मनुष्य से पहले: L से Liopleurodon

 

कहा जाता है धरती पर 71 प्रतिशत पानी है।  ऐसा भी माना जाता रहा है कि 4 से 2.5 अरब साल पहले तक धरती पूरी तरह जलमग्न थी। और इसी कारण धरती पर ज़िंदगी की शुरुआती वर्षों में जीव पहले पानी में आए और बाद मे जमीन पर उन्होंने अपने पैर जमाए। अब हालत ये हो चुकी है आज के वक्त में धरती पर पाये जाने वाले 80  प्रतिशत से ज्यादा जीव जमीन पर पाये जाते हैं और बाकी पानी में पाये जाते हैं। 
लेकिन चूँकि हम मनुष्य से पहले की धरती के विषय में जान रहे हैं तो उस वक्त पानी में काफी रोचक जीव रहा करते थे। तो ये सोच कर ख्याल आया कि कुछ पोस्ट्स पानी में रहने वाले उन जीवो के विषय में लिखी जाए जो मनुष्य से पहले रहा करते थे। 
चूँकि शृंखला की पोस्ट में अंग्रेजी की वर्णमाला के अक्षर का भी ध्यान रखना है टो पोस्ट उसी हिसाब से होगी। यही कारण है कि पिछली पोस्ट में हमने जेली फिश के विषय में कुछ जाना और अब इस पोस्ट में हम एक अन्य जीव के विषय में जानेंगे जो कि कई साल पहले  समुद्र में रहा करता था। 
फर्ज कीजिए आप अपने दोस्तों के साथ समुद्र की गहराइयों में स्कूबा डाइविंग कर रहे हैं और अचानक आपके पास एक 21 फीट लंबा मांसाहारी जीव प्रकट हो जाता है। ऐसा जीव जो आपको जबड़ों में लेकर आपको ऐसे चबाने की ताकत रखता हो जैसे आप कुरकुरे चबा जाते हैं। ऐसे जीव के आमने सामने आकर आप क्या करेंगे? आपका पता नहीं मेरे तो होश फाख्ता होंगे। 
ऐसे ही जीव हुआ करते थे लाइओप्लूरोडॉन (Liopleurodon)। ये क्या होते थे और कब पाए जाते थे ये हम बाद में जानेंगे लेकिन मैं चाहता हूँ उससे पहले आप इन जीवों के जरा दर्शन कर कर लीजिए।
लाइओप्लूरोडॉन,स्रोत: toptenz

 

क्या थे लाइओप्लूरोडॉन (Liopleurodon)?

लाइओप्लूरोडॉन (Liopleurodon), जिसका अर्थ चिकने कोनों वाले दाँत (smooth sided tooth) होता है, समुद्र में पाए जाने वाले सरिसर्प (reptile) थे। यह जीव माँसाहारी होते थे जो प्लियोसोआरेडिया संघ के अंतर्गत आते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इन जीवों में सबसे बड़ा जीव 33 फीट तक का था जबकि औसतन ये जीव 16 से 23 फीट के करीब ही हुआ करते थे। इन जीवों के चार पैडल रूपी अंग होते थे जिनकी बदौलत यह काफी फुर्ती से शिकार करने की कुव्वत रखते थे। वहीं वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि यह पानी में अपने शिकार की गंध से उनकी स्थिति का पता भी लगा सकते थे। यानि अगर अपनी पर आ जाएँ तो बचने का मौका कम ही मिलने वाला था। वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि जब यह जीव रहा करते थे तब ये अपने इलाके के सबसे खतरनाक शिकारी हुआ करते थे। 

कब और कहाँ पाये जाते थे लाइओप्लूरोडॉन (Liopleurodon) ?

लाइओप्लूरोडॉन (Liopleurodon) 16 से 15 करोड़ साल पहले धरती पर पाये जाते थे। चूँकि लाइओप्लूरोडॉन (Liopleurodon) के जीवाश्म ज्यादातर इंग्लैंड और फ्रांस में पाये गए हैं तो वैज्ञानिक ये भी मानते हैं कि आज के यूरोप के समुद्रों में यह राज करा करते थे।  
मनुष्य की तुलना में एक लाइओप्लूरोडॉन, स्रोत: प्रीहिस्टोरिक वाइल्डलाइफ
तो यह थी लाइओप्लूरोडॉन (Liopleurodon) के विषय में कुछ जानकारी। 
अगली बार मिलते हैं किसी अन्य समुद्री जीव के साथ जो कि धरती पर रहते थे मनुष्य से पहले। 
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स्रोत: 

About विकास नैनवाल 'अंजान'

मैं एक लेखक और अनुवादक हूँ। फिलहाल हरियाणा के गुरुग्राम में रहत हूँ। मैं अधिकतर हिंदी में लिखता हूँ और अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी अनुवाद भी करता हूँ। मेरी पहली कहानी 'कुर्सीधार' उत्तरांचल पत्रिका में 2018 में प्रकाशित हुई थी। मैं मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी नाम के कस्बे के रहने वाला हूँ। दुईबात इंटरनेट में मौजूद मेरा एक अपना छोटा सा कोना है जहाँ आप मेरी रचनाओं को पढ़ सकते हैं और मेरी प्रकाशित होने वाली रचनाओं के विषय में जान सकते हैं।

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5 Comments on “मनुष्य से पहले: L से Liopleurodon”

  1. बहुत अच्छी जानकारी। लिखने का अंदाज़ ऐसा कि आँखों के आगे चित्र नहीं चलचित्र सा चल रहा था.

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