इस शृंखला की पोस्ट अगर आप पढ़े तो कई बार उन्हें पढ़ते हुए यह मुगालता भी हो सकता है कि मनुष्यों से पहले धरती पर डायनोसॉरों का ही अस्तित्व था लेकिन असल में ऐसा नहीं था। दूसरे प्रकार के जीव भी उस वक्त रहते थे लेकिन क्या करें डायनोसॉर अपने आकार और अपने रूप के कारण आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। यही कारण है कि बीच-बीच में मैं ऐसे जीवों का जिक्र भी करता हूँ जो कि डायनोसॉर से इतर थे। इस पोस्ट में भी मैं आपको छः ऐसे जीवों के विषय में बताऊँगा जो कि दिखने में भले ही उनके आकर्षण न पैदा करते हो लेकिन उनका अस्तित्व भी उस वक्त था। वहीं चूँकि आज का शीर्षक एस से होना है तो इस लेख में हम जिन जीवों का जिक्र करेंगे उन सभी का नाम एस से ही होगा।
तो चलिए देखते हैं कि वह कौन से जीव हैं:
सैक्कोरहायटस (Saccorhytus)
सैक्कोरहायटस (Saccorhytus) ड्यूटेरोस्टोमिया (Deuterostomia) संघ के जीव थे जो कि धरती में लगभग 54 करोड़ साल पहले रहा करते थे। सैक्कोरहायटस (Saccorhytus) ग्रीक भाषा के दो शब्दों से बना है जिसमें सैक्कस का अर्थ बैग यानी और राइटस का अर्थ झुर्रिया होता है। इस जीव की एक ही प्रजाति सैक्कोरहायटस कोरोनाराइस (Saccorhytus Coronarius) ही के विषय में वैज्ञानिकों को आजतक पता लग पाया है।
सैक्कोरहायटस (Saccorhytus)
1 मिलीमीटर लंबे जीव होते थे जिनका शरीर गोलाकार होता था। वैज्ञानिकों के हिसाब से यह जीव खारे पानी और ताजे पानी दोनों में ही रहा करते थे। ऐसा माना जाता है कि यह जीव ही कई
मनुष्यों समेत कई जानवरों का पूर्वज था पर कई वैज्ञानिक इसे दूर की कौड़ी भी मानते हैं।
इस जीव के जीवाश्म सबसे पहले चीन के शेनसी ( Shaanxi) इलाके में 2017 में पाए गए थे।
सैंक्टाकारिस (Sanctacaris)
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सैंक्टाकेरिस, स्रोत: विकिपीडिया |
सैंक्टाकारिस (Sanctacaris) 50 से 49 करोड़ साल पहले पाए जाने वाले जीव थे जो कि 46 से 93 मिलीमीटर लंबे हुआ करते थे। इसके जीवाश्म ब्रिटिश कोलम्बिया के बर्गेस शेल में पाए गए थे। यह जलीय जीव थे जिसके बारे में वैज्ञानिकों का विचार है कि शिकारी हुआ करते थे। यह पानी में शिकार की तलाश में तैरते रहते थे और जैसे ही इन्हें शिकार मिलता था यह उसके ऊपर आकर तेजी से उसके ऊपर गिर से जाते थे। यह अपने से छोटे जीवों का ही शिकार करते थे।
साईफसऔक्टम (Siphusauctum)
साईफसऔक्टम (Siphusauctum) 51 करोड़ साल पहले पाए जाने वाले फ़िल्टर फीडर, ऐसे जीव जो कि पानी को छानकर उसमें तैरने वाली चीजों से भोजन लायक चीजें लेते हैं, थे। ये 7.9 इंच (200 milimeter) लंबे जीव थे जिनका शरीर ट्यूलिप पौधों जैसा होता था। यह जीव उत्तरी अमेरिका में पाए जाते थे।
सानाजे (Sanajeh)
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सानाजे एक सॉरापोड के घोसले में, स्रोत: विकिपीडिया |
सानाजे पश्चिमी भारत में पाए जाने वाले मैडसोइइडे प्रजाति के साँप थे जो कि धरती में 6 करोड़ साल पहले पाए जाते थे। यह जीव 11 फीट तक लंबे हो जाया करते थे। खाने की बात करी जाए तो वैज्ञानिकों का मानना है कि यह जीव छोटे जानवर और थेरोपोड के अंडे खाते थे।
सेबेकस (Sebecus)
सेबेकस (Sebecus), जिसका नाम मिस्र के प्राचीन देवता सोबेक (जो कि मगरमच्छ की तरह लगता था) पर पड़ा है, 5.9 करोड़ से 3.7 करोड़ साल पहले पाए जाने वाले जीव थे जो कि क्रोकोडायलोमॉर्फ प्रजाति के जीव थे। पूर्ण रूप से जमीन में रहने वाले यह जीव मांसाहारी थे। यह जीव दक्षिण अमेरिका में पाए जाते थे। यह जीव 7 फीट से 10 फीट तक लंबे होते थे। इसके थूथन और दाँतों को देखकर वैज्ञानिकों के यह अंदाजा लगाया है कि इन जीवों के जबड़ों में काफी ताकत मौजूद थी और यह मोटी खाल वाले जीवों को भी अपने मजबूत जबड़ों के बीच में कुचलने की ताकत रखते थे।
सिल्वाकोला (Silvacola)
सिल्वाकोला आज से 5 करोड़ साल पहले उत्तर अमेरिका में पाए जाने वाले जीव थे जो कि एरिनासीडे वंश, जिसमें आज के हेजहॉग, मूनरैट भी आते हैं, में आते थे। यह दो से तीन इंच लंबे होते थे और ऐसा माना जाता है कि आज तक पाए गए एरिनासीड वंश के जीवों में से यह सबसे छोटे जीव थे। वैज्ञानिकों ने इनके दाँतों से यह अंदाजा लगाया है कि यह सर्वाहारी थे जो कि ऐसे छोटे छोटे कीड़े मकोड़े और पौधे खाते थे जो इन्हें जंगल के फर्श पर पड़े मिलते थे। यह जीव उत्तर अमेरिका में पाए जाते थे।
तो ये थे डायनोसॉर से इतर कुछ जीव जो कि मनुष्यों से इतर धरती पर विचरण किया करते थे। उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आई होगी।
स्रोत:
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सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (24-4-22) को "23 अप्रैल-पुस्तक दिवस"(चर्चा अंक-4409) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत ही रोचक जानकारी
विलुप्त जीवधारियों के जानकारी देता बहुत ही रौचक एवं ज्ञानवर्धक लेख।
चर्चा अंक में मेरी पोस्ट को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार।
जी आभार।
लेख आपको रोचक लगा यह जानकर अच्छा लगा। आभार, मैम।
बहुत बढ़िया अनुज ज्ञानवर्धक पोस्ट।
सादर
जी आभार मैम