वैज्ञानिक ऐसे अणु से लगाते हैं  जो कि स्पंज में ही पाए जाते हैं। अगर अणु मिलते हैं उन्हें ही उनके होने का सबूत मान लिया जाता है। 
धरती में आज के वक्त स्पंज के 10 हजार से भी ऊपर प्रजातियाँ पाई जाती हैं। 

ऊपर दिए दो उदाहरणो ने यह बात साबित कर दी है कि हमारा ज्ञान अभी बढ़ रहा है। हो सकता है बहुकोशकीय जीव बाईसेलम ब्रेसियरी (Bicellum brasieri) से पहले से धरती पर हों लेकिन उनकी उत्पत्ति का कोई सबूत हमारे पास ही न हो। 

धरती में मौजूद बहुकोशकीय जीवन से जुड़ी एक और घटना है जिसका उल्लेख इधर करना जरूरी है। यह घटना कैम्ब्रियन विस्तार (cambrian explosion) कहलाता है। यह वह वक्त जो कि, 54 करोड़ साल पहले से 48 करोड़ साल पहले का वक्फा है,  के विषय में कहा जाता है कि इस दौरान धरती पर तेजी से जीव-जंतुओं का विकास हुआ और कई प्रजातियाँ उत्पन्न हुई। यही वह वक्त है जिसके बाद धरती पर जटिल बहुकोशकीय जीवों की उत्पत्ति हुई। क्या था कैम्ब्रियन विस्तार, कैसी प्रजातियाँ इसमें उत्पन्न हुई और क्यों ऐसा हुआ यह ऐसी बातें जिनके विषय में कभी किसी और दिन विस्तार से लिखेंगे। 

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About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहता हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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